ऊर्जा के संसाधन : कोयला

जिन संसाधनों का प्रयोग हम उद्योगों में मशीनों को चलाने, यातायात के साधनों को गति देने, कृषि को यांत्रिक बनाने तथा घरेलू कामों के लिए करते हैं, उन्हें ऊर्जा के संसाधन कहते हैं। ऊर्जा के संसाधन औद्योगिक विकास के लिए अनिवार्य हैं । आज के युग में कुछ महत्त्वपूर्ण ऊर्जा के संसाधन, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक … Read more

भारत के प्रमुख खनिज

भूगर्भ से खोदकर निकाली जाने वाली बहुमूल्य वस्तुओं को खनिज कहते हैं | खनिज वे प्राकृतिक रासायनिक तत्व या यौगिक है जो मुख्यत: अजैव क्रियाओं से बनते हैं | ये खनिज अपने भौतिक तथा रासायनिक गुणों से पहचाने जाते हैं | जिन स्थानों से खनिज खोद कर निकाले जाते हैं उन्हें खान कहते हैं | … Read more

भारत के प्रमुख उद्योग : उर्वरक, सीमेंट, चीनी, एल्युमीनियम तथा कागज उद्योग

उर्वरक उद्योग भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि की उपज काफी हद तक मिट्टी की उपजाऊ शक्ति पर निर्भर करती है। भारत की मिट्टियों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटेशियम आदि महत्वपूर्ण तत्वों की कमी होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए मिट्टी में नाइट्रोजन, फोस्फेट तथा उर्वरक डाले जाते हैं। इन … Read more

भारत के उद्योग : सूती वस्त्र, पटसन व लोहा-इस्पात उद्योग

पूंजी, प्रौद्योगिकी तथा कुशल श्रमिकों के माध्यम से बड़े स्तर पर वस्तुओं का उत्पादन करना, उद्योग कहलाता है | उद्योगों का स्थानीयकारण कई प्रकार के भौगोलिक और भौतिक कारकों पर निर्भर करता है | कच्चे माल की उपलब्धता, शक्ति के साधन, परिवहन के साधन, कुशल श्रमिक, पूंजी, प्रौद्योगिकी तथा सरकार की नीति आदि कुछ प्रमुख … Read more

भारत की प्रमुख प्रजातियां व जनजातियां

भारत की जनजातियां यहां की आदिवासी तथा मूल निवासियों की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं | इनके जीवन जीने का ढंग वर्तमान समय में भी अति प्राचीन है | भले ही इनमें से कुछ जनजातियों ने स्थायी कृषि, पशु पालन आदि का आरंभ कर दिया हो किंतु अधिकांश जनजातियां आज भी शिकार करने, मछली पकड़ने, … Read more

मशीनी अनुवाद : अर्थ, परिभाषा, स्वरूप व प्रकार

सामान्य शब्दों में एक भाषा की सामग्री को दूसरी भाषा में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है | एक अनुवादक स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा दोनों की बारीकियों को समझते हुए अनुवाद कार्य का निष्पादन करता है | अनुवाद एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इसमें केवल शब्दों को ही दूसरी भाषा में रूपांतरित नहीं किया जाता … Read more

भारतीय कृषि : प्रमुख कारक, हरित क्रांति व प्रमुख कृषि ऋतुएँ

भारतीय कृषि के प्रमुख कारक भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की लगभग 62% आबादी कृषि व उससे संबद्ध कार्यों में लगी हुई है। कृषि से जहाँ हमारे देश की जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध होती है, वहीं उद्योगों को कच्चा माल भी प्राप्त होता है। भारतीय कृषि देश की अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू … Read more

टिप्पण या टिप्पणी : अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएं और प्रकार

टिप्पण या टिप्पणी का कार्यालयों के लिए एक विशेष महत्व है | यह अंग्रेजी शब्द नोटिंग ( Noting ) का हिंदी अनुवाद है | ‘नोटिंग’ शब्द लैटिन के Nota से बना है जिसका अर्थ है – जानना| इसके लिए ‘कमेंट’ या ‘एनोटेशन’ का भी प्रयोग किया जाता है | कार्यालयों में आवेदन पत्रों को सरलता … Read more

भारत की बहुद्देशीय परियोजनाएँ

भारत की जलवायु वर्ष भर कृषि उत्पादकता के अनुकूल है और यहां की मिट्टी उपजाऊ है परंतु यहां वर्ष के सभी महीनों में जल की आपूर्ति नहीं हो पाती | अतः यहां सिंचाई आवश्यक हो जाती है | सिंचाई की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत में बहुद्देशीय परियोजनाएँ विकसित की गई हैं … Read more

विलियम वर्ड्सवर्थ का काव्य भाषा सिद्धांत

विलियम वर्ड्सवर्थ का आधुनिक पाश्चात्य काव्यशास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान है | उसने उन्नीसवीं शताब्दी के आरम्भ में नव्यशास्त्रवाद (Neoclassicism) से सम्बन्ध विच्छेद करके एक सर्वथा नवीन विचारधारा को जन्म दिया। विलियम वर्ड्सवर्थ के इन विचारों को पाश्चात्य काव्यशास्त्र में स्वच्छंदतावाद के नाम से जाना जाता है | उनके विचार उनकेप्रसिद्ध काव्य-संग्रह Lyrical Ballads के द्वितीय … Read more

भारतीय वन, राष्ट्रीय उद्यान व जीव अभयारण्य क्षेत्र

भारत में वन, राष्ट्रीय उद्यान व जीव अभयारण्य क्षेत्र देश के सभी भागों में मिलते हैं लेकिन भारत में वन क्षेत्रों का वितरण बड़ा असमान है। ये उन प्रदेशों में बहुत कम पाए जाते हैं, जहां इनकी बहुत अधिक आवश्यकता है। उदाहरणत: गंगा के अधिक जनसंख्या तथा कृषि वाले मैदान के केवल 5% भाग पर … Read more

गुप्त काल : भारतीय इतिहास का स्वर्णकाल

मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात गुप्त काल के शासकों ने भारत को राजनीतिक एकता के सूत्र में बांधा | यद्यपि ईस्वी की चौथी सदी के आरंभ से लेकर छठी सदी के अंत तक इनका शासन रहा | परंतु गुप्त वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक स्कंदगुप्त था जिसने 467 ईस्वी तक शासन किया | हूणों … Read more

अनुवाद : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

अनुवाद का अर्थ अनुवाद शब्द संस्कृत की ‘वद्’ धातु में ‘अनु’ उपसर्ग तथा ‘घयं’ प्रत्यय लगाने से बना है | अनु का अर्थ है – पीछे और वाद का अर्थ है-कथन। अतः अनुवाद उस कथन को कहा जाता है जो किसी पूर्व कथन का अनुसरण करके कहा गया हो या फिर लिखा गया हो। अंग्रेजी … Read more

महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय महादेवी वर्मा ( Mahadevi Varma ) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत के साथ छायावााद की आधार स्तंभ मानी जाती हैं। उन्हें आधुनिक काल की मीरा कहा जाता है | महादेवी वर्मा जी का जन्म … Read more

जॉन ड्राइडन का काव्य सिद्धांत

जॉन ड्राइडन का पाश्चात्य आलोचना जगत में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे | वे आलोचक के साथ-साथ प्रसिद्ध कवि, नाटककार तथा व्यंग्यकार थे। उनके आलोचना सिद्धान्त उनकी रचनाओं की भूमिकाओं में मिलते हैं। उन्होंने सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दोनों प्रकार की आलोचनाओं के बारे में अपने मत व्यक्त किए। वे एक … Read more

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