हरियाणवी भाषा की प्रमुख बोलियां ( Haryanvi Bhasha Ki Pramukh Boliyan )

हरियाणवी भाषा से अभिप्राय हरियाणा प्रदेश की भाषा से है | हरियाणा प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा को ‘हरियाणवी‘ कहा जाता है | हरियाणवी भाषा हरियाणा प्रदेश के लोगों से जुड़ी हुई भाषा है जो यहां के लोगों के पारस्परिक वैचारिक आदान -प्रदान का प्रमुख साधन है | हरियाणवी भाषा को बांगरू, कौरवी, दक्षिणी … Read more

संपादक : गुण व दायित्व ( Sampadak : Gun V Dayitv )

संपादक ( Sampadak ) समाचार पत्र रूपी जलयान का कप्तान होता है | वह समाचार पत्र के विभिन्न क्षेत्रों का संचालन व नियमन करता है | वह संस्था के विभिन्न कर्मचारियों – संवाददाता, उप-संपादक, सह-संपादक , विज्ञापन-प्रबंधक आदि के मध्य समन्वय स्थापित करता है | समाचार पत्र की नीति के परिपालन का दायित्व उसका होता … Read more

फीचर का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ / गुण

फीचर आधुनिक युग की नवीन विधा है | यह विधा पत्रकारिता के क्षेत्र में हाल ही में विकसित हुई है | समाचार पत्रों के चार प्रमुख अंग होते हैं – समाचार, लेख, फीचर तथा चित्र | फीचर एक विशेष आलेख होता है | अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण यह अन्य तीन अंगों से सर्वथा भिन्न … Read more

इमारतें, चित्र तथा किताबें ( इतिहास, कक्षा-6) ( Buildings, Paintings and Books )

इमारतें, चित्र तथा किताबें प्राचीन भारत के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक इतिहास को जानने के महत्त्वपूर्ण व विश्वासनीय स्रोत हैं | इतिहास इनके आधार पर इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं | लौह स्तंभ : महरौली (दिल्ली) में कुतुबमीनार के परिसर में एक लौह स्तंभ खड़ा है |  इसकी ऊंचाई 7.2 मीटर तथा वजन 3 … Read more

नये साम्राज्य और राज्य ( इतिहास, कक्षा-6) ( New Empires And Kingdoms )

( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘नये साम्राज्य और राज्य’ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | ) ◾चंद्रगुप्त  प्रथम ( Chandragupta l ) ने 320 ई० में राजगद्दी संभाली उसने 320 ई० से 335 ई० तक शासन किया । वह प्रथम गुप्त … Read more

व्यापारी, राजा और तीर्थ यात्री ( इतिहास, कक्षा-6) ( Traders, Kings and Pilgrims )

( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘व्यापारी, राजा और तीर्थ यात्री’ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | ) ▪दक्षिण भारत सोना , मसाले और ख़ास तौर पर काली मिर्च व क़ीमती पत्थरों के लिए प्रसिद्ध था । काली मिर्च की रोमन साम्राज्य … Read more

शीर्षक-लेखन का महत्त्व एवं विशेषताएँ

समाचार, निबंध, कहानी, उपन्यास व किसी भी साहित्यिक विधा में शीर्षक का विशेष महत्त्व है | समाचार-लेखन में शीर्षक-लेखन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है | प्रायः समाचार पत्रों के पाठक शीर्षक को देखकर ही उसे पढ़ने या छोड़ने का निर्णय लेते हैं | अतः समाचार के शीर्षक का सरल, संक्षिप्त और जिज्ञासावर्धक होना … Read more

खुशहाल गांव व समृद्ध शहर ( इतिहास, कक्षा-6) ( Vital Villages, Thriving Town )

( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘खुशहाल गांव व समृद्ध शहर’ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | ) ◾भारतीय उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग लगभग 3000 साल पहले शुरू हुआ । महापाषाण क़ब्रों में लोहे के हथियार और औज़ार बड़ी संख्या में … Read more

अशोक एक अनोखा सम्राट जिसने युद्धों का त्याग कर दिया ( कक्षा -6)

( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘अशोक एक अनोखा सम्राट जिसने युद्धों का त्याग कर दिया’ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | ) ◾ मौर्य वंश की स्थापना ( Maurya Vansh Ki Sthapana ) लगभग 2300 साल पहले चंद्रगुप्त मौर्य ने की … Read more

नये प्रश्न नये विचार ( इतिहास, कक्षा-6 ) ( New Questions And Ideas )

( यहाँ NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की पाठ्य पुस्तक ‘हमारे अतीत-1’ में संकलित ‘नये प्रश्न नये विचार ‘ अध्याय के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को संकलित किया गया है | ) ◼️ बौद्ध धर्म की स्थापना ( Baudh Dharm Ki Sthapna ) महात्मा बुद्ध ने की थी । उनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ था | उनको  … Read more

चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण ( ध्रुवस्वामिनी )

‘ध्रुवस्वामिनी’ ( Dhruvswamini ) जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है | नाटक के शीर्षक से ही पता चलता है कि नाटक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र ध्रुवस्वामिनी है | नाटक के पुरुष पात्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र चंद्रगुप्त, रामगुप्त,  शिखर स्वामी और शकराज हैं | नाटक में चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण नायक के रूप … Read more

ध्रुवस्वामिनी नाटक की कथावस्तु की समीक्षा

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी नाटक विधा को नए आयाम प्रदान किए | उन्होंने  प्राय: ऐतिहासिक नाटक लिखे हैं | ध्रुवस्वामिनी नाटक भी एक ऐतिहासिक नाटक है परन्तु प्रसाद जी ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा के बल पर ध्रुवस्वामिनी नाटक की कथावस्तु को साहित्यिक रोचकता व रसमयता प्रदान कर दी है | प्रस्तुत नाटक में प्रसाद जी ने … Read more

ध्रुवस्वामिनी नाटक की तात्विक समीक्षा

‘ध्रुवस्वामिनी‘ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है | इस नाटक में सम्राट समुद्रगुप्त के पश्चात के उस काल को दिखाया गया है जिसमें गुप्त वंश की बागडोर एक निर्बल व कायर शासक रामगुप्त के हाथों में आ गई थी और गुप्त वंश पतन की ओर अग्रसर था | यद्यपि सम्राट समुद्रगुप्त अपने छोटे … Read more

ध्रुवस्वामिनी का कथानक/कथासार ( Dhruvsvamini Ka Kathanak/kathasar )

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी नाटक विधा को नए आयाम प्रदान किए | उन्होंने प्राय: ऐतिहासिक नाटक लिखे हैं | ध्रुवस्वामिनी नाटक भी एक ऐतिहासिक नाटक है जिसे प्रसाद जी ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा के बल पर एक रसमय साहित्यिक रचना में परिवर्तित कर दिया है | ध्रुवस्वामिनी का कथानक गुप्त वंश के शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय … Read more

‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश की एक प्रसिद्ध एवं अति चर्चित कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन के परिणामस्वरूप उत्पन्न वैमनस्य का चित्रण करती है | ‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा कतिपय विद्वानों द्वारा निर्धारित छह तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ये छह तत्त्व निम्नलिखित हैं — (1) … Read more