( यहाँ यू जी सी नेट – हिंदी ( दिसंबर – 2006) के प्रश्न-पत्र को व्याख्या सहित हल किया गया है ताकि विद्यार्थियों को सम्पूर्ण जानकारी मिल सके | )
(1) खड़ी बोली कहाँ बोली जाती है?
(A ) झांसी में, (B ) कानपुर में, (C ) मेरठ में, (D ) अलीगढ़ में
उत्तर – (C ) मेरठ में |
(2) नागरी लिपि का विकास किस लिपि से हुआ है?
उत्तर — (A) खरोष्ठी, (B ) ब्राह्मी, (C ) नागलिपि, (D ) हिब्रू |
उत्तर — (B ) ब्राह्मी लिपि से |
(3) दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा का मुख्यालय कहाँ है?
(A ) वर्धा में, ( B बैंगलोर में, (C ) हैदराबाद में, (D) मद्रास में |
उत्तर — (D) मद्रास में |
(4) ‘प’ ध्वनि का उच्चारण स्थान है –
(A ) दन्त्य, (B ) ओष्ठ्य, (C ) मुर्धन्य, (D ) कण्ठ्य |
उत्तर — ( B ) ओष्ठ्य |
(5) गोस्वामी गोकुलनाथ द्वारा लिखित ग्रंथ का नाम है –
(A) ज्ञानमंजरी, (B ) हितोपदेश, (C ) भुवन दीपिका, ( D ) चौरासी वैष्णवों की वार्ता |
उत्तर — ( D ) चौरासी वैष्णवों की वार्ता |
(6) ‘आल्ह खंड’ का रचयिता कौन है?
(A ) चंदबरदाई, (B ) जगनिक, (C ) नरपति नाल्ह, (D ) अब्दुर्र रहमान |
उत्तर — (B ) जगनिक |
(7) इनमें से कौन आलवार महिला संत है?
(A ) आंडाल, (B ) अज्कामाशी, ( C ) सहजोबाई, (D ) मीराबाई |
उत्तर –( A ) आंडाल |
(8) तुलसीकृत कृष्ण काव्य कौन सा है?
(A ) कृष्णायन, ( B ) कृष्ण चरित, ( C ) कृष्ण चंद्रिका, ( D ) कृष्ण गीतावली |
उत्तर — ( D ) कृष्ण-गीतावली |
(9) ‘ प्रभु जी तुम चंदन हम पानी’ किसकी पंक्ति है?
(A) संत दादू दयाल, (B ) संत रैदास, (C ) संत पीपा, (D ) संत पलटू दास
उत्तर — (B ) संत रैदास |
(10) इनमें से कौन रीतिबद्ध नहीं है –
(A ) मतिराम, (B ) केशवदास, (C ) घनानंद, (D ) चिंतामणि
उत्तर — (C ) घनानंद | घनानंद रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि हैं |
(11) कौनसा लेखक भारतेंदु मंडल का नहीं है?
(A ) प्रतापनारायण मिश्र, (B ) बालकृष्ण भट्ट, (C ) प्रेमघन, (D) श्रीधर पाठक |
उत्तर — (D ) श्रीधर पाठक |
(12) ‘एक भारतीय आत्मा’ नाम से एक कविता की रचना की –
(A ) मैथिलीशरण गुप्त, (B ) माखनलाल चतुर्वेदी, (C ) सोहनलाल द्विवेदी, (D ) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
उत्तर — (B ) माखनलाल चतुर्वेदी ने |
(13) इनमें से कौन सा नाम सही है –
(A ) पहला तारसप्तक, ( B ) दूसरा तारसप्तक, (C ) तारसप्तक, (D ) तीसरा तारसप्तक |
उत्तर — (C ) तारसप्तक |
(14) अज्ञेय की कौन सी रचना यात्रा पर आधारित है?
(A ) एक बूँद सहसा उछली, (B ) आत्मनेपद, (C ) बावरा अहेरी, (D ) जयदोल |
उत्तर — (A ) एक बूँद सहसा उछली |
(15) कौन सी रचना शमशेर बहादुर सिंह की है?
(A ) पीली छतरी वाली लड़की,
(B ) पीली रात,
(C ) पीली आंधी ,
( D ) एक पीली शाम |
उत्तर — ( D ) एक पीली शाम |
(16) प्रपद्यवाद किसका पर्याय है?
