महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए षष्ठ सेमेस्टर – हिंदी )

(1) प्रथम प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसमें आपकी पाठ्य-पुस्तक ‘नव्यतर गद्य गौरव’ से चार अवतरण दिए जायेंगे जिनमें से कीन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 14 ( 7+7 ) अंक का होगा | (2) इस प्रश्न में दो गद्यकार दिए जाएंगे जिनमें से किसी एक का साहित्यिक परिचय लिखना होगा … Read more

हरियाणवी नाट्य साहित्य ( Haryanvi Natya Sahitya )

हरियाणवी नाट्य साहित्य हरियाणवी उपन्यास और कहानी साहित्य की भांति बहुत अधिक विस्तृत नहीं है | हरियाणवी भाषा में दृश्य नाटक तथा श्रव्य नाटक दोनों प्रकार के नाटक लिखे गए हैं परंतु हरियाणवी नाटकों की संख्या अधिक नहीं है | हरियाणवी भाषा में रचित केवल कुछ नाटक ही ऐसे हैं जो कतिपय विद्वानों द्वारा बताए … Read more

हरियाणवी कहानी साहित्य ( Haryanvi Kahani Sahitya )

कहानी गद्य साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का चित्रण न कर उसके जीवन के किसी अंग विशेष का चित्रण किया जाता है | कहानी कहना मनुष्य का स्वभाव है | सुख-दुख, आशा-निराशा, मिलन-विरह आदि का नाम ही जीवन है | मनुष्य के जीवन की यही खट्टी-मीठी बातें आकर्षक … Read more

हरियाणवी उपन्यास साहित्य ( Haryanvi Upnyas Sahitya )

आधुनिक साहित्य में गद्य विधाओं का प्रचुर मात्रा में विकास हुआ है | संभवत: इसीलिए विद्वानों ने आधुनिक युग को गद्य युग की संज्ञा से अभिहित किया है | उपन्यास भी गद्य साहित्य की एक महत्वपूर्ण विधा है | हरियाणवी उपन्यास साहित्य की परंपरा को जानने से पूर्व उपन्यास के अर्थ को जानना आवश्यक होगा … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ), बी ए – छठा सेमेस्टर ( Vastunishth Prashn, Hindi, BA – 6th Semester )

◼️ ‘आशा का अंत’ निबंध के लेखक का नाम बताइए | उत्तर – बालमुकुंद गुप्त | 🔹 बालमुकुंद गुप्त का जन्म कब और कहां हुआ? उत्तर – बालमुकुंद गुप्त का जन्म 14 नवंबर, 1865 को हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियानी गांव में हुआ | 🔹 बालमुकुंद गुप्त की मृत्यु कब हुई? उत्तर – सन … Read more

हरियाणवी कविता : परिचय एवं प्रवृतियां

हरियाणवी कविता की परंपरा ( Haryanvi Kavita Ki Parampara ) अत्यंत प्राचीन है | कुछ विद्वान हरियाणवी कविता का इतिहास भी हिंदी कविता के समानांतर मानते हैं | श्री राजाराम शास्त्री ने हरियाणवी कविता का आरंभ सातवीं-आठवीं सदी से माना है | अनेक आलोचक उनके मत को अस्वीकार करते हैं और इसे अतिशयोक्तिपूर्ण मानते हैं … Read more

हरियाणा की सांग परंपरा ( Haryana Ki Sang Parampara )

हरियाणा में लोक साहित्य का विशेष एवं अनूठा योगदान है | लोक साहित्य या जन-साहित्य वह साहित्य होता है जिसमें स्थानीय साहित्यकारों द्वारा लोक-भाषा में जन-जीवन की झांकी प्रस्तुत की जाती है | हरियाणा की सांग परंपरा हरियाणवी लोक साहित्य का सर्वाधिक लोकप्रिय पक्ष रहा है | सांग का अर्थ ( Saang Ka Arth ) … Read more

हरियाणवी भाषा की प्रमुख बोलियां ( Haryanvi Bhasha Ki Pramukh Boliyan )

