पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत

डॉक्टर जीन पियाजे स्विट्जरलैंड के मनोवैज्ञानिक थे | उन्होंने संज्ञानात्मक विकास ( Cognitive Development ) का सिद्धांत दिया | 🔹 उसने स्वयं के बच्चों पर अध्ययन किया | जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते गए उनके मानसिक विकास का वे बारीकी से अध्ययन करते रहे | 🔹 उसने कहा कि बच्चों में बुद्धि का विकास उनके जन्म … Read more

लिव वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास/ Lev Vygotsky’s Theory Of Cognitive Development

लेव वाइगोत्सकी( Lev Vygotsky ) रूस के एक मनोवैज्ञानिक थे | वाइगोत्सकी ने बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं उसके सांस्कृतिक संबंधों को एक महत्वपूर्ण आयाम घोषित किया | पियाजे की तरह वाइगोत्सकी भी यह मानते थे कि बच्चे ज्ञान का निर्माण ( अर्जन ) करते हैं किंतु वाइगोत्सकी के अनुसार संज्ञानात्मक विकास एकाकी … Read more

विलोम शब्द / Vilom Shabd

वक्र – ऋजु गृहीत – अर्पित संशय – निश्चय आदि – अन्त अधम – उत्तम देवता – राक्षस/दैत्य / दानव सुरु – असुर करुण – निष्ठुर संन्यासी – गृहस्थ उपर्युक्त – निम्नांकित बर्बर – सभ्य प्रज्ञ – मूढ़ सम्पदा – विपदा देव – दानव/दैत्य प्रसार – संकीर्ण अंधेरा – उजाला तृषा – तृप्ति आय – … Read more

Type A and Type B Personality Theory

Type A और Type B व्यक्तित्त्व सिद्धांत का प्रतिपादन फ्रीडमन ( Friedman ) ने किया | व्यक्तित्त्व-अ ( Personality A) फ्रीडमन ( Friedman ) के अनुसार व्यक्तित्व-अ ( Personality A) प्रकार के व्यक्तियों में निम्नलिखित लक्षण होते हैं :- 🔹 इस प्रकार के व्यक्ति महत्वाकांक्षी ( Ambitious ) होते हैं | ये एक साथ कई … Read more

समावेशित शिक्षा/ Inclusive Education

समावेशित शिक्षा ( समावेशी शिक्षा ) का तात्पर्य है एक ऐसी पद्धति से है जिसका उद्देश्य समान अवसर तथा सभी की पूर्ण सहभागिता प्राप्त करने के लिए उपयुक्त माहौल उत्पन्न करना है | 🔹 समावेशन का अर्थ है कि स्कूल की संरचना समुदाय के रूप में की जाए जहां सभी बच्चे एक साथ सीख सकें … Read more

अर्थ परिवर्तन के कारण ( Arth Parivartan Ke Karan )

            भाषा में अर्थ परिवर्तन ( Bhasha Me Arth Parivartan ) लगातार चलता रहता है | कारण यह है कि अर्थ का संबंध मन से है और मन विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों से प्रभावित होता रहता है | अर्थ परिवर्तन पहले व्यक्तिगत स्तर पर होता है परंतु बाद में यह … Read more

महाजनपद काल : प्रमुख जनपद, उनकी राजधानियां, प्रमुख शासक ( Mahajanpad Kaal : Pramukh Janpad, Unki Rajdhaniyan, Pramukh Shasak )

छठी सदी ईस्वी पूर्व में कृषि, उद्योग एवं शिल्प के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई और उत्तर वैदिक काल के जनपदों ने महाजनपदों का रूप धारण कर लिया | बौद्ध ग्रंथ अगुंतर निकाय में सोलह महाजनपदों का उल्लेख है | जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में भी हमें 16 महाजनपदों की जानकारी मिलती है | 16 … Read more

शब्द एवं अर्थ : परिभाषा एवं दोनों का पारस्परिक संबंध ( Shabd Evam Arth : Paribhasha Evam Parasparik Sambandh )

