फ्रांस की क्रांति के कारण व प्रभाव / परिणाम

फ्रांस की 1789 ईस्वी की क्रांति केवल फ्रांस की आंतरिक घटना नहीं बल्कि एक विश्व घटना थी | इस क्रांति ने विश्व इतिहास की दिशा बदल दी | फ्रांस की क्रांति के कारण फ्रांस की क्रांति ( French Revolution ) कोई आकस्मिक घटना नहीं थी | इस क्रांति के लिए अनेक सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक … Read more

औद्योगिक क्रांति का अर्थ, कारण, विकास व प्रभाव

18वीं सदी के आरंभ में यूरोप में औद्योगिक क्रांति का प्रादुर्भाव हुआ | सर्वप्रथम यह क्रांति इंग्लैंड में हुई | तत्पश्चात धीरे-धीरे यूरोप के अन्य देशों में औद्योगिक क्रांति हुई | औद्योगिक क्रांति के कारणों व प्रभावों का विस्तृत वर्णन करने से पूर्व औद्योगिक क्रांति के अर्थ को जानना नितांत प्रासंगिक होगा | औद्योगिक क्रांति … Read more

कृषि क्रांति : अर्थ, परिभाषा, काल, कारण व प्रभाव ( Krishi Kranti : Arth, Paribhasha, Kaal, Karan V Prabhav )

कृषि क्रांति से अभिप्राय है – कृषि उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि | 16वीं सदी से 18वीं सदी के बीच यूरोप में कृषि के क्षेत्र में अनेक परिवर्तन हुए | खेतों की चकबंदी और बाड़बंदी की गई | कृषि के नए औजारों व नए तरीकों का आविष्कार हुआ | उत्पादन एवं मुनाफा बढ़ने लगा | परिणामस्वरूप … Read more

वाणिज्यवाद : अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएँ, काल व उदय के कारण

14वीं व 15वीं सदी में यूरोप में अनेक परिवर्तन हुए | इन परिवर्तनों का प्रभाव समाज, धर्म व राजनीति आदि हर क्षेत्र पर पड़ा | इन परिवर्तनों के कारण समाज के क्षेत्र में पुनर्जागरण तथा धर्म के क्षेत्र में धर्म सुधार आंदोलन, राजनीति के क्षेत्र में राष्ट्रवाद तथा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में वाणिज्यवाद का उदय … Read more

पूंजीवाद : अर्थ, परिभाषा विशेषताएं / लक्षण, उदय के कारण व प्रभाव

व्यापारी क्रांति के कारण आधुनिक अर्थव्यवस्था ने एक नई विशेषता ग्रहण की | इस नई विशेषता को पूंजीवाद कहा जाता है | पूंजीवाद के दो मूल तत्व होते हैं – (1) औजारों एवं संसाधनों पर निजी स्वामित्व, (2) अधिक से अधिक लाभ कमाना | पूंजीवादी व्यवस्था में धन कुछ लोगों के पास ही होता है … Read more

धर्म सुधार आंदोलन के कारण / कारक या परिस्थितियां

सोलवीं सदी के आरंभ में यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन ( Religious Reform Movement ) आरंभ हुआ | यह आंदोलन जर्मनी के मार्टिन लूथर ने आरंभ किया था लेकिन शीघ्र ही यह यूरोप के सभी देशों में फैल गया | धर्म सुधार आंदोलन का विस्तृत विवेचन करने से पूर्व धर्म सुधार आंदोलन के अर्थ को … Read more

पुनर्जागरण का अर्थ, परिभाषा एवं उदय के कारण

पुनर्जागरण ( Renaissance ) प्राचीन यूनान में रोम की सभ्यताओं से प्रेरित था | यह 14वीं सदी में इटली से शुरू हुआ तथा 17वीं सदी तक सारे यूरोप में फैल गया | इस आंदोलन को ‘रेनेसां'( Renaissance ) की संज्ञा दी जाती है | पुनर्जागरण का अर्थ एवं परिभाषा ( Meaning Of Renaissance ) यूरोप … Read more

सामंतवाद के पतन के कारण ( Samantvad Ke Patan Ke Karan )

