धूप ( Dhoop ) : रघुवीर सहाय
देख रहा हूँ लंबी खिड़की पर रखे पौधे धूप की ओर बाहर झुके जा रहे हैं हर साल की तरह गौरैया अबकी भी कार्निंस पर ला ला कर धरने लगी है तिनके हालांकि यह वह गोरैया नहीं यह वह मकान भी नहीं ये वे गमले भी नहीं, यह वह खिड़की भी नहीं कितनी सही है … Read more