सुमित्रानंदन पंत का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 – 28 दिसंबर 1977) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक थे | पंत जी छायावादी युग के चार स्तंभों में गिने जाते हैं। उनका जन्म अल्मोड़ा, उत्तराखंड के कौसानी गाँव में हुआ था। बचपन में ही माता के निधन के बाद उनका लालन-पालन दादी ने किया। … Read more

Public Speaking In Hindi Language And Leadership ( SEC )

भाषण का अर्थ, प्रकार व अच्छे भाषण की विशेषताएँ या गुण भाषण : उद्देश्य, तत्त्व व प्रकार भाषण की उपयोगिता या महत्त्व भाषण कला का विकास कैसे करें भाषण के विषय चयन की सावधानियाँ सफल वक्ता के गुण नेतृत्व का अर्थ व नेता के गुण विद्यार्थियों के लिये नेतृत्व का महत्त्व शिक्षा के क्षेत्र में … Read more

विद्यार्थियों के लिये नेतृत्व का महत्त्व

विद्यार्थियों के लिए नेतृत्व का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट किया जा सकता है : (1) आत्मविश्वास का विकास: नेतृत्व विद्यार्थियों में आत्मविश्वास को बढ़ाता है। नेतृत्व की भूमिका निभाने से वे अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना सीखते हैं। यह आत्मविश्वास उन्हें चुनौतियों का सामना करने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। (2) टीमवर्क … Read more

अंधेर नगरी ( भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ) नाटक में वर्णित समस्याएँ या उद्देश्य

“अंधेर नगरी” नाटक में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने तत्कालीन समाज और शासन व्यवस्था की विभिन्न समस्याओं को व्यंग्यात्मक और प्रतीकात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। नाटक के माध्यम से निम्नलिखित समस्याओं को उजागर किया गया है : (1) भ्रष्ट शासन व्यवस्था “अंधेर नगरी” नाटक में राजा की शासन प्रणाली पूरी तरह से भ्रष्ट और अव्यवस्थित दिखाई … Read more

मानव जीवन में भाषा का स्थान या महत्त्व

मानव जीवन में भाषा का अत्यधिक महत्त्व है, क्योंकि यह संचार, विचार, संस्कृति और सामाजिक विकास का मूल आधार है। भाषा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। निम्नलिखित बिंदुओं से भाषा के महत्त्व को समझा जा सकता है: (1) संचार का माध्यम भाषा मनुष्यों के बीच विचारों, भावनाओं और जानकारियों के आदान-प्रदान का प्रमुख … Read more

हिंदी भाषा एवं आधुनिक कविता ( बी ए प्रथम सेमेस्टर )

(1) भाषा का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप (2) भाषा और वाक् ( Bhasha Aur Vaak ) (3) भाषा और बोली में अंतर ( Bhasha Aur Boli Men Antar ) (4) मानव जीवन में भाषा का स्थान या महत्त्व (5) मैथिलीशरण गुप्त का साहित्यिक परिचय ( Mathilisharan Gupt Ka Sahityik Parichay ) (6) सखी, वे … Read more

पाश्चात्य काव्यशास्त्र एवं साहित्यालोचन ( बी ए चतुर्थ सेमेस्टर ) महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(1) प्लेटो की काव्य संबंधी मान्यताएँ (2) अरस्तू का अनुकरण सिद्धांत (3) अरस्तू का विरेचन सिद्धांत (4) लोंजाइनस का उदात्त सिद्धांत (5) वर्ड्सवर्थ का काव्य-भाषा सिद्धांत (6) अंधेर नगरी नाटक का कथासार (7) अंधेर नगरी नाटक की तात्विक समीक्षा (8) अंधेर नगरी ( भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ) नाटक में वर्णित समस्याएँ या उद्देश्य (9) अभिनेयता की … Read more

कार्यालयी अनुवाद की समस्याएँ

हिंदी भाषा में कार्यालयी अनुवाद एक जटिल और बहुआयामी विषय है | हिंदी भाषा में कार्यालयी अनुवाद करते समय प्रायः निम्नलिखित समस्याएँ सामने आती हैं : (1) शब्दावली की कमी और मानकीकरण का अभाव हिंदी में तकनीकी, कानूनी, और प्रशासनिक शब्दावली का अभाव एक प्रमुख समस्या है। अंग्रेजी में प्रचलित कई शब्दों जैसे “software,” “audit,” … Read more

