( Towns, Traders And Craftspersons )
◼️ चोरों की राजधानी तंजावर (तमिलनाडु ) थी | तंजावर का बृहदेश्वर मंदिर विश्व विख्यात है जिसका निर्माण चोल राजा राजराज प्रथम ने करवाया था |
🔹कावेरी नदी तंजावर के पास बहती है | इस नगर के वास्तुकार कुंजर मल्लन राजराज पेरुथच्चन थे |
🔹यह मूर्तियां ‘लुप्त मोम तकनीक’ से बनाई गई थी |
▪️ ‘लुप्त मोम तकनीक’ चोल काल में मूर्तियों के निर्माण करने की एक तकनीक थी | इस तकनीक में पहले मोम की एक सुंदर प्रतिमा बनाई जाती थी फिर उसके ऊपर मिट्टी की परत चढ़ा दी जाती थी फिर उसमें एक छेद करके मोम को पिघला कर बाहर निकाल दिया जाता था और उसी छेद के रास्ते से पिघली हुई धातु उसमें डाली जाती थी जिसके सूखने के पश्चात उसके ऊपर से सावधानी पूर्वक मिट्टी की परत को हटा दिया जाता था और अंदर की मूर्ति को चमका दिया जाता था जिससे एक सुंदर मूर्ति का निर्माण हो जाता था |
🔹अजमेर के पास ही पुष्कर ( Pushkar ) सरोवर है |
🔹व्यापारियों के संघ को श्रेणी ( गिल्ड ) कहा जाता था |
🔹 दक्षिण भारत में ‘मणिग्रामम'( Manigramam ) और ‘नानादेशी’ ( Nanadeshi ) ऐसे ही व्यापारिक संगठन थे |
🔹 ‘चेट्टीयार’ ( Chettiyar ) भी व्यापारियों का संघ था |
🔹काबुल और कंधार रेशम मार्ग ( Silk Route ) से जुड़े थे | काबुल में घोड़ों का व्यापार बड़े पैमाने पर होता था |
🔹टैवर्नियर ( Tavernier ) ने इस तथ्य का उल्लेख किया है |
🔹सालियार या कैकोलार बुनकर थे |
🔹डोमिनगो पेज ( Domingo Paes ) पुर्तगाल का यात्री था | उसने हंपी का सुंदर वर्णन अपने वृतांत में किया है |
🔹 हंपी का ‘विट्ठल मंदिर’ विश्व प्रसिद्ध है |
🔹हंपी का विरुपाक्ष मंदिर ( Virupaksh Temple ) भी प्रसिद्ध है | विरूपाक्ष शिव का स्थानीय नाम है |
🔹महानवमी डिब्बा (Mahanavmi Dibba ) पर महानवमी पर्व का आयोजन किया जाता था |
🔹 1565 ईस्वी में तालीकोटा ( Talikota ) की लड़ाई हुई | इस लड़ाई में विजयनगर साम्राज्य का अंत हो गया | गोलकुंडा, बीजापुर, अहमदनगर, बरार और बीदर के शासकों ने विजयनगर को इस लड़ाई में पराजित किया |
🔹 सूरत को ‘मक्का का प्रस्थान-द्वार’ भी कहा जाता है क्योंकि अनेक हज यात्री यहां से जहाज में सवार होकर मक्का जाते थे |
🔹17वीं सदी में सूरत में पुर्तगालियों अंग्रेजों व डचों के कारखाने थे |
🔹 अंग्रेज इतिहासकार ओविंगटन ने लिखा है (1689 ईस्वी में ) की सूरत में किसी भी समय लगभग एक सौ जहाज लंगर डाले खड़े होते थे |
🔹सूरत से जारी हुंडियां मिस्र में काहिरा, इराक में बसरा, और बेल्जियम तक मान्य थी |
🔹 17 वी सदी में सूरत सबसे प्रसिद्ध बंदरगाह थी परंतु 17वीं सदी के अंत तक इसका पतन आरंभ हो गया था क्योंकि 1668 ईस्वी में मुंबई में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना मुख्यालय स्थापित कर लिया था |
🔹17वीं सदी में मसूलीपट्टनम आंध्र प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध बंदरगाह था | इंग्लैंड और हॉलैंड दोनों ने इस पर अधिकार करने का प्रयत्न किया |
🔹 ‘मसूलीपट्टनम का किला’ होलेंडवासियों ( डचों ) ने बनवाया |
🔹 गोरों ने मद्रास में ‘फोर्ट सेंट जॉर्ज’ और कोलकाता में ‘फोर्ट सेंट विलियम’ में अपने आवास बनाए |
🔹 इटली का क्रिस्टोफर कोलंबस ( columbus) 1492 ईस्वी में वेस्टइंडीज के तट पर पहुंचा |
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