अक्षांश व देशांतर रेखाएं ग्लोब पर खींची गई वे कल्पित रेखाएं हैं जो किसी स्थान की स्थिति को स्पष्ट करती हैं | इनको जानने से पूर्व मानचित्र और ग्लोब के विषय में जानना आवश्यक होगा |
◼️ मानचित्र : मानचित्र ( Map) एक ऐसा चित्र है जिसकी मदद से हम संसार के किसी भी भाग की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | परंतु मानचित्र पृथ्वी ( Earth ) के स्वरूप के विषय में अनेक भ्रांतियां उत्पन्न करता है |
◼️ग्लोब: ग्लोब ( Globe ) पृथ्वी का सबसे उत्तम तथा शुद्ध प्रतिरूप है |
◼️ अक्षांश व देशांतर रेखाएं
ग्लोब पर दो प्रकार की रेखाएं अंकित होती हैं | लेटी हुई रेखाएं अक्षांश तथा खड़ी हुई रेखाएं देशांतर रेखाएं हैं | यह काल्पनिक रेखाएं हैं | अक्षांश व देशांतर रेखाएं के माध्यम से पृथ्वी पर किसी स्थान की स्थिति सरलता से ज्ञात की जा सकती है |
◼️ अक्षांश : भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण किसी दिए गए स्थान की कोणीय दूरी को अक्षांश ( Latitude ) कहते हैं |
◼️ अक्षांश रेखाएं : समान अक्षांशों को मिलाने वाले मृत्यु या रेखाओं को अक्षांश वृत्त या अक्षांश रेखाएं कहते हैं |
🔹 पृथ्वी के बीचो-बीच से जो अक्षांश रेखा गुजरती है उसे
0° अक्षांश रेखा या भूमध्य रेखा कहते हैं | इसे विषुवत रेखा या विषुवत वृत्त ( Equator ) भी कहते हैं |
🔹 अक्षांश रेखाएं एक दूसरे के समानांतर होती हैं | अतः यह समानांतर रेखाएं भी कहलाती हैं |
🔹 विषुवत वृत्त के अलावा इनकी कुल संख्या 180 है |
🔹 विषुवत वृत्त सबसे बड़ा होता है इसके उत्तर तथा दक्षिण की ओर इनकी लंबाई क्रमशः कम होती जाती है |
🔹0° अक्षांश रेखा को विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा कहते हैं | यह पृथ्वी को दो भागों में बांटती है – उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिणी गोलार्ध | भूमध्य रेखा को वृहद वृत्त भी कहते हैं | भूमध्य रेखा पर दिन रात की अवधि बराबर होती है | विषुवत वृत्त पर देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी 111.3 किलोमीटर होती है |
🔹23° 30′ उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा तथा 23°30′ दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा कहते हैं | कर्क रेखा को ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर ( Tropic Of Cancer ) भी कहते हैं |
🔹66°30′ उत्तरी अक्षांश रेखा को आर्कटिक रेखा ( Arctic Line ) तथा 66°30′ दक्षिणी अक्षांश रेखा को अंटार्कटिक रेखा ( Antarctic Line ) कहते हैं |
🔹 90° उत्तरी अक्षांश को उत्तरी ध्रुव ( North Pole ) तथा 90° दक्षिणी अक्षांश को दक्षिणी ध्रुव ( South Pole ) कहा जाता है |
◼️ देशांतर रेखाएं/ याम्योत्तर रेखाएं : उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखाएं देशांतर/ याम्योत्तर रेखाएं
( Longitudes ) कहलाती हैं | यह रेखाएं भी कल्पित रेखाएं होती हैं |
🔹देशांतर रेखाओं की संख्या 360 है |
🔹0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा कहते हैं जिसके पूर्व तथा पश्चिमी ओर क्रमशः 180° तक देशांतर रेखाएं खींची गई हैं |
🔹0° देशांतर रेखा को पूर्व या पश्चिम कुछ नहीं लिखा जाता |
🔹180° देशांतर रेखा के पूर्व की ओर पूर्व तथा पश्चिम की ओर पश्चिम लिखा जाता है इसे अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा ( International Date Line ) भी कहते हैं |
🔹0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा या ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं |
🔹0° देशांतर रेखा अंतर्राष्ट्रीय मानक समय निर्धारित करती है | 0° देशांतर रेखा को वैज्ञानिकों ने 1884 ईस्वी में प्रधान मध्याह्न रेखा माना क्योंकि यह रेखा लंदन स्थित वेधशाला
( ग्रीनविच के पास ) में से गुजरती है इसलिए इस रेखा को ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं |
🔹 अक्षांश और देशांतर रेखाओं के जाल को ग्रिड कहते हैं |
🔹 दो स्थानों के देशांतरों में 1° का अंतर होने पर 4 मिनट का अंतर आ जाता है |
🔹0° देशांतर रेखा से पूर्व की ओर जाने पर समय बढ़ता जाता है जबकि पश्चिम की ओर जाने पर समय कम होता जाता है |
🔹82°30′ पूर्वी देशांतर रेखा भारत के समय को निर्धारित करती है | यह रेखा इलाहाबाद के निकट रेनी नामक गांव से गुजरती है |
🔹 ग्रीनविच मानक समय ( Greenwich Standard Time ) तथा भारतीय मानक समय ( Indian Standard Time ) में साढे 5 घंटे का अंतर है |
🔹 भारत के सर्वाधिक पूर्व व पश्चिम के स्थानों के बीच 2 घंटे का अंतर है |
यह भी देखें
पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल ( भूगोल, कक्षा-6) ( Major Domains Of The Earth )
पृथ्वी के प्रमुख स्थल रूप ( भूगोल, कक्षा-6) ( Major Landforms Of The Earth )
पृथ्वी की गतियां ( भूगोल, कक्षा 6) ( Motions Of The Earth )(Chapter 3 )
भारतीय वन, राष्ट्रीय उद्यान व जीव अभयारण्य क्षेत्र