(A ) नई कविता, ( B ) नकेनवाद, ( C ) अकविता, ( D ) प्रयोगवाद
उत्तर — ( B ) नकेनवाद |
(17) ‘कटारबी आरजू’ किसकी रचना है?
(अ ) असगर वजाहत, (B ) गुलशेर खां शानी, ( C ) राही मासूम रजा, ( D ) अब्दुल बिस्मिल्लाह |
उत्तर — ( C ) राही मासूम रजा |
(18) ‘नेपथ्य राग’ किसका नाटक है?
(A ) मीराकान्त , (B ) मृणाल पांडेय, (C ) त्रिपुरारी शर्मा, ( D ) कुसुम कुमार |
उत्तर — (A ) मीराकान्त |
(19) रुद्रट वक्रोक्ति को शब्दालंकार मानते हैं | इसे अर्थालंकार किसने माना है?
(A) दंडी, ( B ) क्षेमेंद्र, (C ) वामन, (D) आनंदवर्धन |
उत्तर — ( A) दंडी ने |
(20) इनमें से कौन भरतमुनि के रस सूत्र का व्याख्याकार है?
(A ) मम्मट, (B ) भट्टलोलट, (C ) भामह, (D ) क्षेमेंद्र
उत्तर — (B ) भट्टलोलट |
(21) निम्नलिखित रचनाओं का सही अनुक्रम क्या है?
(A ) पहला राजा, बकरी, स्कंदगुप्त, कोर्ट मार्शल |
(B ) कोर्ट मार्शल, स्कंदगुप्त, पहला राजा, बकरी |
(C ) स्कंदगुप्त, पहला राजा, बकरी, कोर्ट मार्शल |
(D ) बकरी, कोर्ट मार्शल, पहला राजा, स्कंद गुप्त |
उत्तर — (C ) स्कंदगुप्त, पहला राजा, बकरी, कोर्ट मार्शल |
स्कंदगुप्त जयशंकर प्रसाद, पहला राजा जगदीशचंद्र माथुर, बकरी सर्वेश्वर दयाल सक्सेना तथा कोर्ट मार्शल स्वदेश दीपक द्वारा रचित है |
(22) निम्नलिखित कविताओं का सही अनुक्रम क्या है?
(A ) मुक्ति प्रसंग, संसद से सड़क तक, अपनी केवल धार, आवाज की भी जगह है |
(B ) संसद से सड़क तक, आवाज की भी जगह है, मुक्ति प्रसंग, अपनी केवल धार |
(C ) अपनी केवल धार, आवाज़ की भी जगह है, मुक्ति प्रसंग, संसद से सड़क तक |
(D ) आवाज़ की भी जगह है, संसद से सड़क तक, मुक्ति प्रसंग, अपनी केवल धार |
उत्तर — (B ) संसद से सड़क तक, आवाज की भी जगह है, मुक्ति प्रसंग, अपनी केवल धार |
(23) निम्नलिखित कृतियों का सही अनुक्रम क्या है –
(A ) पानी के प्राचीर, जंगल जहां से शुरू होता है, मैला आंचल, लोक ऋण |
(B ) लोक ऋण, मैला आंचल, जंगल जहां से शुरू होता है,पानी के प्राचीर |
(C ) जंगल जहां से शुरू होता है, लोक ऋण, पानी के प्राचीर, मैला आंचल |
(D) मैला आंचल, पानी के प्राचीर, लोक ऋण, जंगल जहां से शुरू होता है |
उत्तर — (D) मैला आंचल ( फणीश्वर नाथ रेणु ), पानी के प्राचीर ( रामदरश मिश्र ), लोक ऋण, जंगल जहां से शुरू होता है |
(24) निम्नलिखित पत्रिकाओं के प्रकाशन का सही अनुक्रम क्या है-
(A) हंस, आलोचना, रविवार, सरस्वती
(B ) आलोचना, सरस्वती, रविवार, हंस
(C ) रविवार, हंस, सरस्वती, आलोचना
(D ) सरस्वती, हंस, आलोचना, रविवार
उत्तर — (D ) सरस्वती, हंस, आलोचना, रविवार |
(25) निम्नलिखित कहानियों का सही अनुक्रम कौन सा है?
