संत काव्य-परंपरा एवं प्रवृत्तियां /विशेषताएं
हिंदी साहित्य का इतिहास मुख्य तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है : आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल | संत काव्य-परंपरा हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की निर्गुण काव्यधारा से सम्बद्ध है | हिंदी साहित्येतिहास के काल विभाजन और नामकरण को निम्नलिखित आरेख के माध्यम से समझा जा सकता है : – निर्गुण काव्य धारा … Read more