जनजातियां, खानाबदोश और एक जगह बसे समुदाय ( कक्षा-7) ( Tribes, Nomads And Settled Communities )

 जनजातियां, खानाबदोश और एक जगह बसे समुदाय 
( Tribes, Nomads And Settled Communities )◼️जनजातियां ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों  को नहीं मानती थी वह असमान वर्गों में भी विभाजित  नहीं थी | यह जनजातियां खानाबदोश थी | कुछ जनजातियां स्थाई रूप से एक स्थान पर निवास करती थी |

◼️ खोखर ( Khokhar ) जनजाति और गक्खर ( Gakkhar ) जनजाति पंजाब से संबंध रखती थी |
🔹 गक्खर जनजाति के मुखिया ‘कमाल खान गक्खर’ ( Kamal khan Gakkhar )  को मुगल सम्राट अकबर ( Akbar )  ने मनसबदार बनाया था |
◼️ मुल्तान में ‘लंगाह’ ( Langah ) और सिंध में ‘अरघुन’ ( Arghun ) जनजाति थी |
🔹उत्तर-पश्चिम में ‘बलोच’ ( Bloch ) जनजाति थी |
🔹उत्तर-पश्चिम हिमालय में ‘गड्डी गडरियों’ की जनजाति थी |
🔹उत्तर-पूर्वी भाग में ‘नागा’ , अहोम’ जनजातियां थी |
🔹 ‘चेर’ ( Cher Tribe ) कबीले बिहार और झारखंड के कई इलाकों में थे | अकबर ( Akbar ) के सेनापति राजा मानसिंह ( Raja Man Singh ) ने 1591 ईस्वी में ‘चेरों’ को पराजित किया |  बाद में औरंगजेब ( Aurangjeb ) ने भी इन्हें पराजित किया |
🔹 ‘मुंडा’ ( Mundah Tribe ) और ‘संथाल’ ( Santhal Tribe )  जनजातियां की मुख्यत: बिहार और झारखंड में थी |  यद्यपि ये बंगाल और उड़ीसा में भी थी |

🔹 ‘कोली’ ( Koli Tribe ) और ‘बेराद'( Berad Tribe )  जनजातियां कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियों पर रहती थी | ‘कोली‘ जनजाति गुजरात में भी थी |
🔹 ‘कोरागा'( Koraga ),  ‘वेतर'( Vetar Tribe ), ‘मारवार’ ( Marvar Tribe ) दक्षिण भारत की जनजातियां थी |
🔹 ‘भील’ ( Bhil Tribe ) जनजाति पश्चिमी और मध्य भारत में फैली थी |
🔹 ‘गोंड’ ( Gond Tribe ) जनजाति छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश,  महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में रहती थी |
🔹 बंजारा ( Banjara Tribe ) लोग सबसे महत्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे | उनका कारवां ‘टांडा'( Tanda ) कहलाता था | बंजारा जनजाति मुख्यतः उत्तर पश्चिमी भारत में रहती थी |
▪️सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी बंजारों का ही इस्तेमाल नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई के लिए करते थे |
▪️ 17वी सदी में अंग्रेज व्यापारी पीटर मंडी ( Peter Mundy ) ने बंजारों का वर्णन किया है |
◼️ गोंड : गोंड ( Gond Tribe ) लोग गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे | वह स्थानांतरित कृषि करते थे गोंड जनजाति कई छोटे-छोटे ‘कुलों’ में बंटी हुई थी |  प्रत्येक कुल का अपना राजा या ‘राय'( Rai )  होता था | जब सुल्तानों की ताकत घट रही थी तब कुछ बड़ी गोंड जनजातियां छोटी गोंड जनजातियों पर हावी होने लगी थी |
🔹‘अकबरनामा’ ( Akbarnama )  में उल्लेख है कि ‘गढ़ कटंगा’ ( Gadh Katanga ) के गोंड राज्य में 70000 गांव थे जिसका राजा अमन दास ( Aman Das )  था |
🔹 गोंड राज्य ‘गढ़ों’ में विभाजित थे |
🔹 गढ़ चौरासी गांव की इकाइयों में विभाजित होते थे जिन्हें ‘चौरासी‘  कहा जाता था |
🔹 ‘चौरासी‘ का उप-विभाजन ‘बरहोतों’  में होता था | ‘बरहोत‘ 12 गांव को मिलाकर बनते थे |
◼️ ‘गढ़ कटंगा‘  के गोंड राजा अमन दास  ने ‘संग्राम शाह'( Sangram Shah )  की उपाधि ग्रहण की |
🔹 अमन दास के पुत्र दलपत ( Dalpat ) ने महोबा के चंदेल राजपूत राजा सालवाहन ( Salvahan ) की पुत्री दुर्गावती( Durgavati )  से विवाह किया |  दलपत की कम उम्र में ही मृत्यु हो गई | उसकी मृत्यु के बाद दुर्गावती ने अपने 5 साल के पुत्र वीर नारायण के नाम पर राज्य की बागडोर संभाली |
🔹 1565 ईस्वी में आसिफ खान ( Asif Khan ) के नेतृत्व में मुगल सेना ने गढ़ कटंगा को पराजित किया | दुर्गावती व उसका पुत्र युद्ध में मारे गए |
🔹 बाद में मुगलों ने गढ़ कटंगा का एक भाग वीर नारायण के चाचा चंदर शाह को दे दिया |
◼️ अहोम : अहोम लोग मौजूदा म्यानमार से आकर तेरहवीं सदी में ब्रह्मपुत्र की घाटी में बसे थे |
🔹 सोलवीं सदी में उन्होंने ‘चुटियों’ और ‘कोच हाजों’ के राज्य को अपने राज्य में मिलाया |
🔹अहोमो ने आग्नेयास्त्रों का प्रयोग किया |
🔹1662 ईस्वी में मीर जुमला के नेतृत्व में मुगलों ने अहोम राज्य पर हमला किया | अहोम पराजित हुए परंतु अहोम अधिक दिनों तक परतंत्र नहीं रहे
🔹 अहोम राज्य बेगार पर निर्भर था | राज्य के लिए जिन लोगों से जबरन काम लिया जाता था वह ‘पाइक‘ कहलाते थे |  प्रत्येक गांव की जनगणना की गई थी | प्रत्येक गांव को अपनी बारी आने पर निश्चित संख्या में ‘पाइक‘ भेजने पड़ते थे |
🔹 अहोम समाज कुलों में बटा हुआ था जिन्हें ‘खेल‘ कहा जाता था |
🔹 अहोम लोग अपने जनजातीय देवताओं की उपासना करते थे | परंतु सिब सिंह ( 18वीं सदी )  के काल में वहां हिंदू धर्म का प्रभाव बढ़ गया लेकिन पारंपरिक आस्थाएं कायम रही |
🔹 अहोम राज्य में संस्कृति की कृतियों का स्थानीय भाषा में अनुवाद हुआ |
🔹 ‘बुरंजी’ ( Buranji ) नामक ऐतिहासिक कृतियों को पहले अहोम भाषा में तथा फिर असमिया में लिखा गया |
◼️ मंगोलिया की सबसे प्रसिद्ध जनजाति मंगोलो ( Mangols ) की थी | वह मध्य एशिया के घास के मैदानों ( स्टेपी ) में बसे थे |
🔹1206 से 1206 ईस्वी तक चंगेज खान ( Changej Khan ) ने शासन किया और इसे विशाल साम्राज्य में बदल दिया | इसमें चीन,  रूस व यूरोप के देश शामिल थे |

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