चक्रव्यूह ( Chakravyuh ) : कुंवर नारायण
युद्ध की प्रतिध्वनि जगाकर जो हजारों बार दुहराई गई, रक्त की विरुदावली कुछ और रंग कर लोरियों के संग जो गाई गई – उसी इतिहास की स्मृति, उसी संसार में लौटे हुए, ओ योद्धा, तुम कौन हो? 1️⃣ मैं नवागत वह अजित अभिमन्यु हूँ प्रारब्ध जिसका गर्भ ही से हो चुका निश्चित परिचित जिंदगी के … Read more