( Rulers And Buildings )
🔹 अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद तुगलक, फिरोजशाह तुगलक तथा इब्राहिम लोदी ने इसकी मरम्मत करवाई |
🔹 पहली मंजिल के छज्जे के नीचे अरबी भाषा में अभिलेखों की दो पट्टियां हैं |
◼️ ‘आगरा के किले’ ( Agara Fort ) का निर्माण अकबर ( Akbar ) ने करवाया | इसके निर्माण हेतु 2000 पत्थर काटने वाले, 2,000 सीमेंट मेंव चूना बनाने वाले तथा 8000 मजदूरों की जरूरत पड़ी |
◼️ कुव्वत-अल-इस्लाम ( Kuvvat-ul-Islam ) दिल्ली में स्थित है | इस मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था |
◼️’अनुप्रस्थ टोडा तकनीक’ मेहराब के निर्माण हेतु प्रयुक्त तकनीक का नाम है |
◼️ कंदरिया महादेव मंदिर ( Kandriya Mahadev Temple, Khajuraho ) ( मध्य प्रदेश ) शिव को समर्पित है इसका निर्माण चंदेल वंश के राजा धंगदेव ( Dhangdev ) ने 999 ईस्वी में किया था |
◼️ तंजावर (तमिलनाडु) का बृहदेश्वर मंदिर उस समय के मंदिरों में सबसे ऊंचा था | इसके शीर्ष पर 90 टन का पत्थर है | इसका निर्माण चोल राजा राजराज प्रथम ने किया था | इसलिए इसे राजराजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है | इस मंदिर के पास के गांव को ‘चारुपल्लम‘ कहा जाता है जिसका अर्थ है – चढ़ाई दार रास्ते का गांव |
◼️ एक इतिहासकार ने मुगल बादशाह शाहजहां ( Shahjahan ) को “साम्राज्य व धर्म की कार्यशाला का वास्तुशिल्पी” कहा है |
🔹 शाहजहां ने अपनी नई राजधानी शाहजहानाबाद (दिल्ली) में जामा मस्जिद ( Jama Masjid ) का निर्माण करवाया |
🔹 दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास व लाल किले ( Red Fort ) का निर्माण शाहजहां ने करवाया |
🔹 फारसी इतिहास में सुल्तान को ‘अल्लाह की परछाई’ कहा गया है |
◼️ सुल्तान इल्तुतमिश ने ‘देहली-ए-कुहना'( Dehli e Kuhna / Quila I Kuhna ) के निकट एक विशाल तालाब बनवाया जिसे ‘हौज-ए-सुल्तानी’ यानी राजा का तालाब कहा जाता था |
◼️ हरमंदर साहब (स्वर्ण मंदिर) (Golden Temple ) अमृतसर में स्थित है | इसका निर्माण सिक्खों के पांचवे गुरु गुरु अर्जुन देव ( Guru Arjun देव ) ने करवाया |
◼️ चोल राजा राजेंद्र प्रथम ने अपनी राजधानी में शिव मंदिर का निर्माण करवाया | राजेंद्र चोल ने ‘गंगै कोड’ की उपाधि धारण की जिसका अर्थ है – गंगा को जीतने वाला |
🔹 महमूद गजनवी (गजनी का शासक) राजेंद्र चोल के समकालीन था |
◼️ चारबाग शैली ( Charbagh Shaily )सबसे पहले मुगल शासक बाबर ( Babar ) ने शुरू की |
◼️’पीट्राड्यूरा’ ( Pietra Dura) वास्तु कला की एक शैली है जिसमें संगमरमर या बलुआ पत्थर पर बनाए गए अलंकृत नमूने बनाए जाते हैं |
🔹 शाहजहां ने दिल्ली के लाल किले में नवनिर्मित दरबार में शाहजहां के सिंहासन के पीछे इस शैली में यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया है |
🔹 शासन के आरंभिक वर्षों में शाहजहां की राजधानी आगरा थी | शाहजहां ने आगरा में ताजमहल ( Tajmahal ) का निर्माण करवाया इसका निर्माण कार्य 1643 ईस्वी में पूरा हुआ |
🔹 दारा शिकोह शाहजहां का पुत्र था जो अत्यंत विद्वान था और शाहजहां को सबसे अधिक प्रिय था |
◼️ मथुरा के निकट वृंदावन में बने मंदिरों की वास्तु कलात्मक शैली फतेहपुर सीकरी के मुगल महलों से बहुत मिलती जुलती है | वृंदावन का ‘गोविंद देव मंदिर’ ऐसा ही है | वास्तुकला की यह शैली उत्तर पूर्वी ईरान (खुरासान) से आई | सर्वप्रथम फतेहपुर सीकरी में इसका प्रयोग हुआ |
🔹 जोधाबाई का महल( Jodhabai Ka Mahal ) और बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में है |
🔹 बुलंद दरवाजे का निर्माण अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य में किया था | यह गुजरात की वास्तुकला शैली से प्रभावित है |
⚫️ 12वीं सदी में फ्रांस में बने भवन व चर्चे ‘गोथिक शैली’ ( Gothic Architecture ) में बने हैं | पेरिस का ‘नाटेड्रम चर्च’ ( Notre Dame ) इसका उत्कृष्ट उदाहरण है |
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