भाषण के विषय चयन की सावधानियाँ

भाषण के लिए विषय का चयन करते समय कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि आपका भाषण प्रभावी, संतुलित और दर्शकों के लिए उपयोगी बन सके। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ दी गई हैं:


1. विवादास्पद या संवेदनशील विषयों से सावधान रहें

धर्म, राजनीति, जाति, लिंग आदि से जुड़े विषयों पर बोलते समय संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए | धार्मिक विषयों पर भाषण देते समय किसी धर्म की आलोचना नहीं करना चाहिए बल्कि सर्वधर्म समभाव के दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए |

2. सकारात्मक विषय का चयन

सकारात्मक संदेश देने वाले विषयों का चयन करना चाहिए । ऐसे विषय न चुनें जो दर्शकों को नकारात्मक संदेश दें |

3. अति-तकनीकी या जटिल विषयों से बचें

यदि दर्शक सामान्य जनता है, तो जटिल विषय का चयन नहीं करना चाहिए लेकिन यदि जटिल विषयों पर ही बोलना पड़े तो सरल भाषा का प्रयोग करना चाहिए । भाषा को आकर्षक बनाने के लिये जटिल शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए |

4. विषय की सीमाओं को समझें

बहुत व्यापक विषय जैसे “भारत का इतिहास” न चुनें। इसकी बजाय छोटे उपविषय चुनें । उदाहरण के लिये “1857 की क्रांति: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम चरण” विषय “भारत का इतिहास” विषय से बेहतर है |

5. नकल से बचें

दूसरों के भाषणों या लेखों की नकल न करें | अपने व्यक्तिगत अनुभवों व मौलिक विचारों को अपने भाषण में शामिल करें। यदि दूसरों के विचारों को शामिल करना है तो उनके नाम का उल्लेख अवश्य करें |

6. समय सीमा का ध्यान रखें

विषय का चयन करते समय समय-सीमा का ध्यान रखना चाहिए | यदि केवल 10 मिनट का समय बोलने के लिये मिला है तो उसी के अनुरूप विषय का चयन करना चाहिए | उदाहरण के लिये यदि 10 मिनट बोलना हो तो ‘भारत के इतिहास’ या ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन’ के स्थान पर ‘राष्ट्रीय आंदोलन में गाँधी जी का योगदान’ विषय अधिक अच्छा रहेगा |

7. अपनी क्षमता के अनुरूप विषय चुनें

अपनी क्षमता व सामर्थ्य के अनुसार विषय का चयन करना चाहिए | जिस विषय की आपको जानकारी नहीं है, उसे चुनने से बचना चाहिए | अधूरी जानकारी से भाषण की विश्वसनीयता खत्म हो सकती है।

8. सांस्कृतिक संवेदनशीलता

विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं या सामाजिक मान्यताओं का आदर करें । किसी विशेष समुदाय की परंपराओं का मजाक न उड़ाएँ। जहाँ तक हो सके ऐसे विषय न चुनें यदि ऐसे विषयों पर बोलना ही पड़ें तो केवल अच्छे पहलुओं की चर्चा करें |


9. दर्शक, स्थान और उद्देश्य का ध्यान रखें

विषय चुनते समय दर्शक, स्थान और उद्देश्य का ध्यान रखना चाहिए । दर्शकों के आयु वर्ग, सामाजिक व शैक्षिक स्थिति का ध्यान रखना जरुरी है । इसके अतिरिक्त जिस उद्देश्य से भाषण दिया जा रहा है उसी के अनुरूप भाषण का विषय चुनना चाहिए |

अतः स्पष्ट है कि भाषण का विषय चुनते समय कुछ सावधानियाँ रखना जरूरी है | अपने सामर्थ्य, योग्यता व जानकारी के साथ-साथ अपने श्रोताओं के आयु-वर्ग व योग्यता का ध्यान रखना भी जरुरी है | किसी भी विवादास्पद विषय के चयन से भी बचना चाहिए |

Leave a Comment