पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ व विशेषताएं / गुण ( Paribhashik Shabdavali : Arth, Visheshtayen / Gun )

                    पारिभाषिक शब्द                ( Paribhashik Shabd ) ◼️ अर्थ : पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल ‘ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के :टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न – हिंदी, बी ए प्रथम वर्ष, द्वितीय सेमेस्टर ( Objective Type Questions – Hindi, BA 1st year, 2nd Semester )

                   ⚫️ वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ) ⚫️ ( बी ए प्रथम वर्ष, द्वितीय सेमेस्टर ) 👉 ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक के रचनाकार का नाम लिखिए | ▪️ जयशंकर प्रसाद 👉 ‘ध्रुवस्वामिनी’ का प्रकाशन पहली बार कब हुआ था? ▪️ 1933 में 👉 ‘ध्रुवस्वामिनी’ का पहली बार प्रकाशन किसने … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ) बी ए द्वितीय वर्ष – चतुर्थ सेमेस्टर ( Objective Type Questions-Hindi, BA 2nd year,4th semester )

              ⚫️ वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ) ⚫️ ( बी ए द्वितीय वर्ष-चतुर्थ सेमेस्टर ) 👉  ‘ईदगाह’ कहानी के लेखक कौन हैं? ▪️  मुंशी प्रेमचंद 👉 प्रेमचंद का वास्तविक नाम क्या था? ▪️ धनपत राय 👉 प्रेमचंद आरंभ में किस नाम से लिखते थे? ▪️ नवाब राय के नाम … Read more

वाक्य : अर्थ, परिभाषा एवं वर्गीकरण ( Vakya : Arth, Paribhasha Evam Vargikaran )

    ⚫️ वाक्य : अर्थ,  परिभाषा एवं वर्गीकरण ⚫️(Vakya : Arth, Paribhasha Evam Vargikaran)                  🔷 वाक्य का अर्थ 🔷                 ( Vakya Ka Arth ) भाषा का प्रमुख लक्ष्य विचारों का संप्रेषण है | इस दृष्टि से वाक्य का विशेष … Read more

राजभाषा : अर्थ, परिभाषा व हिंदी की संवैधानिक स्थिति ( Rajbhasha : Arth, Paribhasha Evam Hindi Ki Sanvaidhanik Sthiti )

 ⚫️ राजभाषा : अर्थ, परिभाषा व हिंदी की संवैधानिक स्थिति( Rajbhasha : Arth, Paribhasha Evam Hindi Ki Sanvaidhanik Sthiti )  🔷 राजभाषा का अर्थ : राजभाषा का अर्थ है – राज्य की भाषा अर्थात सामान्य शब्दों में किसी राज्य के  सरकारी कामकाज की भाषा को राजभाषा कहते हैं |  एक भाषाविद के अनुसार : ” … Read more

राम काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां /विशेषताएं ( Rama Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan )

राम काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां / विशेषताएं  ( Rama Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtayen )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल , मध्यकाल और आधुनिक काल | हिंदी साहित्य-इतिहास के काल विभाजन और नामकरण को निम्नलिखित आरेख के माध्यम से भली प्रकार … Read more

सूफी काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Sufi Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan )

सूफी काव्य परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Sufi Kavya: Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtayen ) हिंदी साहित्य के इतिहास को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है : आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल | हिंदी साहित्य-इतिहास के काल विभाजन और नामकरण को निम्नलिखित आलेख के माध्यम से भली प्रकार समझा जा सकता है : अत: … Read more

स्वन : अर्थ, परिभाषा, प्रकृति/स्वरूप व वर्गीकरण ( Svan : Arth, Paribhasha, Prakriti /Swaroop V Vargikaran )

       स्वन की अवधारणा : अर्थ, परिभाषा व प्रकृति      ( Svan  : Arth,  Paribhasha Evam Prakriti )   ‘स्वन’ शब्द के लिए हिंदी में प्राय:  ‘ध्वनि’ शब्द का प्रयोग किया जाता है | ‘ध्वनि’ शब्द ‘ध्वन’ धातु में ‘इ’ प्रत्यय लगने से बना है | ध्वनि का अर्थ है- आवाज करना या … Read more

वाग्यंत्र का अर्थ व विभिन्न वागवयवों के कार्य ( Vagyantra ka Arth v Vibhinn Vagangon Ke Karya )

     ⚫️ ध्वनि उत्पादन में वाक अवयवों की भूमिका ⚫️ ( Dhvani Utpadan Men Vaak Avyavon Ki Bhumika ) ◼️ मानव जब ध्वनि का उच्चारण करता है तो वह अपने वाग्यंत्रों के विभिन्न वागगों का प्रयोग करता है | औच्चारिकी नामक शाखा के अंतर्गत हम वागंगों अथवा वागवयवों का अध्ययन करते हैं | वागवयव  दो … Read more

भाषा : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप ( Bhasha :Arth, Paribhasha, Visheshtayen Evam Svaroop )

    ⚫️ भाषा : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप ⚫️( Bhasha : Arth, Paribhasha, Visheshtayen Evam Svaroop ) भाषा मानव का अर्जित संस्कार है जिसे वह जन्म से प्राप्त नहीं करता | मानव जिस समुदाय में रहता है उसी से भाषा को अर्जित करता है | उदाहरण के रूप में यदि बच्चे का जन्म … Read more

भाषा विज्ञान के अध्ययन की दिशाएं ( Bhasha Vigyan Ke Adhyayan Ki Dishayen )

 भाषा विज्ञान के अध्ययन की दिशाएं / पद्धतियां ( Bhasha Vigyan Ke Adhyayan Ki Dishayen/ Padhtiyan )    मनुष्य का प्रत्येक कार्य सोद्देश्य होता है बिना उद्देश्य के वह कोई कार्य नहीं करता | भाषा का अध्ययन भी एक निश्चित उद्देश्य से किया जाता है |  भाषा के अध्ययन का अर्थ होता है – भाषा के … Read more

प्रयोगवादी कविता ( नई कविता ) की सामान्य प्रवृतियां ( Prayogvadi kaviata / Nai Kavita Ki Samanya Pravrittiyan )

      प्रयोगवादी कविता की सामान्य प्रवृतियां      ( Prayogvadi Kavita/ Nai Kavita Ki Visheshtayen ) हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है आदिकाल,  मध्यकाल और आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्य काल के पूर्ववर्ती … Read more

प्रगतिवाद : अर्थ, आरम्भ, प्रमुख कवि व प्रवृतियां ( Pragativad : Arth, Aarambh, Pramukh Kavi V Pravritiyan )

प्रगतिवाद ( Pragativad )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है आदिकाल,  मध्यकाल और आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्य काल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता … Read more

हिंदी-साहित्य के आधुनिक काल की परिस्थितियां ( Hindi Sahitya Ke Adhunik Kal Ki Paristhitiyon )

 हिंदी साहित्य के आधुनिक काल की परिस्थितियां ( Hindi Sahitya :Adhunik Kaal Ki Paristhitiyan ) हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल,  मध्यकाल व आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्यकाल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल ( … Read more

छायावाद : अर्थ, परिभाषा व प्रवृत्तियां ( Chhayavad : Arth, Paribhasha V Pravrittiyan )

  हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है आदिकाल ,  मध्यकाल और आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्य काल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है | भक्तिकाल की … Read more

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