जल संसाधन : स्रोत के आधार पर वर्गीकरण

जल संसाधन का अर्थ है पृथ्वी पर उपलब्ध जल के सभी स्रोत, जैसे नदियाँ, झीलें, झरने, भूजल, समुद्र, और वर्षा, जो मानव उपयोग के लिए उपलब्ध हैं। ये संसाधन पीने, कृषि, उद्योग, और अन्य गतिविधियों के लिए आवश्यक हैं।

स्रोत के आधार पर जल का वर्गीकरण

स्रोत के आधार पर जल का वर्गीकरण निम्नलिखित है:

(1) समुद्री जल (Oceanic Water): समुद्री जल पृथ्वी पर सबसे प्रचुर जल स्रोत है, जो समुद्रों और महासागरों में मौजूद होता है। यह खारा जल होता है, जिसमें नमक और अन्य खनिजों की उच्च सांद्रता होती है, जिसके कारण यह पीने या कृषि के लिए सीधे उपयोगी नहीं है। इसका उपयोग नमकीन जल को मीठा करने (Desalination) के बाद या जल-परिवहन और मत्स्य पालन जैसे कार्यों में किया जाता है। यह जल पृथ्वी के जल चक्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी मात्रा पृथ्वी के कुल जल का 97.5% है। उदाहरण: प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर।

(2) भूतल जल (Surface Water): भूतल जल वह जल है जो पृथ्वी की सतह पर बहता या एकत्रित होता है, जैसे नदियाँ, झीलें, तालाब, और जलाशय। यह मीठे जल का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानव उपयोग जैसे पीने, सिंचाई, और उद्योग के लिए आसानी से उपलब्ध होता है। भूतल जल वर्षा और हिमनदों के पिघलने मिलता है। हालांकि, प्रदूषण और अत्यधिक उपयोग इसके संरक्षण को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। इसकी मात्रा पृथ्वी के कुल जल का 0.03% है | उदाहरण: गंगा नदी, बैकाल झील, भाखड़ा बांध जलाशय।

(3) भूजल (Groundwater): भूजल वह जल है जो भूमि के नीचे चट्टानों, मिट्टी, और रेत की परतों में संग्रहित होता है। यह कुओं, ट्यूबवेल, और झरनों के माध्यम से निकाला जाता है और पीने, सिंचाई, और उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है। भूजल का पुनर्जनन धीमा होता है, और अत्यधिक दोहन से इसके स्तर में कमी आ रही है। यह मीठे जल का एक बड़ा हिस्सा है, जो मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी मात्रा पृथ्वी के कुल जल का 0.75% है | उदाहरण: ट्यूबवेल से निकाला गया जल, प्राकृतिक झरने।

(4) वर्षा जल (Rainwater): वर्षा जल वह जल है जो वर्षा के रूप में बादलों से पृथ्वी पर गिरता है। यह जल चक्र का प्रमुख स्रोत है, जो भूतल जल और भूजल को पुनर्जनित करता है। इसे सीधे संग्रहित कर पीने, सिंचाई, या अन्य उपयोगों के लिए प्रयोग किया जा सकता है। वर्षा जल की मात्रा मौसम और जलवायु पर निर्भर करती है, और यह प्रदूषण से प्रभावित हो सकता है। उदाहरण: छतों पर संग्रहित वर्षा जल, तालाबों में एकत्रित वर्षा जल।

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