डॉ लक्ष्मी नारायण लाल के नाटक ( Dr. Lakshminarayan Lal Ke Natak )

डॉ लक्ष्मी नारायण लाल ( 1927 – 1987 ) स्वातंत्र्योत्तर भारत के प्रमुख नाटककार हैं | इन्होंने हिंदी नाटक को नई पहचान दिलाई | उन्होंने अपनी लेखनी से अनेक नाटकों की रचना की | उनके द्वारा रचित प्रमुख नाटक निम्नलिखित हैं :- अंधा कुआं ( 1955 ) – लक्ष्मीनारायण लाल का पहला नाटक, प्रमुख पात्र … Read more

जैनेंद्र कुमार के उपन्यास ( Jainendra Kumar Ke Upanyas )

जैनेंद्र कुमार ( 2 जनवरी, 1905 – 24 दिसंबर, 1988 ) हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं उन्होंने हिंदी उपन्यास को नई पहचान दिलाई उनके प्रमुख उपन्यास निम्नलिखित हैंं : – 🔹 परख ( 1929 ) – यह जैनेन्द्र कुमार द्वारा रचित प्रथम उपन्यास है | कट्टो, सत्यधन, बिहारी और गरिमा इस उपन्यास के प्रमुुुख पात्र … Read more

उपेंद्रनाथ अश्क के नाटक ( Upendranath Ashk Ke Natak )

उपेंद्रनाथ अश्क ( Upendranath Ashk ) छायावादोत्तर काल के प्रसिद्ध नाटककार हैं | इन्होंने हिंदी नाटक को नई पहचान दी | इन्होंने अपनी लेखनी से अनेक नाटकों की रचना की जो हिंदी नाट्य विधा को नए आयाम प्रदान करते हैं | अश्क़ जी के कुछ प्रसिद्ध नाटक निम्नलिखित हैं :- जय-पराजय ( 1937 ), वैश्या … Read more

एरिक्सन का मनोसामाजिक सिद्धांत ( Erikson’s Psychosocial Development Theory

एरिक्सन के सिद्धांत के अनुसार पूरे जीवन में विकास के आठ चरण क्रमानुसार चलते रहते हैं | प्रत्येक चरण में एक विशिष्ट विकासात्मक मानक होता है जिसे पूरा करने में आने वाली समस्याओं का समाधान करना आवश्यक होता है | 🔹 एरिक्सन के अनुसार समस्या कोई संकट नहीं है बल्कि संवेदनशीलता और सामर्थ्य को बढ़ाने … Read more

पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत

डॉक्टर जीन पियाजे स्विट्जरलैंड के मनोवैज्ञानिक थे | उन्होंने संज्ञानात्मक विकास ( Cognitive Development ) का सिद्धांत दिया | 🔹 उसने स्वयं के बच्चों पर अध्ययन किया | जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते गए उनके मानसिक विकास का वे बारीकी से अध्ययन करते रहे | 🔹 उसने कहा कि बच्चों में बुद्धि का विकास उनके जन्म … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2( Educational Psychology -2 )

          शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2 👉 अंत:दृष्टि अधिगम सिद्धांत में वस्तु की किस स्थिति पर ध्यान दिया जाता है? ▪️ संपूर्ण स्थिति पर 👉 स्टैनले हॉल ( Stanley Hall ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत कौन सा है? ▪️ पुनरावृति का सिद्धांत 👉 स्पीयरमैन ( Spearman ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत में किस प्रकार … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -1 ( Shiksha Manovigyan Prashnottari -1)

         शिक्षा-मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी 👉 गेस्टाल्टवाद ( Gestaltvad )  का जन्मदाता किसे माना जाता है?▪️ वर्दीमर ( Wertheimer ) ( जर्मनी )👉 “शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति की जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है |” यह कथन किसका है?▪️ क्रो एंड क्रो👉 पावलव ( Pavlov ) … Read more

मूल्यांकन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, आवश्यकता एवं महत्त्व ( Evaluation : Meaning, Definition, Characteristics, Importance )

