ध्रुवस्वामिनी का चरित्र चित्रण

ध्रुवस्वामिनी जयशंकर प्रसाद कृत ध्रुवस्वामिनी नाटक का सबसे प्रमुख तथा केंद्रीय पात्र है |  संपूर्ण नाटक की कथा ध्रुवस्वामिनी के इर्द-गिर्द घूमती है | वह चंद्रगुप्त की वाग्दत्ता पत्नी है लेकिन रामगुप्त शिखर स्वामी के षड्यंत्र से न केवल ध्रुवस्वामिनी से जबरन विवाह  कर लेता है बल्कि राज्य भी हड़प लेता है | शकराज नाटक का … Read more

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी के प्रमुख निबंधकार एवं आलोचक माने जाते हैं | उनका जन्म सन 1884 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में हुआ | सन 1901 में इन्होंने मिशन हाई स्कूल से स्कूल फाइनल की परीक्षा पास की | कुछ समय तक उन्होंने इसी स्कूल में चित्रकला … Read more

बालमुकुंद गुप्त का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय बाबू बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकार हैं | उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियाना गांव में 14 नवम्बर, 1865 ईo को हुआ | इनके पिता का नाम पूरनमल तथा पितामह का नाम लाला गोवर्धनदास था | इनका परिवार बख्शी राम वालों के नाम से प्रसिद्ध था | 15 वर्ष की … Read more

गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा ( Gangrene Kahani Ki Tatvik Samiksha )

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए चतुर्थ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘कथाक्रम’ में संकलित गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा प्रस्तुत की गई है |) ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की एक सुप्रसिद्ध कहानी है | पहले यह कहानी अज्ञेय जी के कहानी संकलन ‘विपथगा’ में ‘रोज’ नाम से प्रकाशित हुई थी | सन … Read more

तिब्बत के पथ पर : राहुल सांकृत्यायन ( Tibbat Ke Path Par : Rahul Sankrityayan )

( तिब्बत के पथ पर राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा रचित यात्रा वृतांत है जिसमें उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा का रोचक व ज्ञानवर्धक वर्णन किया है | ) आज सवेरे-सवेरे थोड़ा-थोड़ा पानी बरस रहा था | बड़े सवेरे ही शौच आदि से निवृत हो मैंने तमंग तरुण से साथ चलने को कहा | उसे अपने खेत को … Read more

‘पुरस्कार’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘पुरस्कार‘ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | प्रस्तुत कहानी के माध्यम से प्रसाद जी ने अपनी अन्य कहानियों व नाट्य-कृतियों की भाँति राष्ट्रीय भावना का परिचय देते हुए मानव-प्रेम पर देश-प्रेम की की महत्ता प्रतिपादित की है | किसी भी कहानी की समीक्षा के लिए विद्वानों ने कुछ तत्त्व निर्धारित किए हैं … Read more

सदाचार का ताबीज : हरिशंकर परसाई ( Sadachar Ka Tabeez : Harishankar Parsai )

( यहाँ हरिशंकर प्रसाद द्वारा रचित व्यंग्य लेख ‘सदाचार का ताबीज’ का मूल पाठ तथा उसके मूल भाव को दिया गया है | ) एक राज्य में हल्ला मचा कि भ्रष्टाचार बहुत फैल गया है | राजा ने एक दिन दरबारियों से कहा, “प्रजा बहुत हल्ला मचा रही है कि सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ … Read more

‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है | बाल मनोविज्ञान पर आधारित यह कहानी साहित्य समीक्षकों तथा सामान्य पाठकों द्वारा समान रूप से सराही गई है | ‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा निम्नलिखित तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तु (2) पात्र या चरित्र चित्रण (3) देशकाल व … Read more

मेरे राम का मुकुट भीग रहा है : विद्यानिवास मिश्र

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए हिंदी – षष्ठ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘नव्यतर गद्य गौरव’ में संकलित विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित ललित निबंध ‘मेरे राम का मुकुट भीग रहा है’ का मूल पाठ तथा मूल भाव या निहित संदेश दिया गया है |) महीनों से मन बेहद-बेहद उदास है । उदासी की … Read more

भाषा का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप

भाषा का मूल अर्थ – बोलना या कहना है | साधारण शब्दों में मानव-मुख से निकलने वाली ध्वनियों को भाषा कहा जाता है | लेकिन मानव मुख से निकलने वाली प्रत्येक ध्वनि भाषा नहीं होती | वास्तव में मानव-मुख से निकलने वाली वह सार्थक ध्वनियां जो विचारों या भावों का संप्रेषण करती हैं, भाषा कहलाती … Read more

देवदारु ( आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी )

पता नहीं किसने इस पेड़ का नाम ‘देवदारु’ रख दिया था, नाम निश्चय ही पुराना है, कालिदास से भी पुराना, महाभारत से भी पुराना | सीधे ऊपर की ओर उठता है, इतना ऊपर की पास वाली चोटी के भी ऊपर उठ जाता है, एकदम द्युलोक ( स्वर्गलोक, आकाश या अंतरिक्ष ) को भेद करने की … Read more

भाषा के विविध रूप / भेद / प्रकार ( Bhasha Ke Vividh Roop / Bhed / Prakar )

सामान्य शब्दों में भाषा शब्द का प्रयोग मनुष्य की व्यक्त वाणी के लिए किया जाता है | भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाता है और दूसरों के विचार समझ पाता है | यद्यपि कुछ कार्य संकेतों और शारीरिक कष्टों के द्वारा किया जा सकता है लेकिन यह पर्याप्त … Read more

पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल’ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के ‘टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या विज्ञान का या कला के बारे में |इस आधार पर पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी विशिष्ट कला या विज्ञान की किसी शाखा से … Read more

गिल्लू : महादेवी वर्मा ( Gillu : Mahadevi Verma )

( गिल्लू ( महादेवी वर्मा ) एक संस्मरणात्मक निबंध है जिसमें लेखिका ने अपनी पालतू गिलहरी के जीवन – प्रसंगों का चित्रण किया है | ) सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है | इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिप कर … Read more

उत्साह : आचार्य रामचंद्र शुक्ल ( Utsah : Acharya Ramchandra Shukla )

दुख के वर्ग में जो स्थान भय का है, वही स्थान आनंद-वर्ग में उत्साह का है | दुख हम प्रस्तुत कठिन स्थिति के नियम से विशेष रूप में दुखी और कभी-कभी उस स्थिति से अपने को दूर रखने के लिए प्रयत्नवान् भी होते हैं | उत्साह में हम आने वाली कठिन स्थिति के भीतर साहस … Read more

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