1. गुरु नानक देव ( Guru Nanak Dev )
जन्म- 15 अप्रैल, 1469 ( तलवंडी / ननकाना साहिब, पाकिस्तानी पंजाब
मृत्यु – 22 सितम्बर, 1539 ( करतारपुर, पाकिस्तान )
पिता – मेहता कालू
माता – तृप्ता
बहन – नानकी
पत्नी – सुलक्खनी
पुत्र – श्री चंद ( उदासी संप्रदाय के प्रवर्तक ), लख्मीदास
प्रमुख कार्य – सिख धर्म की स्थापना की, प्रमुख संत कवि, प्रमुख रचनाएँ – जपुजी, आसा दी वार, दक्षिणी ओंकार, बारहमासा, सोहिला, सिद्ध गोष्ठी, इनकी वाणी 19 रागों में गुरु ग्रंथ साहिब में ( 974 शब्द ) में संकलित है |
2. गुरु अंगद देव ( Guru Angad Dev )
मूल नाम – लहणा या लहना
जन्म – 31 मार्च – 1504 ( ग्राम – हरिके, फिरोजपुर, पंजाब )
मृत्यु – 28 मार्च, 1552 ( अमृतसर, पंजाब )
पिता – फेरु
माता – रामो
पत्नी – खीवी
पुत्र – दासू, दातू
पुत्री – अमरो, अनोखी
गुरु – गुरु नानक देव
प्रमुख कार्य – सिखों के दूसरे गुरु, गुरुमुखी लिपि के जनक, गुरु नानक देव जी की जीवनी के लेखक |
3. गुरु अमर दास ( Guru Amar Das )
जन्म – 5 अप्रैल, 1479 ( ग्राम – बसरका, अमृतसर, पंजाब )
मृत्यु – 1 सितम्बर, 1574 ( गोइंदवाल साहिब, अमृतसर, पंजाब )
पिता – तेजभान भल्ला
माता – बख्त कौर
पत्नी – मनसा देवी या मन्सा देवी
पुत्र – मोहन, मोहरी
पुत्री – बीबी दानी, बीबी भानी
प्रमुख कार्य – तीसरे सिख गुरु, लंगर परंपरा आरंभ की, 22 गद्दियों की स्थापना की |
4. गुरु रामदास गुरु ( Guru Ram Das )
मूल नाम – भाई जेठामल सोढ़ी
जन्म – 24 सितम्बर, 1534 ( चुना मंडी, लाहौर, पंजाब,वर्तमान पाकिस्तान )
मृत्यु – 1 सितम्बर, 1581 ( गोइंदवाल, अमृतसर, पंजाब )
पिता – हरिदास सोढ़ी
माता – दया कौर ( अनूप देवी )
पुत्र – पृथी चंद, महादेव, अर्जुन देव
पत्नी – बीबी भानी / बीबी भानो या बानो ( गुरु अमर दास की पुत्री )
प्रमुख कार्य / तथ्य – सिखों के चौथे गुरु ( 1 सितंबर, 1574 से 1 सितंबर, 1581 तक गुरुपद पर रहे ) , 1577 ईo में अमृतसर ( अमृत सरोवर / चक रामदास पुर ) की स्थापना, विवाह के लिए आनंद कारज की परंपरा आरंभ की, इन्होंने गुरु पद को अनुवांशिक बनाया और अपने पुत्र अर्जुनदेव को गुरु पद सौंपा |
5. गुरु अर्जुन देव ( Guru Arjun Dev )
जन्म – 15 अप्रैल, 1563 ( गोइंदवाल साहिब, अमृतसर, पंजाब )
मृत्यु – 30 मई, 1606 ( लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान )
पिता – गुरु रामदास
माता – बीबी भानी
पत्नी – गंगा
पुत्र – हरगोविंद सिंह ( सिखों के छठे गुरु )
