रथ का टूटा पहिया ( Rath Ka Tuta Pahiya ) : डॉ धर्मवीर भारती
मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ | लेकिन मुझे फेंको मत | क्या जाने कब इस दुरूह चक्रव्यूह में अक्षौहिणी सेनाओं को चुनौती देता हुआ कोई दुस्साहसी अभिमन्यु आकर घिर जाये | अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी बड़े-बड़े महारथी अकेली निहत्थी आवाज को अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहे तब मैं रथ … Read more