(A) कफ़न, वापसी, पुरस्कार, राजा निरबंसिया
(B ) वापसी, कफ़न, राजा निरबंसिया, पुरस्कार
V(C ) राजा निरबंसिया, वापसी, पुरस्कार, कफ़न
(D ) पुरस्कार, कफ़न, राजा निरबंसिया, वापसी
उत्तर — (D ) पुरस्कार ( जयशंकर प्रसाद ), कफ़न ( मुंशी प्रेमचंद ) , राजा निरबंसिया ( कमलेश्वर ) , वापसी ( उषा प्रियंवदा ) |
(26) निम्नलिखित निबंधों का सही अनुक्रम कौन सा है?
(A ) प्रबंध-प्रतिमा, अतीत के चलचित्र, ठेले पर हिमालय, प्रिया नीलकंठी
(B ) अतीत के चलचित्र, प्रिया नीलकंठी, ठेले पर हिमालय, प्रबंध प्रतिमा
(C ) ठेले पर हिमालय, प्रिया नीलकंठी, प्रबंध-प्रतिमा, अतीत के चलचित्र
(D ) प्रिया नीलकंठी, ठेले पर हिमालय, प्रबंध प्रतिमा, अतीत के चलचित्र
उत्तर — (A ) प्रबंध-प्रतिमा ( निराला ), अतीत के चलचित्र ( महादेवी वर्मा ) , ठेले पर हिमालय ( डॉ धर्मवीर भारती ), प्रिया नीलकंठी ( कुबेरनाथ राय )
(27) निम्नलिखित का सही अनुक्रम क्या है?
(A) नकेनवाद, प्रगतिवाद, छायावाद, हालावाद
(B ) हालावाद, प्रगतिवाद, नकेनवाद, छायावाद
(C ) छायावाद, हालावाद, प्रगतिवाद, नकेनवाद
(D ) प्रगतिवाद, नकेनवाद, हालावाद, छायावाद
उत्तर — (C ) छायावाद, हालावाद, प्रगतिवाद, नकेनवाद
(28) रामचरितमानस के कांडों का सही अनुक्रम क्या है?
(A) अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, अयोध्याकांड, बालकाण्ड
(B ) बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड
(C ) बालकांड, किष्किंधाकांड, अरण्य कांड, अयोध्या कांड
(D ) अयोध्याकांड, अरण्यकांड, बालकांड, किष्किंधाकांड
उत्तर — (B ) बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड
(29) काव्यशास्त्र के इन ग्रंथों को रचनाकार के नाम से सुमेलित कीजिए |
ग्रन्थ | रचनाकार |
ध्वन्यालोक | आचार्य विश्वनाथ |
साहित्य दर्पण | मम्मट |
रसगंगाधर | आनंदवर्धन |
काव्यप्रकाश | पंडित जगन्नाथ |
राजशेखर |
उत्तर — ध्वन्यालोक ( आनंदवर्धन ), साहित्य दर्पण ( आचार्य विश्वनाथ ), रसगंगाधर ( पंडित जगन्नाथ ), काव्यप्रकाश ( मम्मट )
(30) तीन रचनाकारों को उनकी रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिए
रचनाकार | रचनाएं |
गुलाबराय | सिंहावलोकन |
बच्चन | मेरी असफलताएं |
वियोगी हरि | नीड़ का निर्माण फिर |
यशपाल | मेरा जीवन प्रवाह |
अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा |
उत्तर — गुलाबराय की आत्मकथा मेरी असफलताएं, बच्चन की आत्मकथा नीड का निर्माण फिर, वियोगी हरि की आत्मकथा मेरा जीवन-प्रवाह तथा यशपाल की आत्मकथा सिंहावलोकन है |
(31) निम्नलिखित आलोचकों तथा उनकी कृतियों का सुमेलन कीजिए —
आलोचक | कृति |
हजारी प्रसाद द्विवेदी | नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र |
डॉ नगेंद्र | छायावाद का पतन |
देवराज | मानवमूल्य और साहित्य |
मुक्तिबोध | कबीर |
रस-सिद्धांत |
उत्तर — हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना का नाम ‘कबीर’ है | डॉ नगेंद्र की रचना ‘रस-सिद्धांत’ ; देवराज की रचना ‘छायावाद का पतन’ तथा मुक्तिबोध ही की रचना ‘नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र’ है |
