त्रिपक्षीय संघर्ष / त्रिकोणीय संघर्ष

सम्राट हर्षवर्धन ने 606 ईसवी से 647 ईसवी तक उत्तर भारत में शासन किया | कन्नौज उसकी राजधानी थी | 647 ईस्वी में हर्ष की मृत्यु के पश्चात उत्तरी भारत में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई | हर्ष के बाद शक्तिशाली केन्द्रीय शासन के अभाव में उसका साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों व रियासतों में बँट गया। इस … Read more

चोल प्रशासन ( Cholas Administration )

दक्षिण भारत के इतिहास में चोल वंश का महत्वपूर्ण स्थान है | यद्यपि चोलों का इतिहास बहुत अधिक पुराना है परंतु 9वीं सदी में यह वंश शक्तिशाली अवस्था में उभर कर सामने आया तथा 1200 ईस्वी तक दक्षिण भारत में सत्तासीन रहा | 9वीं सदी के उत्तरार्ध में चोलों ने तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में … Read more

महमूद गजनवी के आक्रमण ( Mahmud Ghazanavi’s Invassions )

महमूद गजनवी का जन्म 971 ईस्वी में हुआ | उसके पिता का नाम सुबुक्तगीन था | अपने पिता के साथ अनेक युद्धों में शामिल होकर वह पहले ही अपनी वीरता तथा युद्ध कौशल का परिचय दे चुका था | परंतु उसके अपने पिता से संबंध अच्छे नहीं थे | इसलिए उसके पिता ने मृत्यु से … Read more

मुहम्मद गौरी के आक्रमण ( Mohammed Gauri’s Invassions )

महमूद गजनवी के बाद भारत पर आक्रमण करने वाले मुस्लिम आक्रमणकारियों में मोहम्मद गौरी का नाम आता है | 1173 ईस्वी में गजनी का शासक बनने के तुरंत पश्चात उस ने भारत पर आक्रमण करने की योजना बना ली थी उसने भारत पर अपना पहला आक्रमण 1175 ईस्वी में किया | उसका भारत पर आक्रमण … Read more

दिल्ली सल्तनत का संस्थापक : इल्तुतमिश

दिल्ली सल्तनत की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी, परन्तु परन्तु दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश को माना जाता है। ऐबक अपने अल्पकाल में कोई विशेष उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पाया था। इल्तुतमिश इल्बारी तुर्क था। उसका पिता ईलम खाँ इस कबीले का मुखिया था। अपनी उत्तम सोच व कुशाग्र बुद्धि के कारण वह … Read more

बलबन की रक्त और लौह की नीति

बलबन का संबंध एक अलवारी कबीले के धनी तुर्क परिवार से था | वह इल्तुतमिश का खरीदा हुआ दास था | उसका कद छोटा और रंग काला था | वह देखने में भद्दा था लेकिन उसकी योग्यता से प्रभावित होकर सुल्तान इल्तुतमिश ने उसे खरीदकर माशकी ( पानी छिड़कने वाला ) का कार्य सौंपा | … Read more

अलाउद्दीन खिलजी की सैनिक सफलताएं ( Alauddin Khilji’s Military Achievements )

अलाउद्दीन खिलजी खिलजी वंश का सबसे योग्य शासक था | उसने 1296 ईस्वी से 1316 ईस्वी तक शासन किया | अपने 20 वर्ष के शासनकाल में उसने न केवल साम्राज्य विस्तार की तरफ ध्यान दिया बल्कि अनेक आर्थिक, सैनिक और प्रशासनिक सुधार भी किए | सुल्तान बनते ही उसने सर्वप्रथम साम्राज्य विस्तार की नीति को … Read more

अलाउद्दीन खिलजी के सुधार

खिलजी वंश के शासकों में अलाउद्दीन खिलजी ( Alauddin Khilji ) सर्वाधिक शक्तिशाली व योग्य शासक था | उसने 1296 ईस्वी से 1316 ईस्वी तक शासन किया | अपने 20 वर्ष के शासनकाल में उसने दिल्ली सल्तनत के प्रशासन में अनेक सुधार किए | उसने सैनिक, नागरिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था में जो सुधार किए उनसे … Read more