      मूल्यांकन : अर्थ,  परिभाषा और विशेषताएं (Mulyankan : Arth, Paribhasha Aur Visheshtayen )    ◼️ मूल्यांकन का अर्थ ( Meaning Of Evaluation )  मूल्यांकन अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है | यह पढ़ाने में अध्यापकों की तथा सीखने में विद्यार्थियों की मदद करता है |मूल्यांकन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है … Read more

अभिप्रेरणा ( Motivation )

          अभिप्रेरणा ( Abhiprerna ) ◼️ अभिप्रेरणा का शिक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है इसके महत्व को समझाते हुए कहा गया है – “अभिप्रेरणा शिक्षण का महापथ है | अभिप्रेरणा 50% शिक्षण है “ ऐसा कोई भी कार्य या वस्तु या लक्ष्य जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए संचालित कर दे, … Read more

संवेग ( Emotion )

             संवेग ( Emotion ) ‘संवेग’ को अंग्रेजी भाषा में इमोशन ( Emotion )  कहते हैं | Emotion शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘इमोवियर’(Emovere) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है – भड़क उठना या उत्तेजित होना |▪️ अत: संवेग ( Emotion ) शरीर के उत्तेजित होने वाली क्रिया … Read more

सृजनात्मकता ( Creativity )

       सृजनात्मकता ( Creativity )                                  सृजनात्मकता का अर्थ          ( Meaning of Creativity )  ‘सृजनात्मकता’ को अंग्रेजी भाषा में क्रिएटिविटी ( Creativity ) कहते हैं जो क्रिएटिव ( Creative ) शब्द से बना है, … Read more

संज्ञान ( Cognition )

            संज्ञान ( Sangyan ) संज्ञान एक ऐसी बौद्धिक या मानसिक अवस्था है जिसमें ज्ञान, अवबोध,  उपयोग एवं मूल्यांकन पक्ष शामिल होते हैं | इसमें स्मरण, प्रत्यक्षण,  चिंतनt भाव आदि क्रियाएं निहित होती हैं |बालक का व्यवहार उसकी संज्ञानात्मक संरचना से सुनिश्चित होता है | इसके पश्चात यह संरचना वातावरण … Read more

सक्रिय / नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत ( Sakriya Ya Naimittik Anubandhan Siddhant )

सक्रिय या नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत ( Sakriya Ya Naimittik Anubandhan Siddhant ) सक्रिय अनुबंधन सिद्धांत को नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत भी कहते हैं | इस अनुबंधन सिद्धांत को क्रिया-प्रसूत अनुबंधन सिद्धांत ही कहा जाता है |                       🔷  अर्थ  🔷             … Read more

शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत ( Pavlov’s Classical Conditioning Theory )

             शास्त्रीय अनुबंधन अधिगम सिद्धांत   ( Shastriya Anubandhan Siddhant )  अनुबंधन का सिद्धांत ( Conditioning Theory) व्यवहारवाद की देन है |  व्यवहारवादियों ने बताया कि जिस प्रकार का व्यवहार सीखना हो उसी प्रकार का उद्दीपन उस व्यक्ति को दिया जाता है | बार-बार दिया जाने वाला उद्दीपन एक क्रिया … Read more

अंत:दृष्टि या सूझबूझ का सिद्धांत या गेस्टाल्टवाद ( Antahdrishti Ya Sujhbujh Ka Siddhant Ya Gestaltvad )

अंत:दृष्टि या सूझबूझ का सिद्धांत या गैस्टॉटवाद ( Anthdrishti ya Sujhbujh Ka Siddhant Ya Gestalt Theory ) ◼️ गेस्टाल्ट ( Gestalt ) का अर्थ है – समग्र रूप |  इसका अर्थ है कि व्यक्ति किसी वस्तु या अवधारणा को आंशिक रूप से नहीं बल्कि पूर्ण रूप से सीखता है। अतः इसे संपूर्णवाद या  पूर्णाकारवाद की … Read more

error: Content is proteced protected !!