(32) निम्नलिखित पत्रिकाओं का संपादकों के साथ सुमेलन कीजिए —
पत्रिका | संपादक |
हिंदी प्रदीप | पंडित जुगल किशोर |
बंगदूत | निराला |
उदंत मार्तंड | बालकृष्ण भट्ट |
मतवाला | राजा राममोहन राय |
रामवृक्ष बेनीपुरी |
उत्तर — हिंदी प्रदीप ( बालकृष्ण भट्ट ) ; बंगदूत ( राजा राममोहन राय ) ; उदंत मार्तंड ( पंडित जुगल किशोर ) ; मतवाला ( निराला )
( 33) कवियों और कृतियों का सुमेलन कीजिए —
कवि | कृति |
केशवदास | ललित ललाम |
मतिराम | रसिक प्रिया |
भूषण | भाव विलास |
देव | आर्या सप्तशती |
शिवा बावनी |
उत्तर — केशवदास ( रसिक प्रिया ) ; मतिराम ( ललित ललाम ) ; भूषण ( शिवा बावनी ) ; देव ( भाव विलास ) |
(34) निम्नलिखित पंक्तियों और कवियों का सम्मेलन कीजिए —
काव्य पंक्ति
(a ) कनक कदलि पर सिंह समारल ता पर मेरु सामने
(b ) नैन नचाय कही मुसकाय, लला फिर आइयो खेलन होरी
(c ) अति सूधो स्नेह को मारग है
(d ) मोर पखा सिर ऊपर राखि हौँ, गुंज की माल गले पहिरौगी
कवि
(1) घनानंद
(2) रसखान
(3) विद्यापति
(4) मतिराम
(5) पद्माकर
उत्तर — कनक कदलि पर सिंह समारल ता पर मेरु सामने – विद्यापति
नैन नचाय कही मुसकाय, लला फिर आइयो खेलन होरी – पद्माकर
अति सूधो स्नेह को मारग है – घनानंद
मोर पखा सिर ऊपर राखि हौँ, गुंज की माल गले पहिरौगी – रसखान
(35) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को कवियों से सुमेलित कीजिए —
काव्य-पंक्ति
(a) स्नेह निर्झर बह गया है
(b ) ओ! वरुणा की शांत कच्छार
(c) सखि! वे मुझसे कहकर जाते
(d) दिवस का अवसान समीप था
कवि
(1) प्रसाद
(2) हरिऔध
(3) निराला
(4) मैथिलीशरण गुप्त
(5) महादेवी वर्मा
उत्तर — (a) स्नेह निर्झर बह गया है — निराला
(b ) ओ! वरुणा की शांत कच्छार — प्रसाद
(c) सखि! वे मुझसे कहकर जाते — मैथिलीशरण गुप्त
(d) दिवस का अवसान समीप था — हरिऔध
(36) निम्नलिखित नाट्य कृतियों को पात्रों से सुमेलित कीजिए —
नाट्य कृति | पात्र |
स्कंदगुप्त | विशु |
कोणार्क | विलोम |
आषाढ़ का एक दिन | प्रपंचबुद्धि |
सूर्य की पहली किरण से अंतिम किरण तक | शीलवती |
दाण्ड्यायन |
उत्तर — स्कंदगुप्त — प्रपंचबुद्धि ; कोणार्क — विशु ; आषाढ़ का एक दिन — विलोम ; सूर्य की पहली किरण से अंतिम किरण तक — शीलवती |
(37) निम्नलिखित रचनाकारों और रचनाओं को सुमेलित कीजिए —
जैनेंद्र कुमार | वे दिन |
निर्मल वर्मा | जूठन |
ओमप्रकाश वाल्मीकि | आओ पें पें घर चलें |
प्रभा खेतान | मुक्तिबोध |
यह पथ बंधु था | |
उत्तर — जैनेंद्र कुमार — मुक्तिबोध ; निर्मल वर्मा — वे दिन ; ओमप्रकाश वाल्मीकि — जूठन ; प्रभा खेतान — आओ पें पें घर चलें |
(38) निम्नलिखित कवियों और कृतियों को सुमेलित कीजिए —
सुमित्रानंदन पंत | लहर |
जयशंकर प्रसाद | स्वर्ण धूलि |
निराला | एकांत संगीत |
हरिवंशराय बच्चन | बावरा अहेरी |
अर्चना | |
उत्तर — सुमित्रानंदन पंत — स्वर्ण धूलि ; जयशंकर प्रसाद — लहर ; निराला — अर्चना ; हरिवंश राय बच्चन — एकांत संगीत |
