⚫️ मुग़ल साम्राज्य ⚫️
( Mughal Empire )
( Mughal Empire )
◼️ मुगल कौन थे? :- गूगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे | माता की ओर से वे चीन और मध्य एशिया के मंगोल शासक चंगेज खान के वंशज थे तथा पिता की ओर से वे ईरान, इराक व वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर लंग के वंशज थे परंतु ये शासक मुगल या मंगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे |
🔹 तैमूर ने 1398 ईo में दिल्ली पर आक्रमण किया | 1404 ईo में तैमूर लंग की मृत्यु हो गई |
🔹 तैमूर ने 1398 ईo में दिल्ली पर आक्रमण किया | 1404 ईo में तैमूर लंग की मृत्यु हो गई |
◼️ बाबर 12 वर्ष की उम्र में 1494 ईo में फरगना का शासक बना |
🔹 1504 ईo में बाबर ( Babar ) ने काबुल पर कब्जा कर लिया |
🔹 1526 ईo में बाबर ने पानीपत की प्रथम लड़ाई ( First Battle Of Panipat ) में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्जा कर लिया |
🔹 पानीपत की पहली लड़ाई में पहली बार तोप और गोला-बारूद का प्रयोग हुआ |
🔹 1504 ईo में बाबर ( Babar ) ने काबुल पर कब्जा कर लिया |
🔹 1526 ईo में बाबर ने पानीपत की प्रथम लड़ाई ( First Battle Of Panipat ) में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्जा कर लिया |
🔹 पानीपत की पहली लड़ाई में पहली बार तोप और गोला-बारूद का प्रयोग हुआ |
◼️ जहांगीर( Jahangir ) की मां कच्छवा की राजकुमारी थी | वह अम्बेर (जयपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी |
🔹 शाहजहां ( Shahjahan ) की मां एक राठौड़ राजकुमारी थी | वह मारवाड़ (जोधपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी |
🔹 शाहजहां ( Shahjahan ) की मां एक राठौड़ राजकुमारी थी | वह मारवाड़ (जोधपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी |
◼️ मनसब : मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह ‘मनसबदार‘ कहलाए |
🔹 मनसबदारी प्रणाली वास्तव में मुगलों द्वारा चलाई गई श्रेणी व्यवस्था थी जिसके द्वारा पद, वेतन एवं सैन्य-उत्तरदायित्व दिए जाते थे |
🔹 जात की संख्या जितनी अधिक होती थी अभिजात का सम्मान उतना ही बढ़ जाता था | उसका वेतन भी अधिक होता था |
🔹 अकबर ( Akbar ) के समय में 5000 की जात वाले 29 मनसबदार थे |
🔹 औरंगजेब ( Aurangjeb ) के शासनकाल में 5000 की जात वाले 79 मनसबदार थे |
🔹 अकबर के समय में मुगल साम्राज्य में 15 सूबे थे तथा औरंगजेब के समय में सूबों की संख्या 21 हो गई थी |
🔹 मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाले भूमि के रूप में पाते थे जिन्हें जागीर कहते थे | यह ‘इक्ता प्रणाली‘ के समान थी |
🔹 मनसबदारी प्रणाली वास्तव में मुगलों द्वारा चलाई गई श्रेणी व्यवस्था थी जिसके द्वारा पद, वेतन एवं सैन्य-उत्तरदायित्व दिए जाते थे |
🔹 जात की संख्या जितनी अधिक होती थी अभिजात का सम्मान उतना ही बढ़ जाता था | उसका वेतन भी अधिक होता था |
🔹 अकबर ( Akbar ) के समय में 5000 की जात वाले 29 मनसबदार थे |
🔹 औरंगजेब ( Aurangjeb ) के शासनकाल में 5000 की जात वाले 79 मनसबदार थे |
🔹 अकबर के समय में मुगल साम्राज्य में 15 सूबे थे तथा औरंगजेब के समय में सूबों की संख्या 21 हो गई थी |
🔹 मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाले भूमि के रूप में पाते थे जिन्हें जागीर कहते थे | यह ‘इक्ता प्रणाली‘ के समान थी |
