कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत ( Kohlberg’s Theory Of Moral Development )

कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत 

 ( Kohlberg’s Theory Of Moral Development )

 यह सिद्धांत मूलत: पियाजे ( Piaget ) का ही सिद्धांत है परंतु कोहलबर्ग  ने इस सिद्धांत पर गहन शोध किया और नैतिक विकास को छह क्रमिक स्तरों ने विकसित किया |

◼️ उनका यह सिद्धांत हिंज़  की किंकर्तव्यविमूढ़ था पर आधारित था |
🔹 हिंज़ कैंसर से पीड़ित अपनी पत्नी के लिए एक वैज्ञानिक के यहां चोरी करता है क्योंकि वह वैज्ञानिकों से उस दवा की 10 गुना कीमत मांगता है | हिंज़ अपराध बोध महसूस करता है परंतु दूसरी तरफ अपने द्वारा उठाए गए कदम को ‘जीवन रक्षा की दृष्टि’ से सही ठहराता है |

 कोहलबर्ग ( Kohlberg ) के नैतिक विकास के छह क्रमिक स्तर निम्नलिखित हैं :
1. आज्ञा-पालन, 2. आत्मस्वार्थ, 3. सुनिश्चितीकरना,
4. कानून-व्यवस्था का भय, 5. मानवाधिकार,
 6. लोकमानवीय नैतिकता

    ◼️ कोहलबर्ग के नैतिक सिद्धांत की अवस्थाएं ◼️

 ( Stages Of Kohlberg’s Moral Theory )

 

👉 पूर्व लौकिक स्तर ( Pre- Conventional Level )

                                           इस अवस्था में बच्चा दूसरों के द्वारा निर्मित नियमों / मूल्यों की अनुपालना करता है |

 इसे दो भागों में बांटा जा सकता है –
1. ( पहली अवस्था ) आज्ञा एवं दंड की अवस्था ( Stage Of Order And Punishment )|
2. ( दूसरी अवस्था ) कारण सापेक्ष अभिविन्यास अथवा अहंकार की अवस्था  ( Stage Of Ego ) |

👉 लौकिक स्तर ( Conventional Level ) :

                                     इस अवस्था में बच्चा स्वयं व दूसरों की आवश्यकता के अनुरूप नैतिक नियमों / मूल्यों की अनुपालना करता है |
 इसे दो भागों में बांटा जा सकता है –
1. ( तीसरी अवस्था ) अच्छा बनने का अभिविन्यास अथवा प्रशंसा की अवस्था ( Stage Of Appreciation ) |
2. ( चौथी अवस्था ) – कानून-व्यवस्था अभिविन्यास अथवा
 सामाजिक-व्यवस्था के सम्मान की अवस्था ( Stage Of Respect For Social System ) |

👉 पश्चलौकिक स्तर (Post Conventional Level )                                     इस अवस्था में बच्चा स्वयं द्वारा चयनित नैतिक मूल्यों का अनुसरण करने लगता है |

 इसे दो भागों में बांटा जा सकता है –
1. ( पांचवी अवस्था ) सामाजिक संविदा अभिविन्यास अथवा सामाजिक समझौते की अवस्था ( Stage Of Social Contract )
2. ( छठी अवस्था ) सार्वभौमिक नीतिशास्त्रीय सिद्धांत अथवा विवेक की अवस्था ( Stage Of Conscience )

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