प्रयास एवं भूल सिद्धांत ( Thorndike’s Trial and Error Theory )

          प्रयास एवं भूल सिद्धांत

     ( Prayas Evam Bhul Siddhant/ Vidhi  )

इस सिद्धांत का प्रतिपादन थार्नडाइक ( Thorndike ) ने किया। उसके अनुसार मानव व जानवरों की सीखने की प्रक्रिया बहुत सीमा तक प्रयासों एवं भूलों पर निर्भर करती है। अपने इस सिद्धांत के पक्ष में उसने जानवरों पर कुछ प्रयोग किए जो विश्व प्रसिद्ध है।

इसे  “उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धांत” तथा “संयोजनवाद” का सिद्धांत भी कहा जाता है |

                थार्नडाइक के अनुसार

” सीखना संबंध स्थापित करता है तथा संबंध स्थापित करने का कार्य मस्तिष्क करता है। उसके अनुसार मनुष्य और पशु दोनों प्रयास और भूल द्वारा बहुत कुछ सीख लेते हैं। प्रयास जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, भूलें वैसे-वैसे कम होती जाती हैं। अतः मनुष्य अपनी भूलों से ही सीखता जाता है |”

         थार्नडाइक द्वारा भूखी बिल्ली पर प्रयोग

   ( Thorndike’s Experiment on a Cat )

 थार्नडाइक ने भूखी बिल्ली को एक बॉक्स में बंद किया। इस बॉक्स के अंदर एक चिटकली ( Latch ) लगी थी |  इस  चिटकनी ( Latch )  पर पैर पड़ते ही यह बॉक्स खुल जाता था |  बॉक्स के बाहर मछली का टुकड़ा रख दिया गया।  बॉक्स में बंद बिल्ली इस टुकड़े को देख सकती थी |  इस मछली के टुकड़े को देखकर बिल्ली की उत्तेजना बढ़ी तथा वह प्रयास करने लगी कि वह किसी तरह उस बॉक्स से बाहर निकल आए और उस टुकड़े को प्राप्त कर ले |  बॉक्स से बाहर निकलने के लिए उसने उछल-कूद आरंभ कर दी। इधर-उधर पंजे मारने लगी। संयोग से उसका पैर चिटकनी
 ( Latch)  पर पड़ गया जिससे बॉक्स खुल गया | वह बाहर आ गई और बाहर पड़े मछली के टुकड़े को प्राप्त करके उसने अपनी भूख मिटाई |  इस प्रयोग को थार्नडाइक ( Thorndike ) ने लगातार 10 दिन तक किया। अंत में बिल्ली एक ही प्रयास में बॉक्स खोलना सीख गई।
 
 ◼️ अन्य प्रयोग : मैकडल का चूहे पर प्रयोग, मॉर्गन का कुत्ते पर उपयोग |

           प्रयास एवं भूल विधि के आवश्यक तत्व

( Prayas Evam Bhul Vidhi / Siddhant Ke Avashyak Tattv )

 
1️⃣ अभिप्रेरणा ( Motivation )  : बॉक्स में बंद भूखी बिल्ली के लिए बाहर आना तथा मछली खाने का उद्दीपन ( Stimulation ) उसे कुछ प्रयास करने के लिए अभिप्रेरित ( Motivate ) करता है। शायद संतुष्ट बिल्ली को बॉक्स में डालने से कोई उद्दीपन उत्पन्न न होता|
 
2️⃣ बाधा : किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी बाधा का होना भी आवश्यक है। यदि कोई बाधा नहीं होगी तो कोई भी कुछ सीख न पाएगा । बाधाओं को दूर करने के लिए ही प्रयास किए जाते हैं ।
 
3️⃣ निरर्थक अनुक्रियाएं : इन प्रयासों के दौरान व्यक्ति कुछ निरर्थक क्रियाएं करता है परंतु यह निरर्थक अनुक्रियाएं हमारे लिए सहायक सिद्ध होती हैं क्योंकि इन्हीं अनुक्रियाओं में से हमें उन अनुक्रियाओं का पता चलता है जो हमारी समस्याओं के समाधान के लिए अनुकूल होती हैं ।
 
