वन पारिस्थितिक तंत्र (Forest Ecosystem) एक प्राकृतिक क्षेत्र है जिसमें पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव, मिट्टी, पानी और हवा जैसे जैविक और अजैविक घटक आपस में परस्पर क्रिया करते हैं। यह एक संतुलित प्रणाली है जो जैव विविधता को बनाए रखती है, जलवायु को नियंत्रित करती है, और कार्बन संग्रहण, मिट्टी संरक्षण, जल चक्र जैसे महत्वपूर्ण कार्य करती है।
वन पारिस्थितिक तंत्र के मुख्य घटक
जैविक घटक: पेड़, झाड़ियाँ, घास, पक्षी, कीट, स्तनधारी, कवक, बैक्टीरिया आदि।
अजैविक घटक: सूर्य का प्रकाश, तापमान, वर्षा, मिट्टी, खनिज, हवा आदि। उदाहरण: उष्णकटिबंधीय वर्षावन, शीतोष्ण वन, और बोरियल वन या टैगा वन।
(1) उष्णकटिबंधीय वर्षावन : उष्णकटिबंधीय वर्षावन वे घने वन होते हैं जो भूमध्य रेखा के समीप स्थित क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ वर्ष भर अधिक वर्षा और गर्म जलवायु होती है। ये वन जैव विविधता के सबसे समृद्ध स्थान माने जाते हैं। जैसे — अमेजन वर्षा वन, कांगो बेसिन, सुंदर वन |
(2) शीतोष्ण वन: शीतोष्ण वन वे वन होते हैं जो पृथ्वी के शीतोष्ण (Temperate) अक्षांशों में पाए जाते हैं, जहाँ चार स्पष्ट ऋतुएँ होती हैं – गर्मी, सर्दी, वर्षा और पतझड़। इन वनों में पर्णपाती और सदाबहार दोनों प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। जैसे — हिमालयी शीतोष्ण वन, यूरोपीय शीतोष्ण वन |
(3) बोरियल या टैगा वन : बोरियल वन, जिन्हें टैगा वन भी कहा जाता है, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में पाए जाने वाले शंकुधारी (Coniferous) वनों को कहा जाता है। ये वन ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में फैले होते हैं और इनमें अधिकतर चीड़, फर, देवदार जैसे पेड़ पाए जाते हैं।
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