मीरा ( Mirabai )

मीरा ( Mirabai )
मीरा ( Mirabai )

( यहाँ NCERT की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित मीरा ( Mirabai ) के पदों की व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्न दिए गए हैं |)

पद 1

मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई

जा के सिर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई

छांडि दयी कुल की कानि, कहा करिहै कोई?

संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी

अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी

अब त बेलि फैलि गयी, आणन्द-फल होयी

दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी

दधि मथि घृत काढि लियो, डारि दयी छोयी

भगत देखि राजी हुयी, जगत देखी रोयी

दासि मीरां लाल गिरधर! तारो अब मोही | 1️⃣

पद 2

पग घुँघरू बाधि मीरां नाची,

मैं तो मेरे नारायण सूं, आपहि हो गई साची

लोग कहै, मीरां भइ बावरी ; न्यात कहै कुल-नासी

विस का प्याला राणा भेज्या, पीवत मीरां हाँसी

मीरां के प्रभु गिरधर नागर, सहज मिले अविनासी | 2️⃣

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