संवेग ( Emotion )
‘संवेग’ को अंग्रेजी भाषा में इमोशन ( Emotion ) कहते हैं | Emotion शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘इमोवियर’
(Emovere) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है – भड़क उठना या उत्तेजित होना |
▪️ अत: संवेग ( Emotion ) शरीर के उत्तेजित होने वाली क्रिया है |
▪️ इसमें शारीरिक तथा मानसिक दोनों प्रकार की क्रियाएं निहित हैं |
▪️ मनोवैज्ञानिकों के शारीरिक तथाअनुसार संवेग ( Sanveg ) एक उपद्रव की अवस्था है, जिसमें व्यक्ति की मानसिक क्रियाओं में अंतर आ जाता है | वह अपनी सामान्य स्थिति में नहीं रहता और बुद्धि पर से नियंत्रण हट जाता है |
संवेग की दशा में उसे उचित-अनुचित का ज्ञान नहीं रहता |
▪️ मनुष्य में कुछ ऐसे संवेग पाए जाते हैं जो नैसर्गिक (Natural) होते हैं, जैसे -भय, क्रोध, आश्चर्य, शोक आदि |
▪️ कुछ संवेग धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जैसे- प्रेम, ईर्ष्या, घृणा आदि |
▪️ संवेग हमारी उस उत्तेजित दशा या स्थिति का नाम है, जिसमें हमारा बाह्य एवं आंतरिक व्यवहार बदल जाता है |
संवेगों के प्रकार ( Types of Emotions )
संवेगों की विशेषताएं ( Features of Emotion )
संवेगों का शैक्षिक महत्व
( Educational Importance of Emotions )
Other Related Posts
मनोविज्ञान का सम्प्रत्य : अर्थ, परिभाषा और विशेषताएँ (Concept Of Psychology )
शिक्षा मनोविज्ञान ( Educational Psychology )
शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -1 ( Shiksha Manovigyan Prashnottari -1)
शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2( Educational Psychology -2 )
बुद्धि : अर्थ एवं प्रकार ( Intelligence : Meaning and Types )
पियाजे का नैतिक विकास का सिद्धांत ( Piaget’s Moral Development Theory )
कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत ( Kohlberg’s Theory Of Moral Development )
प्रयास एवं भूल सिद्धांत ( Thorndike’s Trial and Error Theory )
शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत ( Pavlov’s Classical Conditioning Theory )
सक्रिय / नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत ( Sakriya Ya Naimittik Anubandhan Siddhant )
पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत
एरिक्सन का मनोसामाजिक सिद्धांत ( Erikson’s Psychosocial Development Theory