प्रमुख कार्य या तथ्य – सिखों के पांचवें गुरु ( 1581 ईo ), सुखमणि साहिब की रचना, – स्वर्ण मंदिर ( हरमंदिर साहिब ) की नींव रखी जिसकी ने लाहौर के एक प्रसिद्ध सूफी संत साईं मियां मिर्ची से रखवाई गई थी, भाई गुरदास की सहायता से गुरु ग्रंथ साहब का संकलन किया जिसमें 5894 शब्द हैं जिनमें से 2216 शब्द गुरु अर्जुन देव जी के हैं अर्थात गुरु ग्रंथ साहिब में सबसे अधिक वाणी अर्जुन देव जी की ही है, गुरु ग्रंथ साहब का संकलन कार्य 1603 से 1604 ईस्वी तक चला, जहांगीर द्वारा मृत्युदंड |
6. गुरु हरगोविंद सिंह ( Guru Hargovind Singh )
जन्म – 19 जून, 1595 ( गुरु की वड़ाली, अमृतसर, पंजाब )
मृत्यु – 3 मार्च, 1644 ( किरतपुर साहिब, पंजाब )
पिता – गुरु अर्जुन देव
माता – गंगा
पत्नी – नानकी, दामोदर, महादेवी
पुत्र – गुरूदिता, सूरजमल, अनिल राय, अटल राय, गुरु तेग बहादुर ( नौवां गुरु )
पुत्री – वीरो
प्रमुख कार्य / तथ्य – सिखों के छठे गुरु ( 25 मई, 1606 ईo से 28 फरवरी, 1644 ईo तक ), अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के सामने अकाल तख्त का निर्माण करवाया, मीरी पीरी और किरतपुर साहिब की स्थापना की, सिखों को लड़ाकू जाति में बदला
7. गुरु हरराय ( Guru Har Rai )
जन्म – 26 जनवरी, 1630 ( किरतपुर साहिब, पंजाब)
मृत्यु – 6 अक्टूबर, 1661 ( किरतपुर साहिब, पंजाब )
पिता – गुरदित्ता
माता – निहाल कौर
पत्नी – किशन/कृशन कौर
पुत्र – हरकिशन, राम राय
प्रमुख कार्य या तथ्य – 14 वर्ष की अल्पायु में 3 मार्च, 1944 को सिखों के सातवें गुरु बने, मुगलों के उत्तराधिकार युद्ध में भाग लिया
8. गुरु हरकिशन ( Guru Harkishan )
जन्म – 7 जुलाई, 1656 ( किरतपुर साहिब पंजाब )
मृत्यु – 30 मार्च, 1664 ( दिल्ली )
पिता – हर राय ( सातवें गुरु )
माता – कृशन देवी
भाई – राम राय
प्रमुख कार्य / तथ्य – सिखों के आठवें गुरु ( 5 वर्ष की अल्पायु में 7 अक्टूबर 1661 को गुरु पद संभाला ).
9. गुरु तेग बहादुर ( Guru Teg Bahadur )
जन्म – 1 अप्रैल, 1621 ( अमृतसर )
मृत्यु – 11 नवंबर, 1675 ( चांदनी चौक, दिल्ली )
पिता – गुरु हरगोविंद
माता – नानकी
पत्नी – गुजरी
पुत्र – गुरु गोविंद सिंह
प्रमुख कार्य व तथ्य – इस्लाम धर्म कबूल ने करने पर औरंगजेब द्वारा मृत्युदंड
10. गुरु गोविंद सिंह ( Guru Govind Singh )
जन्म – 22 दिसंबर , 1666 ( पटना, बिहार )
मृत्यु – 7 अक्टूबर, 1708 ( नांदेड, महाराष्ट्र, जमशेद खान और वसील बेग के द्वारा वध )
पिता – गुरु तेग बहादुर ( सिखों के नौवें गुरु )
माता – गुजरी
पत्नी – जित्तो, सुंदरी, साहिब देवां
पुत्र – अजीत सिंह, फतेह सिंह, जोरावर सिंह, जुझार सिंह
प्रमुख कार्य व अन्य तथ्य – सिखों के दसवें व अंतिम गुरु ( 11 नवंबर 1675 से 1708 ईo तक ), चंडी चरित्र, विचित्र नाटक, दशम ग्रंथ, जफरनामा (मुगल शासक औरंगजेब के नाम पत्र ) और खालसा महिमा की रचना की, खालसा पंथ की स्थापना (1699 ), पांच ककार की शुरुआत, आनंदपुर साहब में मुख्यालय |