रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetikal : Parampara Evam Pravritiyan )

             रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृतियां     ( Reetikal : Parampara Evam Pravrityan )   हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल,  मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल ( Reetikal ) के नाम … Read more

रीतिसिद्ध काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetisiddh kavya: Parampara Evam Pravritiya )

              रीतिसिद्ध काव्य परंपरा    हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बाँटा जा सकता है – आदिकाल, मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती काल को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है |  रीतिकाल की समय-सीमा संवत 1700 से संवत … Read more

रीतिमुक्त काव्य : परंपरा व प्रवृत्तियां ( Reetimukt Kavya: Parampara Evam Pravrittiya )

हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है अधिकार मध्यकाल और आधुनिक काल | मध्य काल के उत्तर भर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है | हिंदी साहित्य में संवत 1700 से संवत 1900  तक का काल रीतिकाल है जिसमें तीन प्रकार का साहित्य मिलता है – रीतिबद्ध … Read more

रीतिकाल : समय-सीमा व नामकरण ( Reetikal: Samay Seema v Naamkaran )

रीतिकाल: समय-सीमा व नामकरण   ( Reetikal Ka Naamkaran )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा जा सकता है : आदिकाल , मध्यकाल व आधुनिक काल । आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से स० 1375  तक माना जाता है । मध्यकाल को दो भागों में बाँटा गया है ; पूर्ववर्ती … Read more

आदिकाल की परिस्थितियां ( Aadikal Ki Paristhitiyan )

                आदिकाल की परिस्थितियां               ( Aadikal Ki Paristhitiyan ) हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है : आदिकाल,  मध्यकाल और आधुनिक काल | मध्यकाल को भक्तिकाल और रीतिकाल में बांटा जा सकता है |आदिकाल की समय सीमा … Read more

error: Content is proteced protected !!