मुहम्मद तुगलक की हवाई योजनाएं

मुहम्मद तुगलक ने 1325 ई० से 1351 ई० तक शासन किया। उसे इतिहास में ‘विचारवान’ कहा जाता है। इतिहास कुछ विचित्र घटनाओं से भरा हुआ है। अलाऊद्दीन खलजी व अकबर अनपढ़ होते हुए भी महान कहलाए। मुहम्मद तुगलक शिक्षित होते भी ‘मूर्ख’ कहलाया। उसके सभी कार्य महान उद्देश्यों से प्रेरित होकर किए गए। परन्तु उसकी … Read more

रासो काव्य परंपरा ( Raso Kavya Parampara )

रासो काव्य परंपरा ( Raso Kavya Parampara ) को जानने से पूर्व ‘रासो’ शब्द की व्युत्पत्ति को जानना आवश्यक होगा | ‘रासो’ शब्द की व्यत्पत्ति ‘रासो’ शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर विद्वान एकमत नहीं हैं | ‘रास’, ‘रासउ’, ‘रासु’, “रासह’ और ‘रासो’ आदि शब्द एक-दूसरे के पर्यायवाची शब्दों के रूप में प्रयुक्त होते रहे हैं। … Read more

फिरोज तुगलक के सुधार

मुहम्मद तुगलक के पश्चात उसका चचेरा भाई फिरोज तुगलक सुल्तान बना | उसने 1351 ईस्वी से 1388 ईस्वी तक शासन किया | यद्यपि वह एक कमजोर सेनानायक था परन्तु अपने प्रजा हितार्थ कार्यों के कारण वह इतिहास में प्रसिद्ध है | उसके शासनकाल में कृषि, व्यापार, उद्योग के क्षेत्र में अनेक सुधार हुए | स्थापत्य … Read more

दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण

दिल्ली सल्तनत की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की | यह शासन 1526 ईस्वी तक चलता रहा | 1388 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का धीरे-धीरे पतन होने लगा | जहाँ खिलजी शासकों ने इसे अपनी चरम सीमा तक पहुंचाया वहीं तुगलक शासकों ने … Read more

सल्तनत कालीन अर्थव्यवस्था

दिल्ली सल्तनत की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में की थी यह शासन 1526 ईस्वी तक चला | 1526 ईस्वी में पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित करके सल्तनत वंश का अंत कर दिया और मुगल वंश की नींव रखी | सल्तनत काल में कृषि, व्यापार, उद्योग, वाणिज्य के … Read more

फ्रायड का मनोविश्लेषणवाद ( Psychoanalysis )

‘मनोविश्लेषणवाद’ ( Psychoanalysis ) शब्द दो शब्दों के मेल से बना है — ‘मनोविश्लेषण’ तथा ‘वाद’ | ‘मनोविश्लेषण’ का सामान्य अर्थ है – मानव मन का विश्लेषण करना तथा ‘वाद’ का अर्थ है – पद्धति या सिद्धांत | अतः मनोविश्लेषणवाद ( Psychoanalysis ) वह पद्धति है जिसके द्वारा मानव-मन का विश्लेषण किया जाता है | … Read more

मार्क्सवादी आलोचना ( Marxist Criticism )

कार्ल मार्क्स ने जो सिद्धांत दिया उसका राजनीति के साथ-साथ साहित्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ा | मूलत: कार्ल मार्क्स का सिद्धांत अर्थवादी है | इसलिए कुछ आलोचक मानते हैं कि मार्क्सवाद का साहित्य से कोई संबंध नहीं | लेकिन यह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि साहित्य जीवन की ही अभिव्यक्ति है | दूसरे, मार्क्स ने … Read more

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