संज्ञान ( Cognition )

            संज्ञान ( Sangyan )

संज्ञान एक ऐसी बौद्धिक या मानसिक अवस्था है जिसमें ज्ञान, अवबोध,  उपयोग एवं मूल्यांकन पक्ष शामिल होते हैं | इसमें स्मरण, प्रत्यक्षण,  चिंतनt भाव आदि क्रियाएं निहित होती हैं |बालक का व्यवहार उसकी संज्ञानात्मक संरचना से सुनिश्चित होता है | इसके पश्चात यह संरचना वातावरण के द्वारा परिवर्तित होती जाती है |

 ज्ञान ( Knowledge )

 ज्ञान वास्तव में एक ऐसी सूचना या जानकारी है जो किसी मनुष्य के मन में रहती है | इसके अंतर्गत विभिन्न प्रणालियां, प्रतिमान, संरचनाएं आदि शामिल होती हैं |

 अवबोध ( Understanding )

 सूचनाओं को प्राप्त कर उन्हें कैसे काम में लाया जाए,  यही अवबोध है |  किसी ज्ञान को आत्मसात करते ही वह अवबोध बन जाता है |

 उपयोग ( Application )

 सीखे हुए ज्ञान को किसी भी सामान्य अथवा विशिष्ट नवीन परिस्थितियों में प्रयोग करना, उपयोग कहलाता है | वस्तुतः इस चरण में ज्ञान व अवबोध दोनों का ही प्रयोग होता है |

 मूल्यांकन ( Evaluation )

 यह संज्ञान ( Cognition ) का अंतिम पक्ष है | यह किसी वस्तु के महत्व,  मूल्य, गुणवत्ता आदि का निर्धारण करने के लिए किया गया प्रक्रम है |

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