लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप ( Lakshman Murcha Aur Ram Ka Vilap ) : तुलसीदास

( यहाँ कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित तुलसीदास कृत रामचरितमानस से अवतरित ‘लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप’ काव्यांश का मूल पाठ तथा सप्रसंग व्याख्या दी गई है | ) दोहा तव प्रताप उर राखि प्रभु जैहउँ नाथ तुरंत ।अस कहि आयसु पाइ पद बंदि चलेउ हनुमंत ॥ … Read more

कवितावली ( तुलसीदास )

( यहाँ NCERT की हिंदी की कक्षा 12वीं की पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कवितावली ( तुलसीदास ) की व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं | ) किसबी, किसान-कुल, बनिक, भिखारी, भाट, चाकर, चपल नट, चोर, चार, चेटकी | पेटको पढ़त, गुन गढ़त, चढ़त गिरि, अटत गहन-गन अहन अखेटकी || … Read more

गज़ल ( फिराक गोरखपुरी )

( यहाँ कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित ‘गज़ल ‘( फिराक गोरखपुरी ) की व्याख्या दी गई है |) नौरस गुंचे पंखड़ियों की नाजुक गिरहें खोले हैं या उड़ जाने को रंगो-बू गुलशन में पर तोले हैं | (1) प्रसंग — प्रस्तुत काव्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ … Read more

रुबाइयाँ ( Rubaiyan ) : फिराक गोरखपुरी

आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी हाथों पे झूलाती है उसे गोद-भरी रह-रह के हवा में जो लोका देती है गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी | (1) प्रसंग — प्रस्तुत काव्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संस्कृत कविता ‘रुबाइयाँ’ में से अवतरित है | इसके शायर फिराक गोरखपुरी जी … Read more

बगुलों के पंख ( Bagulon Ke Pankh ) : उमाशंकर जोशी

नभ में पाँती-बँधे बगुलों के पंख, चुराए लिए जाती वे मेरी आँखें | कजरारे बादलों की छाई नभ छाया, तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया | होले होले जाती मुझे बांध निज माया से | उसे कोई तनिक रोक रक्खो | वह तो चुराए लिए जाती मेरी आँखें नभ में पाँती-बँधे बगुलों की पाँखें | … Read more

छोटा मेरा खेत ( उमाशंकर जोशी )

छोटा मेरा खेत चौकोना कागज का एक पन्ना, कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहां बोया गया | कल्पना के रसायनों को पी बीज गल गया नि:शेष ; शब्द के अंकुर फूटे, पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष | (1) प्रसंग – प्रस्तुत काव्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कविता ‘छोटा … Read more

उषा ( Usha ) शमशेर बहादुर सिंह

प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे भोर का नभ राख से लीपा हुआ चौका ( अभी गीला पड़ा है ) बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो सलेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे … Read more

सहर्ष स्वीकारा है ( गजानन माधव मुक्तिबोध )

जिंदगी में जो कुछ है, जो भी है सहर्ष स्वीकारा है ; इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है | गरबीली गरीबी यह, ये गंभीर अनुभव सब यह विचार-वैभव सब दृढ़ता यह, भीतर की सरिता यह अभिनव सब मौलिक है, मौलिक है इसलिए कि पल-पल में जो कुछ भी जाग्रत है … Read more

कैमरे में बंद अपाहिज ( रघुवीर सहाय )

हम दूरदर्शन पर बोलेंगे हम समर्थ शक्तिमान हम एक दुर्बल को लाएंगे एक बंद कमरे में उससे पूछेंगे तो आप क्या अपाहिज हैं ? तो आप क्यों अपाहिज हैं? आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा देता है ? ( कैमरा दिखाओ इसे बड़ा बड़ा ) हाँ तो बताइए आपका दुख क्या है ? जल्दी बताइए … Read more

पतंग ( आलोक धन्वा )

( यहाँ NCERT की हिंदी की पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित आलोक धन्वा द्वारा रचित कविता ‘पतंग’ की सप्रसंग व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं | ) सबसे तेज बौछारें गयी भादो गया सवेरा हुआ खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा शरद आया पुलों को पार करते हुए अपनी नई … Read more

कविता के बहाने ( कुंवर नारायण )

( यहाँ NCERT हिंदी की 12वीं की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कुंवर नारायण द्वारा रचित कविता ‘कविता के बहाने’ की सप्रसंग व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं | ) कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने बाहर भीतर इस घर, उस … Read more

बात सीधी थी पर ( कुंवर नारायण )

( ‘बात सीधी थी पर’ कुंवर नारायण द्वारा रचित कविता है जिसमें भाषा के सरल, सहज व स्वाभाविक प्रयोग का संदेश दिया गया है | कवि के मतानुसार कभी-कभी आकर्षक शब्दों के चयन से भाषा अपने उद्देश्य से भटक जाती है और भावाभिव्यक्तति नहीं हो पाती | ) बात सीधी थी पर एक बार भाषा … Read more

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है ( हरिवंश राय बच्चन )

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ की व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्नों का उत्तर दिया गया है | ) हो जाए न पथ में रात कहीं, मंजिल भी तो है दूर नहीं – यह सोच थका … Read more

आत्मपरिचय ( Aatm Parichay ) : हरिवंश राय बच्चन

( यहाँ NCERT की कक्षा 12वीं की हिंदी की पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘आत्मपरिचय’ की व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं ) मैं जग जीवन का भार लिए फिरता हूँ ; फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ ; कर दिया किसी ने … Read more

सामान्य ज्ञान -1 ( Samanya Gyan -1)

भारत ( Bharat ) 🔹 क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन सा स्थान है? उत्तर – सातवां | 🔹 जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन सा स्थान है? उत्तर – दूसरा | 🔹 भारत के दक्षिण-पश्चिम में कौन सा सागर है? उत्तर – अरब सागर | 🔹 भारत के … Read more