पद्मावत : नखशिख खण्ड ( Padmavat : Nakhshikh Khand )

का सिंगार ओहि बरनौं राजा। ओही का सिंगार ओही पै छाजा।। प्रथमहि सीस कस्तूरी केसा। बलि बासुकि को औरु नरेसा || भंवर केश वह मालती रानी। बिसहर लुरहीं लेहिं अरघानी।। बेनी छोरी झारु जौं बारा। सरग पातर होइ अंधियारा || कंवल कुटिल केस नाग करे। तरंगहिं अंतिम भुंग बिसारे॥ बेधे जानु मलैगिरि बासा। सीस चढ़े … Read more

विद्यापति पदावली : बसंत ( Vidyapati Padavali : Basant )

माघ मास सिरि पंचमी गँजाइलि नवम मास पंचम हरुआई । अति घन पीड़ा दुःख बड़ पाओल बनसपती भेति धाई हे ।। सुभ खन बेरा सुकुल पक्ख हे दिनकर उदित – समाई । सोरह सम्पुन बतिस लखन सह जनम लेल ऋतुराई हे ।। नाचए जुबतिजना हरखित मन जनमल बाल मधाई हे। मधुर महारस मंगल गावए मानिनि … Read more

विद्यापति पदावली : नखशिख खण्ड ( Vidyapati Padavali : Nakhshikh Khand )

पीन पयोधर दूबरि गता । मेरु उपजल कनक-लता || ए कान्हु ए कान्हु तोरि दोहाई । अति अपूरुब देखलि साई || मुख मनोहर अधर रंगे। फूललि मधुरी कमल संगे || लोचन – जुगल भृंग अकारे । मधुक मातल उड़ए न पारे|| भउँहक कथा पूछह जनू । मदन जोड़ल काजर-धनू || भन विद्यापति दूति बचने । … Read more

विद्यापति पदावली : वंदना ( Vidyapati Padavali : Vandana )

नन्दक नन्दन कदम्बक तरु-तर धिरे धिरे मुरलि बजाव । समय- संकेत-निकेतन बइसल बेरि बेरि बोलि पठाव । सामरि, तोरा लागि ‘अनुखन विकल मुरारि । जमुना के तिर उपवन उद्वेगल फिरि फिरि ततहि निहारि । गोरस बेंचए अवइत जाइत जनि जनि पूछ बनमारि । तोहे मतिमान, सुमति, मधुसूदन बचन सुनह किछु मोरा । मनइ विद्यापति सुन … Read more

कबीर की भक्ति-भावना ( Kabir Ki Bhakti Bhavna )

‘भक्ति’ शब्द की उत्पत्ति ‘भज्’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है – भजना अर्थात् भजन करना | ‘ ‘भक्ति’ की कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित हैं : (क) ‘शांडिल्य भक्ति सूत्र’ के अनुसार ईश्वर में परम अनुरक्ति का नाम ही भक्ति है | (ख) शंकराचार्य ने उत्कंठा युक्त निरंतर स्मृति को भक्ति कहा है | … Read more

कबीर की रहस्य-साधना ( रहस्यानुभूति )

साहित्य विशेषतः काव्य के क्षेत्र में रहस्यवाद का अर्थ आत्मा-परमात्मा के संबंधों की व्याख्या से लिया जाता है | जब कवि अपने आध्यात्मिक विचारों व अलौकिक शक्ति से अपने संबंध की चर्चा करता है, रहस्यवादी कहलाता है | रहस्यवाद का अर्थ व परिभाषा रहस्यवाद कोई दाशनिक सिद्धान्त नहीं है, वह एक मनोदशा मात्र है। इसको … Read more

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