हरियाणवी भाषा से अभिप्राय हरियाणा प्रदेश की भाषा से है | हरियाणा प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा को ‘हरियाणवी‘ कहा जाता है | हरियाणवी भाषा हरियाणा प्रदेश के लोगों से जुड़ी हुई भाषा है जो यहां के लोगों के पारस्परिक वैचारिक आदान -प्रदान का प्रमुख साधन है | हरियाणवी भाषा को बांगरू, कौरवी, दक्षिणी … Read more

संपादक : गुण व दायित्व ( Sampadak : Gun V Dayitv )

संपादक ( Sampadak ) समाचार पत्र रूपी जलयान का कप्तान होता है | वह समाचार पत्र के विभिन्न क्षेत्रों का संचालन व नियमन करता है | वह संस्था के विभिन्न कर्मचारियों – संवाददाता, उप-संपादक, सह-संपादक , विज्ञापन-प्रबंधक आदि के मध्य समन्वय स्थापित करता है | समाचार पत्र की नीति के परिपालन का दायित्व उसका होता … Read more

फीचर का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ / गुण

फीचर आधुनिक युग की नवीन विधा है | यह विधा पत्रकारिता के क्षेत्र में हाल ही में विकसित हुई है | समाचार पत्रों के चार प्रमुख अंग होते हैं – समाचार, लेख, फीचर तथा चित्र | फीचर एक विशेष आलेख होता है | अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण यह अन्य तीन अंगों से सर्वथा भिन्न … Read more

शीर्षक-लेखन का महत्त्व एवं विशेषताएँ

समाचार, निबंध, कहानी, उपन्यास व किसी भी साहित्यिक विधा में शीर्षक का विशेष महत्त्व है | समाचार-लेखन में शीर्षक-लेखन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है | प्रायः समाचार पत्रों के पाठक शीर्षक को देखकर ही उसे पढ़ने या छोड़ने का निर्णय लेते हैं | अतः समाचार के शीर्षक का सरल, संक्षिप्त और जिज्ञासावर्धक होना … Read more

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी के प्रमुख निबंधकार एवं आलोचक माने जाते हैं | उनका जन्म सन 1884 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में हुआ | सन 1901 में इन्होंने मिशन हाई स्कूल से स्कूल फाइनल की परीक्षा पास की | कुछ समय तक उन्होंने इसी स्कूल में चित्रकला … Read more

बालमुकुंद गुप्त का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय बाबू बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकार हैं | उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियाना गांव में 14 नवम्बर, 1865 ईo को हुआ | इनके पिता का नाम पूरनमल तथा पितामह का नाम लाला गोवर्धनदास था | इनका परिवार बख्शी राम वालों के नाम से प्रसिद्ध था | 15 वर्ष की … Read more

तिब्बत के पथ पर : राहुल सांकृत्यायन ( Tibbat Ke Path Par : Rahul Sankrityayan )

( तिब्बत के पथ पर राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा रचित यात्रा वृतांत है जिसमें उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा का रोचक व ज्ञानवर्धक वर्णन किया है | ) आज सवेरे-सवेरे थोड़ा-थोड़ा पानी बरस रहा था | बड़े सवेरे ही शौच आदि से निवृत हो मैंने तमंग तरुण से साथ चलने को कहा | उसे अपने खेत को … Read more

सदाचार का ताबीज : हरिशंकर परसाई ( Sadachar Ka Tabeez : Harishankar Parsai )

( यहाँ हरिशंकर प्रसाद द्वारा रचित व्यंग्य लेख ‘सदाचार का ताबीज’ का मूल पाठ तथा उसके मूल भाव को दिया गया है | ) एक राज्य में हल्ला मचा कि भ्रष्टाचार बहुत फैल गया है | राजा ने एक दिन दरबारियों से कहा, “प्रजा बहुत हल्ला मचा रही है कि सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ … Read more

error: Content is proteced protected !!