‘फैसला’ कहानी का मूल भाव / उद्देश्य / सन्देश या प्रतिपाद्य

मैत्रेयी पुष्पा द्वारा रचित कहानी ‘फैसला’ पुरुष प्रधान समाज में नारी उत्पीड़न की समस्या पर लिखी गई कहानी है | प्रस्तुत कहानी में दर्शाया गया है कि नारी-उत्पीड़न की दास्तां इतनी प्राचीन हो गई है कि पुरुष प्रधान समाज ने उसे अपना अधिकार तथा नारी ने उसे अपनी नियति मान लिया है | ‘फैसला’ कहानी … Read more

‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘फैसला’ कहानी मैत्रेयी पुष्पा की एक बहुचर्चित कहानी है । प्रस्तुत कहानी में लेखिका ने स्त्री की चिर-बंदिनी छवि पर प्रकाश डालते हुए उसे तोड़ने का प्रयास किया है । ‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा इस प्रकार की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तुकथानक कहानी का मूल तत्त्व होता है । कथानक वास्तव … Read more

‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘ठेस’ फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित एक बहुचर्चित कहानी है | इस कहानी में उन्होंने एक कलाकार पात्र की कोमल भावनाओं का मार्मिक चित्रण किया है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा कथानक, पात्र, संवाद, देशकाल, भाषा और उद्देश्य तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा (1) कथानक … Read more

‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश की एक प्रसिद्ध एवं अति चर्चित कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन के परिणामस्वरूप उत्पन्न वैमनस्य का चित्रण करती है | ‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा कतिपय विद्वानों द्वारा निर्धारित छह तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ये छह तत्त्व निम्नलिखित हैं — (1) … Read more

गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा ( Gangrene Kahani Ki Tatvik Samiksha )

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए चतुर्थ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘कथाक्रम’ में संकलित गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा प्रस्तुत की गई है |) ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की एक सुप्रसिद्ध कहानी है | पहले यह कहानी अज्ञेय जी के कहानी संकलन ‘विपथगा’ में ‘रोज’ नाम से प्रकाशित हुई थी | सन … Read more

‘पुरस्कार’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘पुरस्कार‘ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | प्रस्तुत कहानी के माध्यम से प्रसाद जी ने अपनी अन्य कहानियों व नाट्य-कृतियों की भाँति राष्ट्रीय भावना का परिचय देते हुए मानव-प्रेम पर देश-प्रेम की की महत्ता प्रतिपादित की है | किसी भी कहानी की समीक्षा के लिए विद्वानों ने कुछ तत्त्व निर्धारित किए हैं … Read more

‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है | बाल मनोविज्ञान पर आधारित यह कहानी साहित्य समीक्षकों तथा सामान्य पाठकों द्वारा समान रूप से सराही गई है | ‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा निम्नलिखित तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तु (2) पात्र या चरित्र चित्रण (3) देशकाल व … Read more

पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल’ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के ‘टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या विज्ञान का या कला के बारे में |इस आधार पर पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी विशिष्ट कला या विज्ञान की किसी शाखा से … Read more

हिंदी नाटक : उद्भव एवं विकास ( Hindi Natak : Udbhav Evam Vikas )

हिंदी में नाटक के उद्भव एवं विकास को 19वीं सदी से  स्वीकार किया जाता है लेकिन दशरथ ओझा ने नाटक को 13वीं सदी से स्वीकार करते हुए ‘गाय कुमार रास’ को हिंदी का पहला नाटक ( Hindi ka Pahla Natak ) माना है | उन्होंने मैथिली नाटकों, रासलीला तथा अन्य पद्यबद्ध नाटकों की चर्चा करते … Read more

पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण : समन्वयवादी सिद्धांत ( Paribhashik Shabdavali : Samnvayvadi Siddhant )

 पारिभाषिक शब्दावली : समन्वयवादी सिद्धांत पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर विद्वानों में  आपसी मतभेद है | पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर तीन संप्रदाय प्रचलित हैं – राष्ट्रीयतावादी संप्रदाय, अंतरराष्ट्रीयतावादी संप्रदाय और समन्वयवादी संप्रदाय  | कुछ विद्वान मानते हैं कि पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण राष्ट्रवादी सम्प्रदाय के अनुसार होना चाहिए| इस मत के समर्थक … Read more

पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण : अंतर्राष्ट्रीयतावादी सिद्धांत ( Paribhshik Shabdavali ka Nirman : Antarrashtriytavadi Siddhant )

पारिभाषिक शब्दावली : अंतरराष्ट्रीयतावादी सिद्धांत ( Paribhashik Shabdavali : Antarrashtriytavadi Siddhant ) पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर विद्वानों में  आपसी मतभेद है | पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर तीन संप्रदाय प्रचलित हैं – राष्ट्रीयतावादी संप्रदाय, अंतरराष्ट्रीयतावादी संप्रदाय और समन्वयवादी संप्रदाय  | कुछ विद्वान मानते हैं कि पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण राष्ट्रवादी सम्प्रदाय के … Read more

पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण : राष्ट्रीयतावादी संप्रदाय ( Paribhashik Shabdavali Ka Nirman : Rashtriytavadi Sampraday )

पारिभाषिक शब्दावली : राष्ट्रीयतावादी संप्रदाय  ( Paribhashik Shabdavali ke Nirman Ka Rashtriytavadi Siddhant )  पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर विद्वानों में  आपसी मतभेद है | पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण को लेकर तीन संप्रदाय प्रचलित हैं – राष्ट्रीयतावादी संप्रदाय, अंतरराष्ट्रीयतावादी संप्रदाय और समन्वयवादी संप्रदाय  | कुछ विद्वान मानते हैं कि पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण राष्ट्रवादी … Read more

पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ व विशेषताएं / गुण ( Paribhashik Shabdavali : Arth, Visheshtayen / Gun )

                    पारिभाषिक शब्द                ( Paribhashik Shabd ) ◼️ अर्थ : पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल ‘ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के :टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या … Read more

हिंदी उपन्यास : उद्भव एवं विकास ( Hindi Upanyas : Udbhav Evam Vikas )

              हिंदी उपन्यास :उद्भव एवं विकास       ( Hindi Upanyas : Udbhav Evam Vikas ) उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है । इस विधा का हिंदी में प्रादुर्भाव अंग्रेज़ी साहित्य के प्रभाव स्वरूप हुआ । लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि इससे पहले भारत में … Read more

हिंदी कहानी : उद्भव एवं विकास ( Hindi Kahani : Udbhav Evam Vikas )

                हिंदी कहानी : उद्भव एवं विकास       ( Hindi Kahani : Udbhav Evam Vikas ) आधुनिक हिंदी कहानी का स्वरूप अंग्रेजी तथा बांग्ला कहानी से प्रभावित है |हिंदी की प्रथम कहानी को लेकर विद्वानों में मतभेद है | कुछ विद्वान इंशा अल्ला खां द्वारा रचित ‘रानी … Read more

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