( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें’ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | )
◾वेद ( Vedas ) दुनिया के प्राचीनतम ग्रंथों में से एक हैं । इनकी संख्या चार है :- ऋग्वेद , सामवेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद ।
🔹ऋग्वेद ( Rigveda ) प्राचीनतम वेद है । इसकी रचना 3500 वर्ष पूर्व हुई । ऋग्वेद में 1000 से अधिक प्रार्थनाएँ हैं जिन्हें ‘सूक्त’ कहा जाता है । ( 1028 सूक्त )
🔹सूक्त ( सु+उक्त ) का अर्थ है :- अच्छी तरह से बोला गया । ये सूक्त देवी-देवताओं की स्तुति में रचे गये हैं ।
◾ऋग्वैदिक काल ( Rigvedic Kaal ) में तीन प्रमुख देवता थे :- अग्नि, इंद्र और सोम । अग्नि आग का देवता , इंद्र युद्ध का देवता और सोम सोमरस का देवता था । अग्नि का ऋग्वेद में 200 बार तथा इंद्र का सर्वाधिक 250 बार वर्णन मिलता है ।
🔹भुर्ज वृक्ष की छाल पर लिखी प्राचीनतम पाण्डुलिपि ( ऋग्वेद ) महाराष्ट्र के संग्रहालय में सुरक्षित है । यह पांडुलिपि कश्मीर में पाई गई थी ।
🔹ऋग्वेद में मवेशियों , पुत्रों व घोड़ों की प्राप्ति के लिए प्रार्थनाएँ हैं । घोड़ों को युद्धों में रथ खींचने के काम में लाया जाता था ।
🔹यज्ञ में घी , अनाज व कभी-कभी जानवरों की आहुति दी जाती थी ।
▪वैदिक काल ( Vaidik Kaal ) में दो समूहों का वर्गीकरण काम के आधार पर किया गया था :-पुरोहित व राजा ।
🔹ऋग्वैदिक काल में आर्यों के विरोधी लोगों को दस्यु या दास कहते थे । इन्हें यज्ञ का अधिकार नहीं था | इस आधार पर बाद में विकसित सामाजिक भेदभाव की व्यवस्था वेदों की देन कही जा सकती है | वैसे भी जाति व्यवस्था के पोषक वेदों से उदाहरण देकर ही इसका समर्थन करते हैं ।
🔹सोम एक पौधा था । इससे एक ख़ास पेय पदार्थ बनाया जाता था जिसे सोमरस कहा जाता था ।
🔹वेदों की भाषा ( vedon Ki Bhasha ) प्राक संस्कृत या वैदिक संस्कृत थी । यह आज की संस्कृत से ज़रा भिन्न थी ।
◾ संस्कृत भाषा भारोपीय भाषा परिवार ( भारतीय-यूरोपीय भाषा परिवार ) की भाषा है ।
◾️ भारत-यूरोपीय भाषा परिवार की प्रमुख भाषाएँ हैं :- हिंदी , संस्कृत , गुजराती , फ़ारसी , अंग्रेज़ी , जर्मन ,फ़्रेंच , स्पेनिश , यूनानी , इतालवी आदि ।
◾द्राविड भाषा परिवार की भाषाएँ हैं :- तमिल ,तेलुगु , कन्नड़ , मलयालम ।
◾झारखंड और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली कुछ भाषाएँ ‘ऑस्ट्रो-एशियाटिक’ भाषा-परिवार से जुड़ी हैं ।
◾उत्तर-पूर्वी भागों में तिब्बत-बर्मा भाषा परिवार की भाषाएँ बोली जाती हैं ।
⚫ महापाषाण क़ब्रें बनाने की प्रथा लगभग 3000 साल पहले आरम्भ हुई थी । ज़मीन के नीचे गड्ढा खोद कर बड़े-बड़े पाषाणों के साथ इन क़ब्रों का निर्माण किया जाता था ।
🔹ब्रह्मगिरी ( तमिलनाडु ) में एक व्यक्ति की क़ब्र में 33 सोने के मनके और कुछ शंख पाये गये हैं ।
🔹इनामगाँव ( महाराष्ट्र ) भीमा की सहायक नदी ‘घोड़’ के किनारे पर स्थित एक स्थान है । यहाँ 3600 से 2700 साल पहले लोग रहते थे । यहाँ की महापाषाण क़ब्रों में मृतकों को सीधा लिटा कर दफ़नाया जाता था । सिर उत्तर की ओर होता था ।
▪मृतकों के साथ दफ़नायी गयी चीज़ों के आधार पर सामाजिक असमानताओं का पता लगाया जाता है ।
⚫ लगभग 2000 साल पहले चरक नामक महान वैद्य ने ‘चरक संहिता’ की रचना की । उसने मानव-शरीर में 360 हड्डियाँ होने की बात कही । आधुनिक मान्यता के अनुसार मानव-शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं ।
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