प्रश्न संख्या 39 से 45 तक दी गई स्थापना और तर्कों को ध्यानपूर्वक पढ़कर बहुविकल्पीय उत्तरों में से सही उत्तर का चयन करें —
(39) स्थापना (A ) : मिथक मानव इतिहास को समझने का द्वार है |
तर्क ( R ) : क्योंकि यह इतिहास की भांति तथ्यात्मक होते हैं |
(A) (A ) गलत (R ) सही |
(B ) (A) सही (R ) गलत
(C ) (A) और (R ) दोनों सही
(D ) (A) और (R ) दोनों गलत
उत्तर –(B ) (A) सही (R ) गलत
(40) स्थापना (A ) : पश्चिम के नए ज्ञानोदय बहुस्तरीय वर्चस्ववाद को बढ़ावा दिया
तर्क ( R ) : उसी कारण साहित्य में विकेंद्रीकरण की प्रवृत्ति बढ़ी |
(A ) (A) सही (R ) गलत
(B ) (A) गलत (R) सही
(C ) (A) और (R ) दोनों सही
(D ) (A) और (R ) दोनों गलत
उत्तर — (C ) (A) और (R ) दोनों सही
(41) स्थापना (A ) : रहस्यवाद की कविताओं में सबसे अधिक विरक्तिजनक दो बातें होती हैं – भावों में सच्चाई का अभाव और व्यंजना की कृत्रिमता |
तर्क ( R ) : क्योंकि भावों का संबंध विशुद्ध अध्यात्म से होता है |
(A ) (A) सही (R ) गलत
(B ) (A) और (R ) दोनों गलत
(C ) (A) गलत (R) सही
(D ) (A) और (R) दोनों सही
उत्तर — (B ) (A) और (R ) दोनों गलत
(42) स्थापना (A ) : साधारणीकरण की अवस्था में सामाजिक या दर्शक भावमुक्त होकर एकाग्र चित्त से रस का अनुभव करता है |
तर्क (R ) : इसीलिए पश्चिमी नाट्य चिंतक ब्रेक्त ने भी इस बात का समर्थन किया है |
(A) (A) गलत (R) सही
(B ) (A) और (R) दोनों सही
(C ) (A) और (R) दोनों गलत
(D ) (A) सही (R) गलत
उत्तर — (D ) (A) सही (R) गलत
(43) स्थापना (A ) : कला सौंदर्य का विधान करती है |
तर्क ( R ) : कविता में असुंदर और कुरूप वस्तुओं का वर्णन भी कलात्मक सौंदर्य के अंतर्गत आता है |
(A ) (A) और (R) दोनों गलत
(B ) (A) और (R) दोनों सही
(C ) (A) सही (R) गलत
(D ) (A) गलत (R) सही
उत्तर — (B ) (A) और (R) दोनों सही
(44 ) स्थापना (A ) : श्लिष्ट या अनेकार्थीवाची शब्दों के द्वारा अनेक अर्थ के अभिधान में शब्द श्लेष अलंकार होता है |
तर्क (R) : क्योंकि इसमें सार्थक अथवा निरर्थक शब्दों की आवृत्ति होती है |
(A) (A) सही (R) गलत
(B ) (A) गलत (R) सही
(C ) (A) और (R) दोनों गलत
(D ) (A) और (R) दोनों सही
उत्तर — (A) (A) सही (R) गलत
(45) स्थापना (A ) : ज्यों-ज्यों सभ्यता बढ़ती गई त्यों-त्यों मनुष्य की ज्ञानसत्ता बुद्धि व्यवसायात्मक होती गई |
तर्क (R ) : क्योंकि इसमें भावसत्ता का अभाव है |
(A) (A) और (R) दोनों गलत
(B ) (A) सही (R) गलत
(C ) (A) और (R) दोनों सही
(D ) (A) गलत (R) सही
उत्तर — (B ) (A) सही (R) गलत
निर्देश — प्रश्न 46 से प्रश्न 50 तक निम्नलिखित आवरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों के दिए गए बहुविकल्पों में से सही विकल्प का चयन करें —
