सम्पर्क भाषा : अर्थ, परिभाषा और विशेषताएँ

संपर्क भाषा (Lingua Franca) वह भाषा होती है जो भिन्न-भिन्न मातृभाषा वाले लोगों के बीच आपसी संचार के लिए उपयोग की जाती है। यह भाषा किसी क्षेत्र, देश या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार, शिक्षा, प्रशासन, या सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए प्रयुक्त हो सकती है।

उदाहरण:

हिंदी भारत में विभिन्न भाषाओं के बीच संपर्क भाषा है।

अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे प्रचलित संपर्क भाषा है।

संस्कृत प्राचीन भारत में विभिन्न जनजातियों के बीच संपर्क भाषा थी।

अरबी इस्लामी दुनिया में एक प्रमुख संपर्क भाषा रही है।

संपर्क भाषा आमतौर पर वह होती है जो किसी क्षेत्र में व्यापक रूप से समझी जाती है और जिसका उपयोग विभिन्न भाषाई समूहों के लोग बातचीत के लिए करते हैं।

संपर्क भाषा की परिभाषा

संपर्क भाषा की कुछ मुख्य परिभाषाएं निम्नलिखित हैं —

डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी के अनुसार – “संपर्क भाषा वह भाषा होती है जिसका उपयोग विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग आपसी संवाद और संचार के लिए करते हैं।”

डॉ. कृष्ण कुमार गोस्वामी के अनुसार – “संपर्क भाषा वह भाषा होती है जो अलग-अलग मातृभाषाओं के लोगों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए एक सामान्य माध्यम के रूप में कार्य करती है। यह भाषा विभिन्न भाषाई समुदायों को जोड़ने में सहायक होती है।”

संपर्क भाषा की विशेषताएँ

संपर्क भाषा की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं —

(1) बहु-उद्देश्यीय उपयोग – संपर्क भाषा का उपयोग बहुद्देश्यीयहोता है | यह व्यापार, प्रशासन, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

(2) संपर्क का माध्यम – यह विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोगों के बीच संवाद का माध्यम बनती है |

(3) व्यापक स्वीकृति – संपर्क भाषा को बड़ी संख्या में लोग समझते और बोलते हैं, भले ही यह उनकी मातृभाषा न हो।

(4) सरल और व्यावहारिक – यह भाषा आमतौर पर सरल और व्यावहारिक होती है, जिससे विभिन्न भाषाई समुदाय इसे आसानी से सीख और उपयोग कर सकें।

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