मौर्यकालीन कला और स्थापत्य कला

मौर्यकाल भारतीय इतिहास में राजनीतिक दृष्टि से स्थिर व परिपक्व आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ एवं कला की दृष्टि से सम्पन्न था। इस बात की पुष्टि तत्कालीन साहित्यिक एवं पुरातात्विक दोनों ही प्रकार के स्रोतों से होती है। इन स्रोतों में सम्राट अशोक के बनवाए हुए बौद्ध स्तूप, विहार, गुफाएँ तथा स्तम्भ विशेष उल्लेखनीय हैं। कला … Read more

कुषाणकालीन स्थापत्य कला, साहित्य और विज्ञान

कुषाणकाल में भी कला का विकास मुख्यत: राज्य के प्रयासों से हुआ परन्तु बहुत-से कला-प्रेमी धनी लोगों ने भी कलाकारों को संरक्षण दिया। इस काल में कला सम्बन्धी गतिविधियाँ मुख्यतः धर्म से जुड़ी हुई थीं। कुषाणकालीन वास्तुकला, मूर्तिकला, साहित्य तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास का वर्णन इस प्रकार है — (1) वास्तु कला (Architecture) वास्तुकला … Read more

साहित्य अकादमी पुरस्कार

हिमतरंगिनी (काव्य) –माखनलाल चतुर्वेदी ( 1955 ई० ) पद्मावत संजीवनी व्याख्या (टीका/व्याख्या) –वासुदेवशरण अग्रवाल – 1956 ई० बुद्ध धर्म दर्शन– आचार्य नरेंद्र देव–1957 ई० मध्य एशिया का इतिहास (इ०) — राहुल सांकृत्यायन–1958 ई० संस्कृति के चार अध्याय (नि०) — ‘दिनकर’ — 1959 ई० कला और बूढा चाँद (काव्य) – पंत — 1960 ई० भूले-बिसरे चित्र … Read more

रक्खा पहलवान का चरित्र-चित्रण ( मलबे के मालिक )

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है जो हम भारत-पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण करती है | गनी मियां के बाद रक्खा पहलवान इस कहानी का दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र कहा जा सकता है | संपूर्ण कहानी रक्खा और गनी के चरित्रों के इर्द-गिर्द ही घूमती है | … Read more

मलबे का मालिक कहानी में यथार्थबोध

‘मलबे का मालिक’ कहानी मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन की त्रासदी का मार्मिक वर्णन करती है | प्रस्तुत कहानी तात्कालिक जीवन की यथार्थ अभिव्यक्ति कही जा सकती है | प्रस्तुत कहानी जहां एक तरफ भारत विभाजन के समय फैली सांप्रदायिक हिंसा और संवेदनहीनता का वर्णन करती है … Read more

गनी का चरित्र-चित्रण ( मलबे का मालिक )

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश द्वारा रचित एक सुप्रसिद्ध कहानी है | यह कहानी भारत-विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण करती है | गनी ‘मलबे का मालिक’ कहानी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र कहा जा सकता है | वह एक बूढ़ा व्यक्ति है | भारत के विभाजन के समय वह पाकिस्तान चला गया था | उसका … Read more

मधूलिका का चरित्र-चित्रण ( पुरस्कार )

मधूलिका जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कहानी ‘पुरस्कार’ की सर्वाधिक प्रमुख पात्र है | उसे कहानी की नायिका कहा जा सकता है | यदि कहानी की विषय-वस्तु तथा मुख्य भाव को ध्यान में रखा जाये तो मधुलिका इस कहानी की सबसे प्रमुख पात्र है | उसके सामने कहानी का नायक गौण प्रतीत होता है | मधुलिका … Read more

हामिद का चरित्र-चित्रण

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक ह्रदय-स्पर्शी कहानी है | हामिद इस कहानी का केंद्रीय पात्र है | कहानी एक अनाथ बच्चे हामिद की बाल-सुलभ आकांक्षाओं, कल्पनाओं, आशाओं, जिज्ञासाओं से गुजरती हुई एक ऐसे अंजाम तक पहुंचती है जहां वह सभी बाल-सुलभ बातों को छोड़कर प्रेम और त्याग की एक ऐसी मिसाल प्रस्तुत करता है … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए चतुर्थ सेमेस्टर – हिंदी )

(1) इस प्रश्न में हिंदी की निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘कथाक्रम’ में दी गई कहानियों में से चार गद्यांश दिए जायेंगे जिनमें से दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा — (i) ईदगाह : मुंशी प्रेमचंद ( Idgah : Munshi Premchand ) (ii) पुरस्कार ( जयशंकर प्रसाद ) (iii) … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए षष्ठ सेमेस्टर – हिंदी )

(1) प्रथम प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसमें आपकी पाठ्य-पुस्तक ‘नव्यतर गद्य गौरव’ से चार अवतरण दिए जायेंगे जिनमें से कीन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 14 ( 7+7 ) अंक का होगा | (2) इस प्रश्न में दो गद्यकार दिए जाएंगे जिनमें से किसी एक का साहित्यिक परिचय लिखना होगा … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए द्वितीय सेमेस्टर – हिंदी )

प्रश्न – 1. व्याख्या — ध्रुवस्वामिनी ( जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नाटक ) से अवतरित चार गद्यांशों में से किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा | (2) ध्रुवस्वामिनी नाटक से निबंधात्मक प्रश्न ( दो में से एक करना होगा ) यह प्रश्न 8 अंक … Read more

कनिष्क की विजयें व अन्य उपलब्धियाँ

कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रतापी राजा था | वह एक महान विजेता, महान निर्माता, अच्छा प्रशासक तथा उत्साही धर्म प्रचारक था | उसके शासनकाल को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है | डॉ वी ए स्मिथ तथा सर जॉन मार्शल आदि के अनुसार वह 120 ईस्वी के लगभग राजा बना और उसने 42 वर्ष तक … Read more

संगम साहित्य ( Sangam Sahitya )

संगम साहित्य ( Sangam Sahitya ) तमिल भाषा में रचित है जो दक्षिण भारत की प्राचीनतम भाषा है | तमिल साहित्य का आरंभिक ज्ञात साहित्य संगम साहित्य ( Sangam Sahitya ) है | तमिल साहित्य की रचना मदुरै के पांड्य राजाओं के दरबार में कवियों का संघ होता था | इस संघ को ही संगम … Read more

समुद्रगुप्त की विजयें ( Conquests of Samudra Gupta )

समुद्रगुप्त ( Samudra Gupta ) गुप्त वंश ( Gupta Dynasty ) का एक प्रसिद्ध शासक था | वह चंद्रगुप्त प्रथम का पुत्र था | उसकी माता कुमार देवी लिच्छवी वंश से संबंध रखती थी | इसलिए उसे ‘लिच्छवी दौहित्र’ भी कहा जाता है | ऐसा माना जाता है कि वह अपने पिता चंद्रगुप्त का सबसे … Read more

हर्ष की उपलब्धियां ( Achievements of Harsha )

हर्ष के पिता का नाम प्रभाकर वर्धन था जो पुष्यभूति वंश से संबंध रखता था | प्रभाकर वर्धन का राज्य वर्तमान हरियाणा में था जिसकी राजधानी थानेसर थी | हर्ष का जन्म 590 ईस्वी में हुआ | उसकी माता का नाम यशोमती था | उसके बड़े भाई का नाम राज्यवर्धन तथा बहन का नाम राज्यश्री … Read more

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