अरण्यानी से वापसी ( Aranyani Se Vapasi ) : नरेश मेहता
मेरी अरण्यानी ! मुझे यहाँ से वापस अपनी धरती अपनी शाश्वती के पास लौटना ही होगा ! ताकि मैं – मात्र एक व्यक्ति केवल एक कवि ने रहकर अपने समय की सबसे बड़ी घटना बन सकूँ – एक कविता ! कविता – जब केवल विचार होती है तब वह सत्य का साक्षात, तब वह आत्म-उपनिषद … Read more