4️⃣ व्यर्थ अनुक्रियाओं को दूर करना : व्यर्थ अनुक्रियाओं को धीरे-धीरे दूर किया जाता है। इससे सही अनुक्रिया सीखी जाती हैं ।
 
5️⃣ आकस्मिक सफलता : प्रयास के दौरान की गई व्यर्थ अनु क्रियाओं में से ही कोई अनुप्रिया सफल हो जाती है । यह सफलता आकस्मिक होती है |
 
6️⃣  चयन : बार-बार इस सारी प्रक्रिया को दोहराने पर व्यर्थ में की गई अनुक्रियाएं कम होती चली जाती हैं और अंत में एक ऐसा समय आता है, जब सफल अनुक्रिया का चयन कर लिया जाता है और व्यर्थ की अनुक्रियाएं पूर्णत: समाप्त हो जाती हैं |
 
7️⃣ स्थिरता : इस सारी प्रक्रिया के द्वारा मनुष्य या पशु के मस्तिष्क में सारी परिस्थितियां, बाधाएं तथा समाधान स्थिर हो जाते हैं | ठीक इसी प्रकार की परिस्थितियां सामने आने पर वे उसी व्यवहार का प्रदर्शन करते हैं जिसके द्वारा उन्हें पूर्व में सफलता प्राप्त हुई थी |
 

      सीखने के नियम ( Laws of Learning )

   1️⃣ तत्परता का नियम ( Law of Readiness )

जब कोई व्यक्ति सीखने के लिए तत्पर होता है तभी सीखता है।

वुडवर्थ ने इसे मानसिक तैयारी का नियम कहां है |

    2️⃣ प्रभाव का नियम  ( Law of Effect ) 

व्यक्ति उन बातों को अधिक शीघ्रता से सीख पाता है जिनका उसके जीवन पर अधिक प्रभाव पड़ता हो |

 इस नियम को  “प्रसन्नता व दुख का नियम”  या “संतुष्टि एवं कष्ट का नियम” भी कहा जाता है | 

 इस नियम के अनुसार जिन कार्यों को करने से संतोष व सुख मिलता है, उनको मनुष्य जल्दी सीखता है तथा जिन कार्यों से दुख, कष्ट व दंड मिलता है, उन कार्यों को मनुष्य कम दोहराता है।

   3️⃣ अभ्यास का नियम  ( Law  of  Exercise ) 

इस नियम को “उपयोग व अनुप्रयोग का नियम” भी कहा जाता है |

 वस्तुतः जो क्रियाएं हमारे लिए उपयोगी होती हैं, उन्हें हम बार-बार दोहराते हैं अर्थात अभ्यास करते हैं और जो अनुपयोगी होती है, उन्हें हम दोहराना नहीं चाहते  अतः उन क्रियाओं का धीरे-धीरे लोप हो जाता है |

   प्रयास एवं भूल सिद्धांत की शैक्षिक उपयोगिता

( Utility in Education of Trial and Error Theory ) 

👉 प्रेरणा का महत्व
👉 सरल से कठिन
👉 करके सीखना
👉 अभ्यास द्वारा सीखना
👉 लक्ष्य-केंद्रित
👉 स्व-अधिगम
👉 मंदबुद्धि बालकों के लिए भी लाभकारी

     प्रयास एवं भूल सिद्धांत की सीमाएं (कमियां)

( Limitations of Trial and Error Theory )

👉 बुद्धि का कोई महत्व नहीं
👉 निरर्थक क्रियाओं की अधिकता
👉 संयोग पर आधारित
👉 अधिगम का स्थानांतरण बहुत कम
👉 सीखने की धीमी गति
👉 केवल मंदबुद्धि बालकों के लिए उपयोगी पूर्णविराम प्रतिभाशाली बालकों के लिए अनुपयुक्त |
👉 हर प्रकार का अधिगम संभव नहीं
 

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