भाषा का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप

भाषा का मूल अर्थ – बोलना या कहना है | साधारण शब्दों में मानव-मुख से निकलने वाली ध्वनियों को भाषा कहा जाता है | लेकिन मानव मुख से निकलने वाली प्रत्येक ध्वनि भाषा नहीं होती | वास्तव में मानव-मुख से निकलने वाली वह सार्थक ध्वनियां जो विचारों या भावों का संप्रेषण करती हैं, भाषा कहलाती … Read more

देवदारु ( आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी )

पता नहीं किसने इस पेड़ का नाम ‘देवदारु’ रख दिया था, नाम निश्चय ही पुराना है, कालिदास से भी पुराना, महाभारत से भी पुराना | सीधे ऊपर की ओर उठता है, इतना ऊपर की पास वाली चोटी के भी ऊपर उठ जाता है, एकदम द्युलोक ( स्वर्गलोक, आकाश या अंतरिक्ष ) को भेद करने की … Read more

भाषा के विविध रूप / भेद / प्रकार ( Bhasha Ke Vividh Roop / Bhed / Prakar )

सामान्य शब्दों में भाषा शब्द का प्रयोग मनुष्य की व्यक्त वाणी के लिए किया जाता है | भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाता है और दूसरों के विचार समझ पाता है | यद्यपि कुछ कार्य संकेतों और शारीरिक कष्टों के द्वारा किया जा सकता है लेकिन यह पर्याप्त … Read more

पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल’ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के ‘टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या विज्ञान का या कला के बारे में |इस आधार पर पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी विशिष्ट कला या विज्ञान की किसी शाखा से … Read more

गिल्लू : महादेवी वर्मा ( Gillu : Mahadevi Verma )

( गिल्लू ( महादेवी वर्मा ) एक संस्मरणात्मक निबंध है जिसमें लेखिका ने अपनी पालतू गिलहरी के जीवन – प्रसंगों का चित्रण किया है | ) सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है | इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिप कर … Read more

उत्साह : आचार्य रामचंद्र शुक्ल ( Utsah : Acharya Ramchandra Shukla )

दुख के वर्ग में जो स्थान भय का है, वही स्थान आनंद-वर्ग में उत्साह का है | दुख हम प्रस्तुत कठिन स्थिति के नियम से विशेष रूप में दुखी और कभी-कभी उस स्थिति से अपने को दूर रखने के लिए प्रयत्नवान् भी होते हैं | उत्साह में हम आने वाली कठिन स्थिति के भीतर साहस … Read more

पत्रकारिता के प्रकार / क्षेत्र या आयाम

आरंभ में पत्रकारिता केवल समाचारों के संकलन व प्रकाशन तक ही सीमित थी परंतु बढ़ती हुई जनसंख्या, लोगों की बदलती रुचियों, सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तनों और विज्ञान के नए-नए आविष्कारों ने पत्रकारिता को विविध आयामी बना दिया है | आज पत्रकारिता का क्षेत्र केवल समाचार पत्र तक सीमित न रहकर दूरदर्शन, आकाशवाणी, चलचित्र, इंटरनेट आदि क्षेत्रों तक … Read more

पत्रकारिता : अर्थ, परिभाषा, स्वरूप एवं महत्त्व

पत्रकारिता का सीधा संबंध समाचार पत्रों व पत्रिकाओं से है | कोई भी महत्वपूर्ण घटना जो लोगों को प्रभावित करती हो या जिससे लोग रोमांचित होते हों, समाचार कहलाती है | समाचार जिस पत्र में प्रकाशित होते हैं, वह समाचार पत्र कहलाते हैं और जिस प्रक्रिया के माध्यम से समाचार लिखित रूप तक पहुंचते हैं, … Read more

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt )

( ‘आशा का अंत’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेख है जो ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी नीतियों व कुशासन पर तीखा प्रहार करता है | ) माई लार्ड! अब के आप के भाषण ने नशा किरकिरा कर दिया | संसार के सब दु:खों और समस्त चिंताओं को जो शिवशंभू शर्मा दो चुल्लू बूँटी पीकर … Read more

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ( Baba Saheb Bheemrav Ambedkar )

( यहाँ NCERT की बारहवीं कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखित दो विचारात्मक लेख दिए गए हैं – श्रम विभाजन और जाति प्रथा व मेरी कल्पना का आदर्श समाज ) श्रम विभाजन और जाति प्रथा : डॉ बी आर अंबेडकर ( Shram Vibhajan Aur … Read more

शिरीष के फूल : हजारी प्रसाद द्विवेदी ( Shirish Ke Phool : Hajari Prasad Dwivedi )

( ‘शिरीष के फूल’ हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित प्रसिद्ध निबंध है जिसमें शिरीष के माध्यम से समाज तथा राजनीति के विभिन्न गूढ़ पक्षों को उजागर किया गया | निबंध में लालित्य, व्यंग्य तथा करुणा का अद्भुत समन्वय है | ) जहाँ बैठकर यह लेख लिख रहा हूँ उसके आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ, शिरीष के अनेक पेड़ … Read more

नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर ( Namak : Razia Sajjad Zaheer )

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित ‘नमक’ कहानी के मूल पाठ तथा अभ्यास के प्रश्नों को दिया गया है | ) उन सिख बीबी को देखकर सफिया हैरान रह गई थी, किस कदर वह उसकी माँ से मिलती थी | वही भारी भरकम जिस्म, छोटी-छोटी … Read more

चार्ली चैप्लिन यानी हम सब : विष्णु खरे

( यहाँ NCERT की 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित ‘चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ का मूल पाठ व अभ्यास के प्रश्न दिए गए हैं | ) यदि यह वर्ष चैप्लिन की जन्मशती का न होता तो भी चैपलिन के जीवन का एक महत्वपूर्ण वर्ष होता क्योंकि आज उनकी पहली … Read more

पहलवान की ढोलक : फणीश्वरनाथ रेणु

जाड़े का दिन | अमावस्या की रात – ठंडी और काली | मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव भर्यात्त शिशु की तरह थर-थर काँप रहा था | पुरानी और उजड़ी बाँस-फूस की झोपड़ियों में अंधकार और सन्नाटे का सम्मिलित साम्राज्य | अंधेरा और निस्तब्धता | अँधेरी रात चुपचाप आँसू बहा रही थी | निस्तब्धता करुण … Read more

काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती ( Kale Megha Pani De : Dharmveer Bharti )

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग -2’ में संकलित ‘काले मेघा पानी दे’ अध्याय के मूल पाठ तथा अभ्यास के प्रश्नों को दिया गया है | ) उन लोगों के दो नाम थे – इंदर सेना या मेढक-मंडली | बिल्कुल एक दूसरे के विपरीत | जो लोग उनके … Read more