शासन की पहुंच प्रवृत्ति और निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक ही होती है | उनके मूल या मर्म तक उनकी गति नहीं होती | भीतरी या सच्ची प्रवृत्ति-निवृत्ति को जागृत रखने वाले शक्ति कविता है जो धर्म क्षेत्र में शक्ति भावना को जगाती रहती है | भक्ति धर्म की रसात्मक अनुभूती है | अपनी मंगल और लोग के मंगल का संगम उसी के भीतर दिखाई पड़ता है | इस संगम के लिए प्रकृति के क्षेत्र के बीच मनुष्य को अपने हृदय के प्रसार का अभ्यास करना चाहिए | जिस प्रकार ज्ञान नर-सत्ता के प्रसार के लिए है उसी प्रकार ह्रदय भी | रागात्मिका वृत्ति के प्रसार के बिना विश्व के साथ जीवन का प्रकृत सामंजस्य घटित नहीं हो सकता | जब मनुष्य के सुख और आनंद का मेल शेष प्रकृति के सुख-सौंदर्य के साथ हो जाएगा, जब उसकी रक्षा का भाव तृणगुल्म, वृक्ष, लता, पशु-पक्षी, कीट-पतंग सबकी रक्षा के भाव के साथ समन्वित हो जाएगा, तब उसके अवतार का उद्देश्य पूर्ण हो जाएगा और वह जगत का सच्चा प्रतिनिधि हो जाएगा | काव्य योग की साधना इसी भूमि पर पहुंचाने के लिए हैं |
(46) भक्ति किसे कहते हैं?
(A) प्रेम की आनंदात्मक अनुभूति को
(B) भगवान के प्रति प्रेमानुभूति को
(C) लोक की आनंदात्मक अनुभूति को
(D) धर्म की रसात्मक अनुभूति को
उत्तर — (D) धर्म की रसात्मक अनुभूति को |
(47) अपनी मंगल और लोक के मंगल के संगम के लिए मनुष्य को अपने हृदय के प्रसार का अभ्यास कहां करना चाहिए?
(A ) सांसारिक जीवन में
(B) प्रकृति के क्षेत्र में
(C) लोक जीवन में
(D) राजनीतिक जीवन में
उत्तर — (B) प्रकृति के क्षेत्र मे
(48) शासन की पहुँच कहाँ तक होती है?
(A) प्रवृत्ति-निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक
(B) शासन की पहुँच हर क्षेत्र में होती है
(C ) प्रवृत्ति-निवृत्ति के मर्म तक
(D) प्रवृत्ति-निवृत्ति की संपूर्ण व्यवस्था तक
उत्तर — (A) प्रवृत्ति-निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक
(49) किस वृत्ति के प्रसार से संसार के साथ जीवन का प्रकृत सामंजस्य घटित होता है?
(A) आनंद वृत्ति के प्रसार से
(B) धर्म वृत्ति के प्रसार से
(C) रागात्मिका वृत्ति के प्रसार से
(D) कर्म वृत्ति के प्रसार से
उत्तर — (C) रागात्मिका वृत्ति के प्रसार से
(50) धर्म के क्षेत्र में शक्ति भावना किससे जागती है?
(A) भक्ति भावना से
(B) धर्म भावना से
(C) सामाजिक भावना से
(D) कविता शक्ति से
उत्तर — (D) कविता शक्ति से
यह भी देखें
यू जी सी नेट – हिंदी ( जून – 2006)
आदिकाल का नामकरण और सीमा निर्धारण ( Aadikaal Ka Naamkaran aur Seema Nirdharan)
आदिकाल : प्रमुख कवि, रचनाएं व नामकरण ( Aadikal ke Pramukh Kavi, Rachnayen Evam Naamkaran )
रीतिकाल : समय-सीमा व नामकरण ( Reetikal: Samay Seema v Naamkaran )
छायावाद : अर्थ, परिभाषा व प्रवृत्तियां ( Chhayavad : Arth, Paribhasha V Pravrittiyan )
हिंदी कहानी : उद्भव एवं विकास ( Hindi Kahani : Udbhav Evam Vikas )
हिंदी उपन्यास : उद्भव एवं विकास ( Hindi Upanyas : Udbhav Evam Vikas )
हिंदी पत्रकारिता का उद्भव एवं विकास ( Hindi Patrakarita Ka Udbhav Evam Vikas )
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