बलबन की रक्त और लौह की नीति

बलबन का संबंध एक अलवारी कबीले के धनी तुर्क परिवार से था | वह इल्तुतमिश का खरीदा हुआ दास था | उसका कद छोटा और रंग काला था | वह देखने में भद्दा था लेकिन उसकी योग्यता से प्रभावित होकर सुल्तान इल्तुतमिश ने उसे खरीदकर माशकी ( पानी छिड़कने वाला ) का कार्य सौंपा | … Read more

अलाउद्दीन खिलजी की सैनिक सफलताएं ( Alauddin Khilji’s Military Achievements )

अलाउद्दीन खिलजी खिलजी वंश का सबसे योग्य शासक था | उसने 1296 ईस्वी से 1316 ईस्वी तक शासन किया | अपने 20 वर्ष के शासनकाल में उसने न केवल साम्राज्य विस्तार की तरफ ध्यान दिया बल्कि अनेक आर्थिक, सैनिक और प्रशासनिक सुधार भी किए | सुल्तान बनते ही उसने सर्वप्रथम साम्राज्य विस्तार की नीति को … Read more

अलाउद्दीन खिलजी के सुधार

खिलजी वंश के शासकों में अलाउद्दीन खिलजी ( Alauddin Khilji ) सर्वाधिक शक्तिशाली व योग्य शासक था | उसने 1296 ईस्वी से 1316 ईस्वी तक शासन किया | अपने 20 वर्ष के शासनकाल में उसने दिल्ली सल्तनत के प्रशासन में अनेक सुधार किए | उसने सैनिक, नागरिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था में जो सुधार किए उनसे … Read more

मुहम्मद तुगलक की हवाई योजनाएं

मुहम्मद तुगलक ने 1325 ई० से 1351 ई० तक शासन किया। उसे इतिहास में ‘विचारवान’ कहा जाता है। इतिहास कुछ विचित्र घटनाओं से भरा हुआ है। अलाऊद्दीन खलजी व अकबर अनपढ़ होते हुए भी महान कहलाए। मुहम्मद तुगलक शिक्षित होते भी ‘मूर्ख’ कहलाया। उसके सभी कार्य महान उद्देश्यों से प्रेरित होकर किए गए। परन्तु उसकी … Read more

फिरोज तुगलक के सुधार

मुहम्मद तुगलक के पश्चात उसका चचेरा भाई फिरोज तुगलक सुल्तान बना | उसने 1351 ईस्वी से 1388 ईस्वी तक शासन किया | यद्यपि वह एक कमजोर सेनानायक था परन्तु अपने प्रजा हितार्थ कार्यों के कारण वह इतिहास में प्रसिद्ध है | उसके शासनकाल में कृषि, व्यापार, उद्योग के क्षेत्र में अनेक सुधार हुए | स्थापत्य … Read more

दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण

दिल्ली सल्तनत की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की | यह शासन 1526 ईस्वी तक चलता रहा | 1388 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का धीरे-धीरे पतन होने लगा | जहाँ खिलजी शासकों ने इसे अपनी चरम सीमा तक पहुंचाया वहीं तुगलक शासकों ने … Read more

सल्तनत कालीन अर्थव्यवस्था

दिल्ली सल्तनत की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में की थी यह शासन 1526 ईस्वी तक चला | 1526 ईस्वी में पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित करके सल्तनत वंश का अंत कर दिया और मुगल वंश की नींव रखी | सल्तनत काल में कृषि, व्यापार, उद्योग, वाणिज्य के … Read more

सूफी आंदोलन ( Sufi Movement )

सूफी आंदोलन ( Sufi Movement ) के सिद्धांत, शिक्षाएं आदि जानने से पूर्व ‘सूफ़ी’ शब्द के अर्थ को जानना आवश्यकता होगा | ‘सूफ़ी’ शब्द का अर्थ ‘सूफ़ी’ शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर विद्वानों में मतभेद है | अनेक विद्वान् ‘सूफ़ी’ शब्द का अर्थ ज्ञानी यानी विद्वान मानते हैं | कुछ विद्वान मानते हैं की ‘सूफ़ी’ … Read more

सल्तनतकालीन कला और स्थापत्य कला

सल्तनत काल में सांस्कृतिक दृष्टि से भी अनेक परिवर्तन हुए | यह परिवर्तन सांस्कृतिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ | दिल्ली के सुल्तानों ने कला और स्थापत्य कला के क्षेत्र में विशेष रूचि दिखाई | सल्तनतकालीन कला और स्थापत्य कला के विकास का वर्णन इस प्रकार है — सल्तनत काल में कला का … Read more

गुप्त काल : भारतीय इतिहास का स्वर्णकाल

मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात गुप्त काल के शासकों ने भारत को राजनीतिक एकता के सूत्र में बांधा | यद्यपि ईस्वी की चौथी सदी के आरंभ से लेकर छठी सदी के अंत तक इनका शासन रहा | परंतु गुप्त वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक स्कंदगुप्त था जिसने 467 ईस्वी तक शासन किया | हूणों … Read more

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भगत सिंह का योगदान ( Bhartiy Rashtriy Andolan Me Bhagat Singh Ka Yogdan )

भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी तथा महान विचारक थे | भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका अद्वितीय योगदान है | छोटी आयु में ही उन्होंने ऐसे महान कार्य किए कि विश्व की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी शक्ति भयभीत हो गई | उन्होंने ‘नौजवान भारत सभा’ तथा ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ जैसे क्रांतिकारी संगठनों की स्थापना की | … Read more

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान ( Bhartiy Rashtriy Andolan Me Subhash Chandra Bose Ka Yogdan )

नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक महान क्रांतिकारी तथा महान विचारक थे | उनके जीवन तथा उनकी उपलब्धियों का वर्णन इस प्रकार है : – प्रारंभिक जीवन सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक नामक स्थान पर हुआ | उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस तथा माता का नाम प्रभावती देवी … Read more

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