ई-मेल ( E-mail ) : अर्थ, परिभाषा और प्रक्रिया

ई-मेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है | इसमें नेटवर्क द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक शीघ्र ही सूचना का संचार किया जाता है | इस प्रकार भेजी गई सूचना को दूसरे कंप्यूटर पर पढ़ा जा सकता है व उसको सुरक्षित रखा जा सकता है | आवश्यकता पड़ने पर उस सूचना का मुद्रण भी … Read more

मशीनी अनुवाद : अर्थ, परिभाषा, स्वरूप व प्रकार

सामान्य शब्दों में एक भाषा की सामग्री को दूसरी भाषा में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है | एक अनुवादक स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा दोनों की बारीकियों को समझते हुए अनुवाद कार्य का निष्पादन करता है | अनुवाद एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इसमें केवल शब्दों को ही दूसरी भाषा में रूपांतरित नहीं किया जाता … Read more

टिप्पण या टिप्पणी : अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएं और प्रकार

टिप्पण या टिप्पणी का कार्यालयों के लिए एक विशेष महत्व है | यह अंग्रेजी शब्द नोटिंग ( Noting ) का हिंदी अनुवाद है | ‘नोटिंग’ शब्द लैटिन के Nota से बना है जिसका अर्थ है – जानना| इसके लिए ‘कमेंट’ या ‘एनोटेशन’ का भी प्रयोग किया जाता है | कार्यालयों में आवेदन पत्रों को सरलता … Read more

अनुवाद : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

अनुवाद का अर्थ अनुवाद शब्द संस्कृत की ‘वद्’ धातु में ‘अनु’ उपसर्ग तथा ‘घयं’ प्रत्यय लगाने से बना है | अनु का अर्थ है – पीछे और वाद का अर्थ है-कथन। अतः अनुवाद उस कथन को कहा जाता है जो किसी पूर्व कथन का अनुसरण करके कहा गया हो या फिर लिखा गया हो। अंग्रेजी … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ), बी ए – छठा सेमेस्टर ( Vastunishth Prashn, Hindi, BA – 6th Semester )

◼️ ‘आशा का अंत’ निबंध के लेखक का नाम बताइए | उत्तर – बालमुकुंद गुप्त | 🔹 बालमुकुंद गुप्त का जन्म कब और कहां हुआ? उत्तर – बालमुकुंद गुप्त का जन्म 14 नवंबर, 1865 को हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियानी गांव में हुआ | 🔹 बालमुकुंद गुप्त की मृत्यु कब हुई? उत्तर – सन … Read more

संपादक : गुण व दायित्व ( Sampadak : Gun V Dayitv )

संपादक ( Sampadak ) समाचार पत्र रूपी जलयान का कप्तान होता है | वह समाचार पत्र के विभिन्न क्षेत्रों का संचालन व नियमन करता है | वह संस्था के विभिन्न कर्मचारियों – संवाददाता, उप-संपादक, सह-संपादक , विज्ञापन-प्रबंधक आदि के मध्य समन्वय स्थापित करता है | समाचार पत्र की नीति के परिपालन का दायित्व उसका होता … Read more

फीचर का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ / गुण

फीचर आधुनिक युग की नवीन विधा है | यह विधा पत्रकारिता के क्षेत्र में हाल ही में विकसित हुई है | समाचार पत्रों के चार प्रमुख अंग होते हैं – समाचार, लेख, फीचर तथा चित्र | फीचर एक विशेष आलेख होता है | अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण यह अन्य तीन अंगों से सर्वथा भिन्न … Read more

शीर्षक-लेखन का महत्त्व एवं विशेषताएँ

समाचार, निबंध, कहानी, उपन्यास व किसी भी साहित्यिक विधा में शीर्षक का विशेष महत्त्व है | समाचार-लेखन में शीर्षक-लेखन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है | प्रायः समाचार पत्रों के पाठक शीर्षक को देखकर ही उसे पढ़ने या छोड़ने का निर्णय लेते हैं | अतः समाचार के शीर्षक का सरल, संक्षिप्त और जिज्ञासावर्धक होना … Read more

इंटरनेट : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, स्वरूप और उपयोगिता ( Internet : Arth, Paribhasha, Visheshtayen, Swaroop Aur Mahattv / Upyogita )

इंटरनेट इंटरनेशनल नेटवर्क ( International Network ) का संक्षिप्त रूप है | इंटरनेट एक ऐसा विश्वव्यापी कंप्यूटर नेटवर्क है जिसमें विस्तृत जानकारी एकत्रित कर कंप्यूटर पर उपलब्ध कराई जाती है | इंटरनेट सर्किट द्वारा एक दूसरे से जुड़े हुए छोटे-छोटे नेटवर्कों और दूसरे कंप्यूटरों का संगठित समूह है जिसमें व्यापारिक, शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा व्यक्तिगत आंकड़ों … Read more

पल्लवन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और नियम ( Pallavan : Arth, Paribhasha, Visheshtayen Aur Niyam )

पल्लवन किसी भाव का विस्तार है जो उसे समझने में सहायक सिद्ध होता है | विद्वान, संत-महात्मा आदि समास -शैली और प्रतीकात्मक शब्दों का प्रयोग करते हुए ऐसी गंभीर बात कह देते हैं जो उनके लिए तो सहज-सरल होती है पर सामान्य व्यक्ति के लिए उसके भाव को समझने में कठिनाई होती है | ऐसे … Read more

संक्षेपण : अर्थ, विशेषताएं और नियम ( Sankshepan : Arth, Visheshtayen Aur Niyam )

संक्षेपण एक कला है जिसका संबंध किसी विस्तृत विषय वस्तु या संदर्भ को संक्षेप में प्रस्तुत करने से होता है | विभिन्न संस्थानों, कार्यालयों और विद्यार्थियों के लिए इसका विशेष महत्व है | इसके अंतर्गत अनावश्यक और अप्रासंगिक अंशों को छोड़कर मूल भाव को ध्यान में रखकर उपयोगी तथ्यों को संक्षेप में प्रकट किया जाता … Read more

प्रयोजनमूलक हिंदी का स्वरूप ( Prayojanmoolak Hindi Ka Swaroop )

हम अपने दैनिक कार्यकलापों में जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह सामान्य व्यवहार की भाषा होती है परंतु विभिन्न औपचारिक कार्यों के लिए जैसे कार्यालय, बैंकिंग, तकनीकी आदि क्षेत्रों में परस्पर पत्र-व्यवहार के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है | इस प्रकार किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए … Read more

प्रयोजनमूलक भाषा का अर्थ व प्रयोजनमूलक हिंदी का वर्गीकरण ( Prayojanmulak Hindi Ka Vargikaran )

हम अपने दैनिक कार्यकलापों में जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह सामान्य व्यवहार की भाषा होती है परंतु विभिन्न औपचारिक कार्यों के लिए जैसे कार्यालय, बैंकिंग, तकनीकी आदि क्षेत्रों में परस्पर पत्र-व्यवहार के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है | इस प्रकार किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए … Read more

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