बालमुकुंद गुप्त का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय बाबू बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकार हैं | उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियाना गांव में 14 नवम्बर, 1865 ईo को हुआ | इनके पिता का नाम पूरनमल तथा पितामह का नाम लाला गोवर्धनदास था | इनका परिवार बख्शी राम वालों के नाम से प्रसिद्ध था | 15 वर्ष की … Read more

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt )

( ‘आशा का अंत’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेख है जो ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी नीतियों व कुशासन पर तीखा प्रहार करता है | ) माई लार्ड! अब के आप के भाषण ने नशा किरकिरा कर दिया | संसार के सब दु:खों और समस्त चिंताओं को जो शिवशंभू शर्मा दो चुल्लू बूँटी पीकर … Read more

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