शाहरुख़ खान : पिक्चर अभी बाकी है

चाँद तारे तोड़ लाऊँसारी दुनिया पर मैं छाऊँबस इतना सा ख़ाब है…… ये गीत जिस नायक पर फिल्माया गया है मानो उस नायक की अपनी महत्त्कांक्षाओं की अभिव्यक्ति था जिसे उसने न केवल पूरा किया बल्कि निरंतर चाँद तारों को समेटने और दुनिया पर छाने की उसकी हसरत के आगे मानो आज ये फलक और … Read more

श्रद्धा हत्याकांड

आफ़ताब-श्रद्धा प्रकरण के बाद दिल्ली में होने वाले एक और भयानक हत्याकांड ने समाजशास्त्रीयों को सोचने पर मजबूर कर दिया है | हालाँकि कुछ लोग श्रद्धा हत्याकांड को लव जेहाद के तौर पर देख रहे हैं लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में ही ठीक इसी प्रकार के हत्याकाण्ड के अन्य उदाहरण स्पष्ट रूप से संकेत … Read more

ई-मेल ( E-mail ) : अर्थ, परिभाषा और प्रक्रिया

ई-मेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है | इसमें नेटवर्क द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक शीघ्र ही सूचना का संचार किया जाता है | इस प्रकार भेजी गई सूचना को दूसरे कंप्यूटर पर पढ़ा जा सकता है व उसको सुरक्षित रखा जा सकता है | आवश्यकता पड़ने पर उस सूचना का मुद्रण भी … Read more

कबीर की सामाजिक चेतना ( Kabir Ki Samajik Chetna )

कबीरदास जी भक्ति काल की निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि माने जाते हैं | यद्यपि वे मुख्यतः संत हैं तथापि उनकी वाणी में काव्यत्व के सभी गुण मिलते हैं | उनकी काव्य में भक्ति परक पदों के साथ-साथ सामाजिक चेतना का का स्वर भी दिखाई देता है | जाति प्रथा, भेदभाव, छुआछूत, मूर्ति पूजा … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए प्रथम सेमेस्टर – हिंदी )

(1) यह प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ से चार पद्यांश व्याख्या के लिए दिए जाएंगे | परीक्षार्थी को किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा | (i) कबीरदास के पदों की व्याख्या ( बी ए – … Read more

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत

भारतवर्ष का प्राचीन इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण रहा है दुर्भाग्यवश हम प्राचीन इतिहास को सामग्री के अभाव में पूर्णत: पुनर्निर्मित करने में असमर्थ हैं | इसके अतिरिक्त प्राचीन भारत में यूनान, रोम आदि देशों की भांति इतिहास लेखकों का सदा अभाव रहा है | विदेशियों ने यहाँ तक आरोप लगाया है कि प्राचीन भारतीयों में इतिहास-बुद्धि … Read more

प्राचीन भारत में विवाह प्रणाली

प्राचीन भारत में जिस प्रकार वर्ण व जाति व्यवस्था को लेकर विभिन्न नियम स्थापित किये गए थे उसी प्रकार विवाह संस्कार को भी विभिन्न नियमों में बांधा गया था | वैदिक काल में विवाह को कानूनी बंधन न मानकर धार्मिक बंधन स्वीकार किया गया था | वैदिक समाज में विवाह जीवन के विभिन्न कार्यों को … Read more

ऋग्वैदिक काल / वैदिक काल का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक जीवन

वैदिक सभ्यता हड़प्पा सभ्यता के लगभग 1000 वर्ष के पश्चात विकसित हुई | वैदिक सभ्यता को ऋग्वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल में बांटा जाता है | इसका काल 1500 ईo पूo से 500 ईo पूo माना जाता है | 1500ईo पूo से 1000 ईo पूo तक ऋग्वैदिक काल काल तथा 1000 ईo पूo से … Read more

स्वामी महावीर का जीवन और उनकी शिक्षाएँ ( Life and Teachings of Lord Mahavira )

स्वामी महावीर प्राचीन भारत के महान दार्शनिक कहे जा सकते हैं | उन्होंने धर्म के विषय में नई दृष्टि का प्रतिपादन किया जो वैदिक धर्म से कहीं अधिक तार्किक एवं व्यावहारिक है | उन्होंने धर्म को सभी मनुष्यों के लिए सुलभ एवं ग्राह्य बनाया | यद्यपि स्वामी महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थकर … Read more

अशोक का धम्म ( Ashoka’s Dhamma )

अशोक का निजी धर्म तो बौद्ध था, परन्तु जो लोग बौद्ध धर्म का अनुकरण नहीं कर सकते थे, उनके लिए एक नए धर्म का आविष्कार किया। महान अशोक अपनी प्रजा के भविष्य का भी सुधार करना चाहता था। उसने कुछ नैतिक नियमों का संग्रह किया। इस संग्रह में उसने बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिन्दू धर्म … Read more

मौर्यकालीन कला और स्थापत्य कला

मौर्यकाल भारतीय इतिहास में राजनीतिक दृष्टि से स्थिर व परिपक्व आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ एवं कला की दृष्टि से सम्पन्न था। इस बात की पुष्टि तत्कालीन साहित्यिक एवं पुरातात्विक दोनों ही प्रकार के स्रोतों से होती है। इन स्रोतों में सम्राट अशोक के बनवाए हुए बौद्ध स्तूप, विहार, गुफाएँ तथा स्तम्भ विशेष उल्लेखनीय हैं। कला … Read more

कुषाणकालीन स्थापत्य कला, साहित्य और विज्ञान

कुषाणकाल में भी कला का विकास मुख्यत: राज्य के प्रयासों से हुआ परन्तु बहुत-से कला-प्रेमी धनी लोगों ने भी कलाकारों को संरक्षण दिया। इस काल में कला सम्बन्धी गतिविधियाँ मुख्यतः धर्म से जुड़ी हुई थीं। कुषाणकालीन वास्तुकला, मूर्तिकला, साहित्य तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास का वर्णन इस प्रकार है — (1) वास्तु कला (Architecture) वास्तुकला … Read more

साहित्य अकादमी पुरस्कार

हिमतरंगिनी (काव्य) –माखनलाल चतुर्वेदी ( 1955 ई० ) पद्मावत संजीवनी व्याख्या (टीका/व्याख्या) –वासुदेवशरण अग्रवाल – 1956 ई० बुद्ध धर्म दर्शन– आचार्य नरेंद्र देव–1957 ई० मध्य एशिया का इतिहास (इ०) — राहुल सांकृत्यायन–1958 ई० संस्कृति के चार अध्याय (नि०) — ‘दिनकर’ — 1959 ई० कला और बूढा चाँद (काव्य) – पंत — 1960 ई० भूले-बिसरे चित्र … Read more

रक्खा पहलवान का चरित्र-चित्रण ( मलबे के मालिक )

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है जो हम भारत-पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण करती है | गनी मियां के बाद रक्खा पहलवान इस कहानी का दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र कहा जा सकता है | संपूर्ण कहानी रक्खा और गनी के चरित्रों के इर्द-गिर्द ही घूमती है | … Read more

मलबे का मालिक कहानी में यथार्थबोध

‘मलबे का मालिक’ कहानी मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन की त्रासदी का मार्मिक वर्णन करती है | प्रस्तुत कहानी तात्कालिक जीवन की यथार्थ अभिव्यक्ति कही जा सकती है | प्रस्तुत कहानी जहां एक तरफ भारत विभाजन के समय फैली सांप्रदायिक हिंसा और संवेदनहीनता का वर्णन करती है … Read more