कार्यालयी अनुवाद : अर्थ और अपेक्षाएँ / गुण

कार्यालयी अनुवाद (Official Translation) सरकारी या गैर-सरकारी कार्यालयों, संस्थानों, या संगठनों में उपयोग होने वाले दस्तावेजों, पत्राचार, नियमावलियों, नीतियों, और अन्य सामग्री का एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद है। यह विशेष रूप से भारत जैसे बहुभाषी देश में महत्वपूर्ण है, जहाँ हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद सरकारी कार्यों, कानूनी प्रक्रियाओं, और … Read more

वैज्ञानिक एवं तकनीकी भाषा के रूप में हिंदी की वर्तमान स्थिति उपलब्धियाँ व चुनौतियाँ

हिंदी में वैज्ञानिक और तकनीकी साहित्य का विकास पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय रहा है। भारत सरकार और विभिन्न संस्थानों जैसे केंद्रीय हिंदी संस्थान, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (CSTT), और भारतीय मानक ब्यूरो ने हिंदी में तकनीकी शब्दावली को मानकीकृत करने और समृद्ध करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। तकनीकी विषयों जैसे भौतिकी, … Read more

राजभाषा हिंदी : प्रावधान और प्रयोग ( Hindi Minor 2nd Semester )

(1) राजभाषा : अर्थ, परिभाषा और प्रकृति ( स्वरूप ) (2) राष्ट्रभाषा : अर्थ, परिभाषा और विशेषताएँ (3) राज भाषा और राष्ट्र भाषा में अंतर (4) प्रशासनिक भाषा का अर्थ व विशेषताएँ या तत्त्व (5) मानक भाषा : अर्थ, परिभाषा और विशेषताएँ या लक्षण (6) राजभाषा अधिनियम, 1963 (7)त्रिभाषा सूत्र ( Three Language Formula ) … Read more

त्रिभाषा सूत्र ( Three Language Formula )

भारतीय शिक्षा व्यवस्था में त्रिभाषा सूत्र (Three-Language Formula) एक नीति है जिसका उद्देश्य देश की भाषाई विविधता को संरक्षित करते हुए राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और छात्रों को बहुभाषी बनाने में मदद करना है। इसे पहली बार 1968 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Policy on Education) में औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया गया था, … Read more

प्रशासनिक भाषा का अर्थ व विशेषताएँ या तत्त्व

प्रशासनिक भाषा वह भाषा होती है जिसका उपयोग सरकार और उसके विभिन्न विभाग अपने प्रशासनिक कार्य, दस्तवेजों, नियमों, नोटिस और आधिकारिक संचार में करते हैं। प्रशासनिक भाषा की परिभाषा: प्रशासनिक भाषा वह भाषा होती है जिसे किसी देश की सरकार अपने विभिन्न विभागों, कार्यालयों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में संवाद स्थापित करने, आदेश देने, रिपोर्ट तैयार … Read more

भाषण की उपयोगिता या महत्त्व

भाषण का महत्त्व (Importance of Speech) भाषण मानव संचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो व्यक्तिगत, सामाजिक, शैक्षिक और व्यावसायिक स्तर पर अहम भूमिका निभाता है। यह न केवल विचारों को स्पष्ट करता है, बल्कि लोगों को प्रभावित करने, प्रेरित करने और जोड़ने का काम भी करता है। भाषण का महत्त्व या उपयोगिता निम्नलिखित बिंदुओं … Read more

राज भाषा और राष्ट्र भाषा में अंतर

भारत में “राज भाषा” और “राष्ट्र भाषा” दो अलग-अलग संदर्भों में प्रयोग की जाने वाली अवधारणाएँ हैं। राजभाषा और राष्ट्र भषा में निम्नलिखित छः अंतर हैं : (1) राज भाषा वह भाषा है जो सरकार द्वारा आधिकारिक कार्यों, प्रशासन और संचार के लिए प्रयोग की जाती है जबकि राष्ट्र भाषा वह भाषा है जो देश … Read more

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