◼️ अकबर के राजस्व मंत्री टोडरमल ( Todarmal ) थे | उसने 10 साल 1570 से 1580 ईसवी की काल अवधि के लिए कृषि की पैदावार, कीमतों और कृषि भूमि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण किया | इन आंकड़ों के आधार पर प्रत्येक फसल पर नकद कर निश्चित कर दिया गया | उसकी इस प्रणाली को ‘जब्ती प्रणाली’ ( Jabti System ) कहा जाता है |
🔹 10 वर्षों के इस बंदोबस्त को ‘जामा-ए-दहसाला’ ( Jama-e-Dahsala ) भी कहा जाता है |
◼️ अबुल फजल ने ‘अकबरनामा’ ( Akbarnama ) पुस्तक लिखी | इसकी 3 जिल्द हैं | पहली जिल्द में अकबर के पूर्वजों का वर्णन है, दूसरी जिल्द में अकबर के शासनकाल की घटनाएं हैं, तीसरी जिल्द ‘आईन-ए-अकबरी’ है | इसमें अकबर के प्रशासन, राजस्व व घराने का रोचक वर्णन है |
◼️ अकबर का साम्राज्य 15 सूबों में बंटा था | सूबे का प्रशासक ‘सूबेदार‘ कहलाता था जो सैनिक तथा प्रशासनिक दोनों प्रकार के कार्य करता था |
🔹 प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी ‘दीवान‘ होता था |
🔹’बक्शी‘ एक सैनिक वेतनाधिकारी, ‘सदर‘ धार्मिक कार्यों का अधिकारी, ‘फौजदार‘ सेनानायक तथा ‘कोतवाल‘ नगर का पुलिस अधिकारी होता था |
🔹 प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी ‘दीवान‘ होता था |
🔹’बक्शी‘ एक सैनिक वेतनाधिकारी, ‘सदर‘ धार्मिक कार्यों का अधिकारी, ‘फौजदार‘ सेनानायक तथा ‘कोतवाल‘ नगर का पुलिस अधिकारी होता था |
◼️ ‘सुलह-ए-कुल’ (Sulah -i -kul )(सर्वत्र शांति ) की नीति अकबर ने चलाई |
🔹 ‘सुलह-ए-कुल’ नीति का वर्णन जहांगीर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक ए जहांगीरी’ में किया है |
🔹 1570 ईo में अकबर ने फतेहपुर सीकरी में इबादतखाना का निर्माण करवाया और विभिन्न धर्मों के लोगों से धार्मिक विषयों पर चर्चा की |
🔹 रानी एलिजाबेथ ( इंग्लैण्ड ) ( 1558-1603), ईरान का सफाविद शासक शाह अब्बास ( 1588-1629) तथा रूस का जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच ( 1530-1584) अकबर के समकालीन थे | जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच ‘ईवान द टेरीबल’ के नाम से कुख्यात था |
🔹 ‘सुलह-ए-कुल’ नीति का वर्णन जहांगीर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक ए जहांगीरी’ में किया है |
🔹 1570 ईo में अकबर ने फतेहपुर सीकरी में इबादतखाना का निर्माण करवाया और विभिन्न धर्मों के लोगों से धार्मिक विषयों पर चर्चा की |
🔹 रानी एलिजाबेथ ( इंग्लैण्ड ) ( 1558-1603), ईरान का सफाविद शासक शाह अब्बास ( 1588-1629) तथा रूस का जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच ( 1530-1584) अकबर के समकालीन थे | जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच ‘ईवान द टेरीबल’ के नाम से कुख्यात था |
◼️ ‘मेहरुनिसा’ ( Mihr-un-nissa ) ने 1611 ईo में जहांगीर से विवाह किया और उसे ‘नूरजहां'( Nur Jahan ) का खिताब मिला | नूरजहां ने शासन में जहांगीर को सहयोग दिया |
🔹 जहांगीर ने नूरजहां के सम्मान में चांदी के सिक्के जारी किए |
◼️◼️ तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य के शासक सुलेमान ने 1520 से 1566 ईस्वी तक शासन किया | सुलेमान को ‘अल कानूनी’ ( विधि-निर्माता ) का खिताब दिया जाता है क्योंकि उसके समय में बड़ी संख्या में कानून बनाए गए |
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