बाजार दर्शन : जैनेंद्र कुमार ( Bajar Darshan : Jainendra Kumar )
एक बार की बात कहता हूँ | मित्र बाजार गए तो थे कोई एक मामूली चीज लेने पर लौटे तो एकदम बहुत से बंडल पास थे | मैंने कहा – यह क्या? बोले – यह जो साथ थी | उनका आशय था कि यह पत्नी की महिमा है | उस महिमा का मैं कायल हूँ … Read more