संपादक : गुण व दायित्व ( Sampadak : Gun V Dayitv )

संपादक ( Sampadak ) समाचार पत्र रूपी जलयान का कप्तान होता है | वह समाचार पत्र के विभिन्न क्षेत्रों का संचालन व नियमन करता है | वह संस्था के विभिन्न कर्मचारियों – संवाददाता, उप-संपादक, सह-संपादक , विज्ञापन-प्रबंधक आदि के मध्य समन्वय स्थापित करता है | समाचार पत्र की नीति के परिपालन का दायित्व उसका होता … Read more

फीचर का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ / गुण

फीचर आधुनिक युग की नवीन विधा है | यह विधा पत्रकारिता के क्षेत्र में हाल ही में विकसित हुई है | समाचार पत्रों के चार प्रमुख अंग होते हैं – समाचार, लेख, फीचर तथा चित्र | फीचर एक विशेष आलेख होता है | अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण यह अन्य तीन अंगों से सर्वथा भिन्न … Read more

शीर्षक-लेखन का महत्त्व एवं विशेषताएँ

समाचार, निबंध, कहानी, उपन्यास व किसी भी साहित्यिक विधा में शीर्षक का विशेष महत्त्व है | समाचार-लेखन में शीर्षक-लेखन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है | प्रायः समाचार पत्रों के पाठक शीर्षक को देखकर ही उसे पढ़ने या छोड़ने का निर्णय लेते हैं | अतः समाचार के शीर्षक का सरल, संक्षिप्त और जिज्ञासावर्धक होना … Read more

चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण ( ध्रुवस्वामिनी )

‘ध्रुवस्वामिनी’ ( Dhruvswamini ) जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है | नाटक के शीर्षक से ही पता चलता है कि नाटक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र ध्रुवस्वामिनी है | नाटक के पुरुष पात्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र चंद्रगुप्त, रामगुप्त,  शिखर स्वामी और शकराज हैं | नाटक में चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण नायक के रूप … Read more

ध्रुवस्वामिनी नाटक की कथावस्तु की समीक्षा

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी नाटक विधा को नए आयाम प्रदान किए | उन्होंने  प्राय: ऐतिहासिक नाटक लिखे हैं | ध्रुवस्वामिनी नाटक भी एक ऐतिहासिक नाटक है परन्तु प्रसाद जी ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा के बल पर ध्रुवस्वामिनी नाटक की कथावस्तु को साहित्यिक रोचकता व रसमयता प्रदान कर दी है | प्रस्तुत नाटक में प्रसाद जी ने … Read more

ध्रुवस्वामिनी नाटक की तात्विक समीक्षा

‘ध्रुवस्वामिनी‘ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है | इस नाटक में सम्राट समुद्रगुप्त के पश्चात के उस काल को दिखाया गया है जिसमें गुप्त वंश की बागडोर एक निर्बल व कायर शासक रामगुप्त के हाथों में आ गई थी और गुप्त वंश पतन की ओर अग्रसर था | यद्यपि सम्राट समुद्रगुप्त अपने छोटे … Read more

ध्रुवस्वामिनी का कथानक/कथासार ( Dhruvsvamini Ka Kathanak/kathasar )

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी नाटक विधा को नए आयाम प्रदान किए | उन्होंने प्राय: ऐतिहासिक नाटक लिखे हैं | ध्रुवस्वामिनी नाटक भी एक ऐतिहासिक नाटक है जिसे प्रसाद जी ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा के बल पर एक रसमय साहित्यिक रचना में परिवर्तित कर दिया है | ध्रुवस्वामिनी का कथानक गुप्त वंश के शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय … Read more

‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश की एक प्रसिद्ध एवं अति चर्चित कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन के परिणामस्वरूप उत्पन्न वैमनस्य का चित्रण करती है | ‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा कतिपय विद्वानों द्वारा निर्धारित छह तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ये छह तत्त्व निम्नलिखित हैं — (1) … Read more

ध्रुवस्वामिनी का चरित्र चित्रण

ध्रुवस्वामिनी जयशंकर प्रसाद कृत ध्रुवस्वामिनी नाटक का सबसे प्रमुख तथा केंद्रीय पात्र है |  संपूर्ण नाटक की कथा ध्रुवस्वामिनी के इर्द-गिर्द घूमती है | वह चंद्रगुप्त की वाग्दत्ता पत्नी है लेकिन रामगुप्त शिखर स्वामी के षड्यंत्र से न केवल ध्रुवस्वामिनी से जबरन विवाह  कर लेता है बल्कि राज्य भी हड़प लेता है | शकराज नाटक का … Read more

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी के प्रमुख निबंधकार एवं आलोचक माने जाते हैं | उनका जन्म सन 1884 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में हुआ | सन 1901 में इन्होंने मिशन हाई स्कूल से स्कूल फाइनल की परीक्षा पास की | कुछ समय तक उन्होंने इसी स्कूल में चित्रकला … Read more

बालमुकुंद गुप्त का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय बाबू बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकार हैं | उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियाना गांव में 14 नवम्बर, 1865 ईo को हुआ | इनके पिता का नाम पूरनमल तथा पितामह का नाम लाला गोवर्धनदास था | इनका परिवार बख्शी राम वालों के नाम से प्रसिद्ध था | 15 वर्ष की … Read more

गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा ( Gangrene Kahani Ki Tatvik Samiksha )

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए चतुर्थ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘कथाक्रम’ में संकलित गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा प्रस्तुत की गई है |) ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की एक सुप्रसिद्ध कहानी है | पहले यह कहानी अज्ञेय जी के कहानी संकलन ‘विपथगा’ में ‘रोज’ नाम से प्रकाशित हुई थी | सन … Read more

तिब्बत के पथ पर : राहुल सांकृत्यायन ( Tibbat Ke Path Par : Rahul Sankrityayan )

( तिब्बत के पथ पर राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा रचित यात्रा वृतांत है जिसमें उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा का रोचक व ज्ञानवर्धक वर्णन किया है | ) आज सवेरे-सवेरे थोड़ा-थोड़ा पानी बरस रहा था | बड़े सवेरे ही शौच आदि से निवृत हो मैंने तमंग तरुण से साथ चलने को कहा | उसे अपने खेत को … Read more

सदाचार का ताबीज : हरिशंकर परसाई ( Sadachar Ka Tabeez : Harishankar Parsai )

( यहाँ हरिशंकर प्रसाद द्वारा रचित व्यंग्य लेख ‘सदाचार का ताबीज’ का मूल पाठ तथा उसके मूल भाव को दिया गया है | ) एक राज्य में हल्ला मचा कि भ्रष्टाचार बहुत फैल गया है | राजा ने एक दिन दरबारियों से कहा, “प्रजा बहुत हल्ला मचा रही है कि सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ … Read more

‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है | बाल मनोविज्ञान पर आधारित यह कहानी साहित्य समीक्षकों तथा सामान्य पाठकों द्वारा समान रूप से सराही गई है | ‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा निम्नलिखित तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तु (2) पात्र या चरित्र चित्रण (3) देशकाल व … Read more

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