सिकंदर महान ( Alexander The Great – 326 BC – 323 BC )

सिकंदर महान

सिकंदर इतिहास में एक महान योद्धा के रूप में जाना जाता है । यातायात के सीमित साधनों के बावजूद जिस तरह उसने अलंघ्य भौगोलिक सीमाओं को पार कर विश्व के बहुत बड़े भू-भाग को अपने नियंत्रण में लिया वह कल्पनातीत लगता है।

उसके अतुल्य युद्धकौशल और पराक्रम के कारण उसे “सिकंदर महान” के नाम से इतिहास में जाना जाता है ।

 • सिकंदर मकदुनिया ( Macedonia )  ( यूरोप का एक राज्य) के शासक फ़िलिप का पुत्र और महान दार्शनिक अरस्तू ( Aristotle ) का शिष्य था । उसका जन्म 356 ई० पू० में हुआ था । 336 ई० पू० में अपने पिता की मृत्यु होने पर 20 वर्ष की आयु में वह मकदुनिया का शासक बना । 
                                                                             
• 334 ई० पू ० से  330 ई० पू० तक वह ईरानी युद्धों में व्यस्त रहा ।
सिकंदर के ईरान आक्रमण के समय ईरान का राजा डेरियस / देरियस कोडोमन्नस था जो अपने पूर्वज डेरियस/ देरियस प्रथम ( Derius First ) तथा सायरस की तरह शक्तिशाली नहीं था ।

ईरान की निर्णायक लड़ाई 331 ई० पू० में अर्बेला में हुई जिसमें सिकंदर ने डेरियस कोडोमन्नस को पराजित किया तथा ईरान की राजधानी पर्सपोलिस को ध्वस्त कर दिया ।

सिकंदर ने एक नए नगर “अलैक्जेंड्रिया आफ द एराकासियंस” की स्थापना की जो अब कंधार के नाम से प्रसिद्ध है ।

• 328 ई० पू० तक सिकंदर ने समस्त ईरान और अफगानिस्तान को विजित कर  “ईरान का महान सम्राट” की उपाधि धारण की ।

• 327 ई० पू० में सिकंदर ने हिंदुकुश पर्वत पार कर भारत की ओर क़दम बढ़ाए । उसने अपनी सेना को दो भागों में विभाजित किया । सेना के एक भाग का नेतृत्व उसने स्वयं तथा दूसरे भाग का नेतृत्व हिफ़ेस्टियन और पेराडिक्का ने किया । जब सिकंदर तक्षशीला ( Taxila)  की ओर बढ़ रहा था तो तक्षशीला के राजा आम्भी ( Ambhi ) ने सिकंदर की अधीनता स्वीकार कर ली और उसके भारत-विजय के अभियान में सहयोग का वचन दिया। यह भारतीय इतिहास में देशद्रोह का पहला उदाहरण मिलता है ।

• 326 ई० पू० में झेलम नदी के किनारे सिकंदर और पोरस ( चिनाब व झेलम के मध्यवर्ती प्रदेश का शासक ) के बीच भयंकर युद्ध हुआ जिसे ‘हाइडेस्पिस का युद्ध’ ( The Battle of Hydaspes ) कहा जाता है । इस युद्ध में सिकंदर ने पोरस को पराजित किया परंतु पोरस की वीरता से प्रभावित होकर उसका राज्य उसे लौटा दिया ।

• पोरस के विरुद्ध सफलता हासिल करने के बाद उसने “निकैया” ( विजयनगर ) तथा “बउकेफला” नामक दो नगर बसाए ।

“निकैया” की स्थापना विजय के उपलक्ष्य में की गई ।

बउकेफला सिकंदर के घोड़े का नाम था । झेलम नदी के किनारे उसकी ( घोड़े की ) मृत्यु हो गई थी । अतः उस स्थान पर सिकंदर ने “बउकेफला” नगर की स्थापना की ।

सिकंदर की अंतिम विजय “पाटल” की विजय थी ।

सिकंदर ने भारत में 19  माह का समय बिताया ।

•  325  ई० पू० में सिकंदर ने पाटल से यूनान की ओर प्रस्थान किया । रास्ते में तीव्र ज्वर के कारण 32 वर्ष की आयु में  323 ई० पू० में उसका देहान्त हो गया ।

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