पत्रकारिता के प्रकार / क्षेत्र या आयाम

आरंभ में पत्रकारिता केवल समाचारों के संकलन व प्रकाशन तक ही सीमित थी परंतु बढ़ती हुई जनसंख्या, लोगों की बदलती रुचियों, सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तनों और विज्ञान के नए-नए आविष्कारों ने पत्रकारिता को विविध आयामी बना दिया है | आज पत्रकारिता का क्षेत्र केवल समाचार पत्र तक सीमित न रहकर दूरदर्शन, आकाशवाणी, चलचित्र, इंटरनेट आदि क्षेत्रों तक … Read more

पत्रकारिता : अर्थ, परिभाषा, स्वरूप एवं महत्त्व

पत्रकारिता का सीधा संबंध समाचार पत्रों व पत्रिकाओं से है | कोई भी महत्वपूर्ण घटना जो लोगों को प्रभावित करती हो या जिससे लोग रोमांचित होते हों, समाचार कहलाती है | समाचार जिस पत्र में प्रकाशित होते हैं, वह समाचार पत्र कहलाते हैं और जिस प्रक्रिया के माध्यम से समाचार लिखित रूप तक पहुंचते हैं, … Read more

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt )

( ‘आशा का अंत’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेख है जो ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी नीतियों व कुशासन पर तीखा प्रहार करता है | ) माई लार्ड! अब के आप के भाषण ने नशा किरकिरा कर दिया | संसार के सब दु:खों और समस्त चिंताओं को जो शिवशंभू शर्मा दो चुल्लू बूँटी पीकर … Read more

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ( Baba Saheb Bheemrav Ambedkar )

( यहाँ NCERT की बारहवीं कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखित दो विचारात्मक लेख दिए गए हैं – श्रम विभाजन और जाति प्रथा व मेरी कल्पना का आदर्श समाज ) श्रम विभाजन और जाति प्रथा : डॉ बी आर अंबेडकर ( Shram Vibhajan Aur … Read more

शिरीष के फूल : हजारी प्रसाद द्विवेदी ( Shirish Ke Phool : Hajari Prasad Dwivedi )

( ‘शिरीष के फूल’ हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित प्रसिद्ध निबंध है जिसमें शिरीष के माध्यम से समाज तथा राजनीति के विभिन्न गूढ़ पक्षों को उजागर किया गया | निबंध में लालित्य, व्यंग्य तथा करुणा का अद्भुत समन्वय है | ) जहाँ बैठकर यह लेख लिख रहा हूँ उसके आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ, शिरीष के अनेक पेड़ … Read more

नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर ( Namak : Razia Sajjad Zaheer )

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित ‘नमक’ कहानी के मूल पाठ तथा अभ्यास के प्रश्नों को दिया गया है | ) उन सिख बीबी को देखकर सफिया हैरान रह गई थी, किस कदर वह उसकी माँ से मिलती थी | वही भारी भरकम जिस्म, छोटी-छोटी … Read more

चार्ली चैप्लिन यानी हम सब : विष्णु खरे

( यहाँ NCERT की 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित ‘चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ का मूल पाठ व अभ्यास के प्रश्न दिए गए हैं | ) यदि यह वर्ष चैप्लिन की जन्मशती का न होता तो भी चैपलिन के जीवन का एक महत्वपूर्ण वर्ष होता क्योंकि आज उनकी पहली … Read more

पहलवान की ढोलक : फणीश्वरनाथ रेणु

जाड़े का दिन | अमावस्या की रात – ठंडी और काली | मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव भर्यात्त शिशु की तरह थर-थर काँप रहा था | पुरानी और उजड़ी बाँस-फूस की झोपड़ियों में अंधकार और सन्नाटे का सम्मिलित साम्राज्य | अंधेरा और निस्तब्धता | अँधेरी रात चुपचाप आँसू बहा रही थी | निस्तब्धता करुण … Read more

काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती ( Kale Megha Pani De : Dharmveer Bharti )

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित ‘काले मेघा पानी दे’ अध्याय के मूल पाठ तथा अभ्यास के प्रश्नों को दिया गया है | ) उन लोगों के दो नाम थे – इंदर सेना या मेढक-मंडली | बिल्कुल एक दूसरे के विपरीत | जो लोग उनके … Read more

आओ मिलकर बचाएँ : निर्मला पुतुल ( Aao, Milkar Bachayen : Nirmala Putul )

( ‘आओ मिलकर बचाएँ’ NCERT की बारहवीं कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2 में संकलित कविता है जो झारखण्ड की प्रसिद्ध कवयित्री निर्मला पुतुल द्वारा लिखित है | कविता झारखण्ड की आबो-हवा और संस्कृति को बचाने का आग्रह करती है | ) अपनी बस्तियों को नंगी होने से शहर की आबो-हवा से … Read more

सबसे खतरनाक : पाश ( Sabse Khatarnak : Pash )

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती बैठे-बिठाए पकड़े जाना – बुरा तो है सहमी-सी चुप में जकड़े जाना – बुरा तो है पर सबसे ख़तरनाक नहीं होता कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना – बुरा तो … Read more

अक्क महादेवी ( Akka Mahadevi )

( यहाँ NCERT की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित कन्नड़ कवयित्री अक्क महादेवी के पदों का हिंदी अनुवाद सम्पूर्ण व्याख्या दी गई है | ) पद 1 हे भूख! मत मचल प्यास, तड़प मत हे नींद! मत सता क्रोध, मचा मत उधल-पुथल हे मोह! पाश अपने ढील लोभ, मत ललचा हे … Read more

साये में धूप ( दुष्यंत कुमार )

( यहाँ NCERT की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित गज़ल ‘साये में धूप’ की व्याख्या तथा प्रतिपाद्य दिया गया है | ) कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए, कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए | 1️⃣ यहाँ दरख़्तों के साये में धूप लगती है, चलो यहाँ से … Read more

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती : त्रिलोचन

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती मैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है उसे बड़ा अचरज होता है ; इन काले चिन्हों से कैसे ये सब स्वर निकला करते हैं | 1️⃣ चंपा सुंदर की लड़की है सुंदर ग्वाला है : गायें-भैंसें रखता है चंपा चौपायों को … Read more

घर की याद : भवानी प्रसाद मिश्र ( Ghar Ki Yad : Bhawani Prasad Mishra )

( यहाँ NCERT की 11वीं कक्षा की हिंदी के पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित कविता ‘घर की याद’ की व्याख्या व प्रतिपाद्य दिया गया है | आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, घर नजर … Read more

error: Content is proteced protected !!