भारत का भौगोलिक परिचय

भारत का भौगोलिक परिचय इसके अक्षांशीय व देशान्तरीय विस्तार, इसके क्षेत्रफल तथा इसके मैदानों, पर्वतों, पठारों आदि को समाहित किए है | अतः इन सबका संक्षिप्त वर्णन करना आवश्यक होगा | भारत 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है। इस प्रकार इसका … Read more

विश्व के जलवायु प्रदेश

विश्व के जलवायु प्रदेश विभिन्न स्थानों पर जलवायु की समानता के आधार पर पृथ्वी तल के प्रमुख विभाग हैं | पृथ्वी पर चार वृहद जलवायु प्रदेश हैं जिन्हें कटिबंध भी कहा जाता है | सामान्य रूप से संसार की जलवायु को 12 प्रमुख जलवायु प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है … Read more

मृदा का वर्गीकरण और मृदा अपरदन

मृदा — मृदा या मिट्टी खनिज और जैव तत्त्वों का वह प्राकृतिक मिश्रण है जिसमें वनस्पति एवं पौधे उत्पन्न करने की क्षमता होती है | यह धरातल के ऊपरी भाग में पाई जाती है | मृदा का वर्गीकरण मृदा के संघटन के आधार पर किया जाता है | मृदा का सामान्य वर्गीकरण मृदा का वर्गीकरण … Read more

फैसला ( मैत्रेयी पुष्पा )

( ‘फैसला’ कहानी मैत्रेयी पुष्पा की बहुचर्चित कहानी है | इस कहानी का कथ्य सदियों से पुरुष द्वारा नारी पर किए जा रहे अत्याचारों पर आधारित है | कहानी दर्शाती है कि पुरुषप्रधान समाज ने नारी को परम्परा के नाम पर ऐसे बंधनों में बाँध दिया है कि आज की आधुनिक नारी भी उन बंधनों … Read more

भूकंप के कारण, भूकंपीय तरंगें व भूकंप संभावित क्षेत्र

भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकंप के कारण भारी जान माल की हानि होती है | भूकंप ( Earthquake ) भूकंप का साधारण अर्थ है … Read more

ज्वालामुखी : अर्थ, उद्गार के कारण, प्रकार / वर्गीकरण व क्षेत्र

ज्वालामुखी पृथ्वी पर होने वाली एक आकस्मिक घटना है। इससे भू-पटल पर अचानक विस्फोट होता है, जिसके द्वारा लावा, गैस, धुंआ, राख, कंकड़, पत्थर आदि बाहर निकलते हैं। इन सभी वस्तुओं का निकास एक प्राकृतिक नली द्वारा होता है, जिसे ‘निकास नलिका’ (Vent or Neck) कहते हैं। लावा धरातल पर आने के लिए एक छिद्र … Read more

पच्चीस चौका डेढ़ सौ : ( ओमप्रकाश वाल्मीकि )

( पच्चीस चौका डेढ़ सौ दलित चेतना के प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है इस कहानी के माध्यम से लेखक ने सवर्णों द्वारा दलित उत्पीड़न की झाँकी प्रस्तुत करते हुए दलितों की दबी-कुचली मानसिकता पर प्रकाश डाला है | पहली तन्ख्वाह के रुपए हाथ में थामे सुदीप अभावों के गहरे … Read more

ठेस ( फणीश्वर नाथ रेणु )

( ‘ठेस’ कहानी फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जिसमें एक कलाकार की भावुकता का वर्णन किया गया है | ) खेती-बाड़ी के समय गाँव के किसान सिरचन की गिनती नहीं करते। लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं। इसलिए खेत-खलिहान की मजदूरी के लिए कोई नहीं बुलाने जाता है सिरचन को।क्या … Read more

कामायनी ( जयशंकर प्रसाद ) – आनन्द सर्ग

( ‘कामायनी’ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है | सन 1936 में प्रकाशित यह महाकाव्य आलोचनात्मक दृष्टि से खड़ी बोली हिंदी का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य माना जाता है | ) चलता था धीरे-धीरे, वह एक यात्रियों का दल;सरिता के रम्य पुलिन में, गिरि पथ से, ले निज संबल ।था सोम लता से आवृत्त, वृष धवल … Read more

वायुमंडल : संघटन तथा परतें

वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर गैसों के मिश्रण का एक विशाल आवरण है जो कई सौ किलोमीटर मोटा है | इस आवरण को ही वायुमंडल कहा जाता है | यह सौर विकिरण की लघु तरंगों के लिए पारदर्शी है लेकिन पार्थिव विकिरण की लंबी तरंगों के लिए अपारदर्शी है | इस प्रकार यह पृथ्वी पर … Read more

मलबे का मालिक ( मोहन राकेश )

पूरे साढ़े सात साल के बाद वे लोग लाहौर से अमृतसर आए थे। हॉकी का मैच देखने का तो बहाना ही था, उन्हें ज्यादा चाव उन घरों और बाजारों को फिर से देखने का था जो साढ़े सात साल पहले उनके लिए पराए हो गए थे। हर सड़क पर मुसलमानों की कोई-न-कोई टोली घूमती नजर … Read more

घनानंद के पद

( यहाँ KU / MDU / CDLU विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित बी ए प्रथम सेमेस्टर -हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ में संकलित घनानंद के पद दिए गए हैं | ) 1 झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजति काननि छ्वै ।हंसि बोलन में छबि-फूलन की, बरखा उर ऊपर जाति है ह्वै | लोल … Read more

‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय

( ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जो हिंदी साहित्य जगत में ‘रोज’ नाम से प्रसिद्ध है | ) दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानोउस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किन्तु फिर भी … Read more

रसखान के पद

रसखान के पद एकनिष्ठ भक्ति और रसमयता के लिए प्रसिद्ध हैं | यहाँ हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित बी ए प्रथम सेमेस्टर ( हिंदी ) पाठ्य पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ में संकलित रसखान के पद दिए गए हैं | 1 मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।जो पशु हौं तो … Read more

नागार्जुन का साहित्यिक परिचय / जीवन परिचय

जीवन-परिचय नागार्जुन जी हिंदी के जनवादी कवियों में प्रमुख स्थान रखते हैं | नागार्जुन इनका उपनाम है। इनका मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र है। हिंदी साहित्य जगत में ये ‘यात्री’ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं | इनका जन्म बिहार के दरभंगा जनपद में स्थित सतलखा गाँव में सन् 1911 ई. में हुआ। इनकी प्रारमिय शिक्षा … Read more

error: Content is proteced protected !!