जयद्रथ वध ( Jaydrath Vadh ) : मैथिलीशरण गुप्त ( सप्रसंग व्याख्या )
जयद्रथ वध ( मैथिलीशरण गुप्त ) : व्याख्या उन्मत्त विजयोल्लास से, सब लोग मत-गयन्द-से, राजा युधिष्ठिर के निकट पहुंचे बड़े आनंद से | देखा युधिष्ठिर ने उन्हें जब, जान ली निज जय तभी, सुख-चिन्ह से ही चित्त की बुध जान लेते हैं सभी || तब अर्जुनादिक ने उन्हें बढ़कर प्रणाम किया वहां, सिर पर उन्होंने … Read more