                    शब्द की अवधारणा              ( Shabd Ki Avdharna )  साधारण शब्दों में वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं अर्थात जब कुछ वर्ण जुड़कर ऐसी संरचना बनाते हैं जो किसी अर्थ की ओर संकेत करे, उसे शब्द कहते हैं … Read more

रूपिम की अवधारणा : अर्थ, परिभाषा और भेद ( Rupim Ki Avdharna : Arth, Paribhasha Aur Bhed )

  भाषा विज्ञान की दृष्टि से वाक्य भाषा की प्रथम महत्वपूर्ण सार्थक इकाई है परंतु वाक्य को अनेक खंडों में विभाजित किया जा सकता है यह खंड ही पद या रूप कहलाते हैं |  जब तक कोई शब्द केवल शब्दकोश तक सीमित होता है या वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता तब तक वह केवल शब्द … Read more

प्रेस की स्वतंत्रता ( Press Ki Svatantrta )

 जब से आधुनिक प्रेस की स्थापना हुई है तभी से प्रेस  की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाते रहे हैं | विशेषत: जब पत्रकारिता सरकार के विरुद्ध मुखर होती है तो प्रेस की आजादी पर खतरा मंडराने लगते हैं | 1878 ईस्वी में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट से लेकर 1975 की इमरजेंसी के समय … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2( Educational Psychology -2 )

          शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2 👉 अंत:दृष्टि अधिगम सिद्धांत में वस्तु की किस स्थिति पर ध्यान दिया जाता है? ▪️ संपूर्ण स्थिति पर 👉 स्टैनले हॉल ( Stanley Hall ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत कौन सा है? ▪️ पुनरावृति का सिद्धांत 👉 स्पीयरमैन ( Spearman ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत में किस प्रकार … Read more

हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग : भक्तिकाल ( Hindi Sahitya Ka Swarn Yug :Bhaktikal )

      हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग : भक्तिकाल  ‘भक्तिकाल’ की समय सीमा संवत् 1375 से 1700 संवत् तक मानी  जाती है । भक्तिकाल हिंदी साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण काल है जिसे इसकी विशेषताओं के कारण इसे स्वर्ण युग कहा जाता है । राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से अंतर्विरोधों से परिपूर्ण … Read more

महात्मा गाँधी : असहयोग आंदोलन ( Mahatma Gandhi : Asahyog Aandolan )

         असहयोग आंदोलन : कारण और प्रमुख घटनाएं  ( Asahyog Andolan : Karan और Pramukh Ghatnayen ) प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् महात्मा गाँधी  ने भारतीय राजनीति  में प्रवेश किया | कुछ दिनों के पश्चात् वे कांग्रेस  के अपरिहार्य सदस्य बन गए | महात्मा गाँधी के नेतृत्त्व में कांग्रेस व भारतीय स्वतंत्रता … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -1 ( Shiksha Manovigyan Prashnottari -1)

         शिक्षा-मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी 👉 गेस्टाल्टवाद ( Gestaltvad )  का जन्मदाता किसे माना जाता है?▪️ वर्दीमर ( Wertheimer ) ( जर्मनी )👉 “शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति की जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है |” यह कथन किसका है?▪️ क्रो एंड क्रो👉 पावलव ( Pavlov ) … Read more

मूल्यांकन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, आवश्यकता एवं महत्त्व ( Evaluation : Meaning, Definition, Characteristics, Importance )

      मूल्यांकन : अर्थ,  परिभाषा और विशेषताएं (Mulyankan : Arth, Paribhasha Aur Visheshtayen )    ◼️ मूल्यांकन का अर्थ ( Meaning Of Evaluation )  मूल्यांकन अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है | यह पढ़ाने में अध्यापकों की तथा सीखने में विद्यार्थियों की मदद करता है |मूल्यांकन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है … Read more