उत्तर मध्यकाल में यूरोप में सामंतवाद ( Feudalism ) अपने पतन की ओर अग्रसर होने लगा था | 15वीं और 16वीं सदी में अनेक परिवर्तन हुए | अनेक शक्तिशाली राष्ट्रीय राज्यों का उदय हुआ | फलत: सामंतवाद ( Feudalism ) के बंधन ढीले पड़ने लगे | सामंतवाद के पतन व आधुनिक काल के उदय के … Read more

विजयनगर साम्राज्य ( Vijayanagar Empire )

विजयनगर साम्राज्य ( Vijayanagar Empire ) की स्थापना 1336 ई० में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने की । विजयनगर साम्राज्य तुंगभद्रा नदी ( कर्नाटक ) के दक्षिण में स्थित था । ◾विजयनगर की स्थापना की प्रेरणा हरिहर एवं बुक्का ने अपने गुरु ‘विद्यारण्य‘ तथा वेदों के भाष्यकार ‘सायण‘ से प्राप्त की । ◾हरिहर … Read more

गुप्त वंश ( Gupta Dynasty )

▪️कुषाण साम्राज्य ( Kushan Vansh ) के ध्वंस अवशेषों पर गुप्त साम्राज्य ( Gupta Empire ) का उदय हुआ। संभवत: ये लोग कुषाणों के सामंत थे जिन्होंने कुषाणों के बाद उनका स्थान ले लिया । लगभग 230 ई० में कुषाण सत्ता समाप्त होने लगी थी । तब मध्य भारत में एक बड़ा भाग शकों के … Read more

महात्मा बुद्ध एवं बौद्ध धर्म ( Mahatma Buddha Evam Bauddh Dharma )

महात्मा बुद्ध ( Mahatma Budh ) का वास्तविक नाम -सिद्धार्थ अन्य नाम -गौतम बुद्ध , शाक्यमुनि ,तथागत बुद्ध का जन्म -563 ई० पू० ( वैशाख मास की पूर्णिमा को ) बुद्ध का जन्म-स्थल -कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी वाटिका में महात्मा बुद्ध ( Mahatma Budh ) की मृत्यु – 483 ई० पू० बुद्ध का मृत्यु-स्थल – … Read more

वैदिक काल ( Vaidik Period )

सिंधु घाटी की सभ्यता के बाद जो सभ्यता प्रकाश में आई उसे  वैदिक सभ्यता ( Vaidik Sabhyata ) के नाम से जाना जाता है । यह पूर्णत: एक ग्रामीण सभ्यता थी । इसके मूल निवासियों को ‘आर्य’ कहा जाता है । अतः इसे आर्य सभ्यता ( Arya Sabhyata ) भी कहा जाता है । वैदिक … Read more

सिंधु घाटी की सभ्यता ( Indus Valley Civilization )

सिंधु घाटी की सभ्यता ( Indus Valley Civilization )  विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है । यह सभ्यता मेसोपोटामिया की सभ्यता व सुमेरियन  सभ्यता ( Sumerian Civilization ) के समकालीन मानी जाती है । हड़प्पा सभ्यता की खोज  इस सभ्यता की पहली झलक 1921 ई० में मिली जब दयाराम साहनी के नेतृत्व में … Read more

सिकंदर महान ( Alexander The Great – 326 BC – 323 BC )

सिकंदर इतिहास में एक महान योद्धा के रूप में जाना जाता है । यातायात के सीमित साधनों के बावजूद जिस तरह उसने अलंघ्य भौगोलिक सीमाओं को पार कर विश्व के बहुत बड़े भू-भाग को अपने नियंत्रण में लिया वह कल्पनातीत लगता है। उसके अतुल्य युद्धकौशल और पराक्रम के कारण उसे “सिकंदर महान” के नाम से … Read more

इमारतें, चित्र तथा किताबें ( इतिहास, कक्षा-6) ( Buildings, Paintings and Books )

इमारतें, चित्र तथा किताबें प्राचीन भारत के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक इतिहास को जानने के महत्त्वपूर्ण व विश्वासनीय स्रोत हैं | इतिहास इनके आधार पर इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं | लौह स्तंभ : महरौली (दिल्ली) में कुतुबमीनार के परिसर में एक लौह स्तंभ खड़ा है |  इसकी ऊंचाई 7.2 मीटर तथा वजन 3 … Read more

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